यदि आप एक कंप्यूटर यूजर हैं तो सम्भव है कि आपको Virus क्या है? तथा वायरस से किसी सिस्टम पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जरुर पता होगा!
वायरस किसी भी कंप्यूटर के लिए वह द्वेषपूर्ण प्रोग्राम होते हैं. जिनका मकसद किसी कंप्यूटर में समाहित सूचनाओं को नष्ट करने में होता है. किसी कंप्यूटर में वायरस प्रवेश करने के अनेक कारण हो सकते हैं. अतः कंप्यूटर सिस्टम को वायरस से सुरक्षित रखना किसी यूज़र की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. अब सवाल आता है कि किस प्रकार कंप्यूटर को वायरस से सुरक्षित रखा जाए?
जिस प्रकार हर समस्या का समाधान होता है उसी प्रकार कंप्यूटर को Virus से सुरक्षित रखने का कार्य Antivirus का होता है. जी हाँ, Antivirus किसी भी सिस्टम में होना बेहद आवश्यक होता है. एक अच्छे Antivirus प्रोग्राम की मौजूदगी में आपका कंप्यूटर इंटरनेट, Pen Drive, USB Drive आदि विभिन्न स्रोतों से आने वाले वायरस को कंप्यूटर में इनस्टॉल होने से बचाता है. अतः यदि आप जानना चाहते हैं कि एंटीवायरस क्या है? यह किस प्रकार कार्य करता है तो यह लेख आपके लिए ही है. क्योंकि इस लेख में हम Antivirus से संबंधित अनेक जानकरी प्राप्त करने जा रहे हैं.
Antivirus क्या है – What is Antivirus in Hindi?
सरल शब्दों में समझें तो “एंटीवायरस वह सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम होता है, जो कंप्यूटर में गुप्त सभी Virus प्रोग्राम को डिलीट करने का कार्य करता है.” Antivirus को Anti-Malware सॉफ्टवेयर के रूप में भी जाना जाता है. क्योंकि यह सिस्टम में Malware, Spyware आदि द्वेषपूर्ण प्रोग्राम्स का पता लगाने तथा उन्हें डिलीट करने में सक्षम होता है.
Antivirus को मुख्यतः सिस्टम में छुपे वायरस का पता लगाने तथा उसे नष्ट करने के लिए निर्माण किया गया हैं. वर्तमान समय में अत्याधुनिक तकनीक के एंटीवायरस किसी सिस्टम में Adware, Spyware, Ransomware, Keyloggers, Backdoors, Trojan Horse आदि दुर्भाग्यवश प्रोग्राम से यूज़र के डेटा को सुरक्षित करता है. इसके साथ ही आपका यहाँ जानना जरूरी है Antivirus का इस्तेमाल न सिर्फ कंप्यूटर सिस्टम में बल्कि वर्तमान समय में सोशल इंजीनियरिंग, इंटरनेट बैंकिग, फिशिंग आदि से होने वाले ऑनलाइन हमलों से उपयोगकर्ता को बचाने के उद्देश्य से अनेक स्थानों पर किया जा रहा है.
अब सवाल आता है कि Antivirus किस तरह सिस्टम को Virus से बचाता है? आखिर एंटीवायरस कैसे कार्य करता है?
कोई भी एंटीवायरस अपने डेटाबेस में उपलब्ध जानकारी को फाइल्स के रूप में स्कैन करता है. यदि डेटाबेस में कोई पैटर्न समान (Duplicate) होता है तो इस स्थिति में एंटीवायरस उसे वायरस का नाम देता है.
जब भी कोई फाइल या प्रोग्राम सिस्टम में इनस्टॉल होता है तो एंटीवायरस उस फाइल या सॉफ्टवेयर को स्कैन करता है. यदि इनमें से कोई फ़ाइल या प्रोग्राम एंटीवायरस प्रोग्राम के विशिष्ट सूचक से मेल खाता है. तो एंटीवायरस उस प्रोग्राम को वायरस की श्रेणी में वर्गीकृत कर देता है. हालाँकि वायरस स्कैन करने के लिए प्रत्येक एंटीवायरस प्रोग्राम की भिन्न-भिन्न कार्य प्रणाली होती है.
जब एंटिवायरस द्वारा किसी वायरस अथवा बग को पहचान लिया जाता है. तब यह प्रोग्राम युजर को इस खतरनाक प्रोग्राम की जानकारी उपलब्ध करवाता है. और इसके साथ किये जाने वाले सलूक के विकल्प भी उपलब्ध करवाता हैं. युजर अपनी जानकारी और सुझाए गए विकल्पों के आधार पर किसी एक विकल्प का चुनाव करके वायरस को नष्ट कर देता है. इस तरह हमारा कम्प्युटर पुन: सुरक्षित हो जाता हैं.
एंटीवायरस का इतिहास क्या है – History of Antivirus in Hindi?
आज से 70 वर्ष पूर्व पहले कंप्यूटर वायरस का जन्म हुआ तथा पहला ज्ञात कंप्यूटर वायरस क्रीपर वायरस के नाम से जाना गया उस समय मेनफ्रेम कंप्यूटर प्रचलन में थे. तो यह वायरस मेनफ्रेम कंप्यूटर सिस्टम को संक्रमित करता था. इस वायरस को हटाने के लिए अनेक शोध कार्य किये गए.
अंततः “रे टॉमलिंसन” द्वारा क्रीपर वायरस को नष्ट करने के लिए एक प्रोग्राम बनाया गया जिसे “द रीपर” के नाम से भी जाना जाता था. क्रीपर वायरस के बाद अनेक वायरस का जन्म हुआ तथा वर्ष 1981 में “एल्क क्लोनर” नामक ज्ञात वायरस उत्पन्न हुआ जिसने एप्प्ल कंपनी के दूसरी सीरीज के कंप्यूटर पर वायरस हमला किया.
1980 के दशक से पूर्व इंटरनेट कनेक्टिविटी सीमित थी जिस वजह से संक्रमित फ्लॉपी डिस्क के जरिए एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में वायरस फैलते थे. परन्तु इंटरनेट के बढ़ते विकास की वजह से वायरस ऑनलाइन तेजी से फैलने लगे.
वर्ष 1987 में “एंड्रियास ल्युनिंग” तथा “काई फेज़” नामक व्यक्ति द्वारा पहला एंटीवायरस उत्पाद लॉन्च किया गया. वर्ष 1987 में ही McAfee कंपनी द्वारा Virus Scan नामक एंटीवायरस का पहला Version लॉन्च किया गया. McAfee इंटेल सुरक्षा कंपनी का एक हिस्सा थी.
समय के साथ वर्ष 1988 तक कई एंटीवायरस निर्माण करने वाली कंपनियों की संख्या में वृद्धि होती गई.
वर्ष 1987 में “फ्रेड कोहन” द्वारा कहे गए कथन के अनुसार “ऐसा कोई अल्गोरिथम नहीं है जो पूर्ण रूप से संभावित कंप्यूटर वायरस की जानकारी प्रदान कर सके” परन्तु वर्तमान समय में एंटीवायरस के जरिये काफी हद तक इन गुप्त वायरस के बारे में जानकारी प्राप्त कर नष्ट किया जा सकता है.
1990 में कंप्यूटर एंटीवायरस अनुसंधान संगठन (CARO) की स्थापना की गई. 1992 में AVG तकनीक का विकास किया गया. तथा इसी वर्ष एन्टी-वायरस गार्ड अर्थात प्रचलित AVG एंटीवायरस का पहला संस्करण लॉन्च किया गया. इस प्रकार समय के साथ विभिन्न कंपनियों द्वारा एंटीवायरस प्रोग्राम के निर्माण की ओर ध्यान दिया.
Antivirus की विशेषताएँ! तथा यह क्यों जरूरी हो गया है?
Background Scanning
हम आमतौर पर सिस्टम के बैक-एन्ड पर कई फाइल ओपन रखते हैं. एक एंटीवायरस प्रोग्राम उन सभी फाइल्स को स्कैन करता है जो सिस्टम को दुर्भाग्यपूर्ण हमलों से सुरक्षित रखने के साथ ही Real-Time सुरक्षा प्रदान करता है. अतः बैकग्राउंड स्कैनिंग द्वारा एंटीवायरस कम्प्युटर को सुरक्षा प्रदान करता है.
Full System Scan
Full System Scanning विशेषकर तब फ़ायदेमंद होती है जब आपके द्वारा सिस्टम में एंटीवायरस को अपडेट किया होता है. एंटीवायरस द्वारा सिस्टम को स्कैन कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि कंप्यूटर में पहले से वायरस मौजूद है अथवा नहीं. इसके साथ ही वायरस से संक्रमित कंप्यूटर सिस्टम को दुरुस्त करने के बाद फुल सिस्टम स्कैनिंग महत्वपूर्ण होती है.
Virus Definition
जी हाँ एक एंटीवायरस प्रोग्राम Malware की पहचान करने के लिए Virus की परिभाषा का उपयोग करते हैं. किसी फाइल या सॉफ्टवेयर को स्कैन करने के दौरान सिस्टम यदि किसी मैलवेयर से ग्रस्त किसी फ़ाइल को ढूंढता है तो मैलवेयर परिभाषा में वह मैलवेयर के समान होता है. अतः एंटीवायरस परिभाषा के आधार Malware को रोकने के साथ ही नष्ट भी कर सकता है.
List of Antivirus Programs
- Bitdefender Antivirus Plus
- Norton Antivirus Basic
- Webfoot Secure Anywhere Antivirus
- ESET NOD32 Antivirus
- F-Secure Antivirus SAFE
- McFee Antivirus
आपने क्या सीखा?
इस लेख में हमने आपको कम्प्युटर एंटीवायरस के बारे में पूरी जानकारी दी हैं. आपने जाना कि एंटीवायरस क्या होता हैं? यह हमारे कम्प्युटर की कैसे सुरक्षा करता हैं? साथ ही अपने जाना कि एंटीवायरस प्रोग्राम्स को बनाने की शुरुआत कब हुई और किस प्रकार समय के अलग-अलग क्रम में विकास किया.
#BeDigital
एंटीवायरस एक तरह का सॉफ्टवेयर है या आप ऐसे भी बोल सकते है ये एक तरह का कोड है जो हमारे कंप्युटर,लैपटॉप या मोबाइल को सुरक्षित रखने का काम कर्ता है ये हमारे कंप्युटर या लैपटॉप से सारे वायरस को खत्म कर देता है जिसके कारण हमारा कंप्युटर सुरक्षित रहता है ये हमारे कंप्युटर या लैपटॉप से सारे बेकार की फाइल या शॉट कोट फाइल को डिलीट कर देता है।
your blog is very helpful for a new blogger like us,after reading your article we get to learn a lot and get new new information ,we hope that you will keep sharing such posts with all of you,
thankyou sir
its very interesting knowledge and i will read next lession
Very knowlegde tutorial sir