वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक डिवाईसों को आपस में एक-दूसरे से कनेक्ट करने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जाता हैं.
इन्ही माध्यमों में से एक का नाम Bluetooth हैं.
आपने ब्लुटूथ का नाम जरूर सुना होगा और इसे फाईल शेयरिंग़ के लिए इस्तेमाल भी जरूर किया होगा. मगर Shareit, Xender जैसे एप आने से यह तकनीक पुरानी लगने लगी हैं. और आम युजर के बीच कम इस्तेमाल होती हैं.
मगर Bluetooth केवल फाईल शेयरिंग़ के लिए ही उपयोगी नहीं हैं. यह भविष्य की तकनीक IoT का आधार हैं. इसलिए ब्लुटूथ की उपयोगिता कम नहीं हुई है. बल्कि बढ रही हैं. इसलिए ब्लुटूथ के बारे में जानना जरूरी हैं.
इस लेख में हम आपको ब्लुटूथ की पूरी जानकारी दे रहे हैं. अध्ययन की सुविधा के लिए हमने इस लेख को निम्न भागों में बांटा हैं.
Table of Content
Bluetooth क्या हैं – What is Bluetooth in Hindi?
Bluetooth एक लघु-रेंज (Short-Range) वायरलेस तकनीक हैं. जिसका उपयोग दो या अधिक ब्लुटूथ डिवाईसों के बीच आपस में कम्प्युनिकेशन स्थापित करने के लिए किया जात हैं. ब्लुटूथ तकनी को सन 1994 में विकसित किया गया. और 1997 में इसे जिम कोर्डेच के विचार पर Bluetooth नामकरण किया गया.
इसके द्वारा लगभग 10 मीटर यानि 30 फीट के दायरे में वायरलेस कम्युनिकेशन स्थापित किया जा सकता हैं. जिसके द्वारा आप मोबाइल फोन से कम्प्युटर में, मोबाईल से मोबाईल तथा इसी तरह अन्य डिवाईसों में डाटा का आदान-प्रदान कर सकते हैं. और उसे बगल वाले कमरे में रखे Printers के द्वारा छाप भी सकते हैं.
इस कार्य को करने के लिए आपको कोई केबल, कार्ड या अन्य सामान की जरूरत नही हैं. क्योंकि ब्लुटूथ रेडियों-तरंग (Radio Waves) के द्वारा दो या अधिक डिवाईसों को आपस में जोडती हैं. जिससे एक छोटे नेटवर्क का निर्माण होता हैं. अब ये डिवाईस इस नेटवर्क के दायरे में रहकर आपस में कम्युनिकेशन कर सकते हैं.
Bluetooth Technology को Bluetooth SIG (Special Interest Group) द्वारा विकसित किया गया हैं. यहीं ग्रुप इस तकनीक का संचालन एवं सुधार करता हैं. तथा ब्लुटूथ तकनीक का उपयोग करने के लिए दिशा-निर्देश प्रकाशित करता हैं.
ब्लुटूथ कैसे काम करती हैं – How Bluetooth Works in Hindi?
सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाईसों को आपस में संचार करने के लिए एक नेटवर्क की जरुरत पडती हैं. इस नेटवर्क के सहारे वे एक दूसरे से जुडते हैं. और एक दूसरे से बातचीत (कम्युनिकेट) करते हैं. ब्लुटूथ तकनीक नेटवर्क का निर्माण करने के लिए रेडियों-तरंगों का इस्तेमाल करती हैं.
इसके लिए पहले ब्लुटूथ डिवाईसों में उपलब्ध ब्लुटूथ को चालु किया जाता हैं. इसके बाद ये डिवाईस उपलब्ध नजदीकि डिवाईस को ढूँढकर उसके साथ कनेक्ट हो जाते हैं. जब ये डिवाईस आप में कनेक्ट यानि आपस में जुड जाते हैं तब इनके बीच एक नेटवर्क का निर्माण होता हैं. जिसे Personal Area Network अथवा Piconet कहते हैं. जिसके साथ दो अधिकतम आठ डिवाईस आपस में जुड सकते हैं.
नेटवर्क स्थापित हो जाने के बाद ये डिवाईस संचार करने के लिए बिलकुल तैयार हो जाते हैं. अब आप डाटा आदान-प्रदान कर सकते हैं. यदि आप नेटवर्क दायरे से बाहर आ जाते हैं तो इनका संबंध टूट जाता हैं. मतलब ये नेटवर्क से बाहर हो जाते हैं.
इसलिए जब भी आप किसी ब्लुटूथ नेटवर्क पर डाटा आदान-प्रदान कर रहे है या फिर कोई ओर कार्य करना चा रहे है तो कार्य पूरा होने से पहले लक्ष्मण रेखा पार ना करें मतलब नेटवर्क से बाहर ना आए.
ब्लुटूथ के फायदें – Advantages of Bluetooth in Hindi
- इसका सबसे बडा फायदा हैं बिना तार के आपस में डिवाईसों को जोड सकते हैं.
- एक डिवाईस से दूसरे डिवाईस में डाटा आदान-प्रदान कर सकते हैं.
- अपने कम्प्युटर या लैपटॉप से इनपुट तथा आउटपुट डिवाईसों को बिना तार के जोड सकते हैं.
- आप अपने कम्प्युटर या लैपटॉप में स्मार्टफोन से इंटरनेट चला सकते हैं.
- इस तकनीक कि क्षमता बहुत ज्यादा होती है इसलिए आप दीवार के आर-पार भी डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं.
- यह अन्य वायरलेस तकनीक के मुकाबले सस्ती होती हैं.
- इसे ऊर्जा की बहुत कम जरूरत पडती हैं इसलिए ब्लुटूथ आपके डिवाईस के बैटरी कम खपत करती हैं.
- ब्लुटूथ तकनीक बहुत सस्ती होती हैं. इसलिए इसके तकनीक पर काम करने वाले डिवाईस सस्ते होते है और आसानी से आम लोगों की पहुँच में होते हैं. इसलिए इसका दायरा बहुत बडा हैं.
- इसका रखरखाव केवल एक ग्रुप द्वारा किया जाता हैं इसलिए इसकी तकनीक सभी डिवाईसों पर एक समान होती हैं. और लगभग सभी ब्लुटूथ डिवाईस आपस में एक दूसरे के अनुकूल होते हैं.
- केवल छोटे दायरे में संचार होता हैं इसलिए दूर स्थित डिवाईस आपके नेटवर्क से छेडछाड नही कर सकते हैं. और आप बिना किसी रुकावट अपना डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं.
ब्लुटूथ के नुकसान – Disadvantages of Bluetooth in Hindi
- इसका दायरा सीमित होता है इसलिए आप ज्यादा दूर से डाटा ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं.
- इसकी डाटा ट्रांसफर गती अन्य नेटवर्कों के मुकाबले कम होती हैं. इसलिए समय ज्यादा खर्च होता हैं.
- ब्लुटूथ चालु रहने पर यह आपके डिवाईस की ऊर्जा खर्च करती रहती हैं.
All Bluetooth Versions in Hindi
Bluetooth v1
यह ब्लुटूथ तकनीक का सबसे पहला संस्करण था. जिसकी पहुँचा केवल चुन्निदा डिवाईसों तक ही थी. इसके द्वार अधिकतम 1 Mbps की गती से डाटा आदान-प्रदान हो सकता था. और इसके साथ बहुत Compatibility कमियां थी. इसके दायरे में 2.0 से पहले के सभी संस्करण शामिल किये जाते हैं.
Bluetooth v2
पहली पीढी में सुधार करने के बाद सन 2004 में Bluetooth v2.0 को लॉच किया गया. यह बहुत लोकप्रिय साबित हुआ और शायद आपके डिवाईस में भी यही वर्जन होगा. इसका मुख्य फीचर Enhanced Data Rate (EDR) था. जिसके कारण इसकी गती बहुत तेज थी. इसके द्वारा आप 2 Mbit/s तक डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं.
Bluetooth v3
इस संस्करण को सन 2009 में Bluetooth v3. 0 + HS नाम से बाजार में उतारा गया. इसकी गती 24 Mbit/s तक थी. HS का मतलब यहाँ High-Speed हैं. जिसके लिए इसमें Enhanced Retransmission Mode (ERTM) तकनीक का इस्तेमाल किया गया हैं.
Bluetooth v4
सन 2004 में Bluetooth v4.0 को विकसित किया गया. इसे विशेष तौर पर कम ऊर्जा वाले डिवाईसों के लिए विकसित किया था. जो स्वास्थ्य उपकरण, सुरक्षा तथा घरेलु मनोरंजन उपकरण (स्पीकर, हैडफोन आदि) को ध्यान में रखकर बनाई गई तकनी हैं. इसे Smart Bluetooth नाम देकर विज्ञापित किया गया.
कुछ समय बाद ही इसके नए संस्करण Bluetooth v4.1 एवं Bluetooth v4.2 को भी लाया गया. यह बदलाव Internet of Things, Privacy, LTE आदि नई तकनिकों को ध्यान में रखकर किया गया.
Bluetooth v5
IoT यानि इंटरनेट ऑफ थींग्स के बढते प्रभाव के कारण लोगों को इसका बेहतर अनुभव देने के लिए सन 2016 में Bluetooth v5.0 को विकसित किया गया है. इसकी स्पीड बहुत तेज है और आपके घरों में रखे उपकरणों को आपस में बात-चीत करने के लिए बनाया गया हैं. यह अभी शुरुआती दौर में है. जिसमें अभी बहुत काम होना बाकि हैं.
आपने क्या सीखा?
इस लेख में हमने आपको ब्लुटूथ के बारे में पूरी जानकारी दी हैं. आपने जाना कि ब्लुटूथ क्या होता हैं? ब्लुटूथ कैसे काम करती हैं? ब्लुटूथ के कितने वर्जन हैं? हमे उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा.
#BeDigital
shayad hi kisine apne article mein Bluetooth kaise kaam karta hai bataayaa ho ,aapne bahot achhe se ise explain karke samjhaya hai .
Really Liked it .
सुबरत जी, शुक्रिया. आते रहिए सीखते रहिए.
Bahut Achchi Jankari sirji share krne ke liye thank you.