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कम्प्यूटर पर निबंध प्रस्तावना और उपसन्हार सहित हिंदी में

कम्प्यूटर पर निबंध लिखे. कम्प्यूटर पर निबंध कैसे लिखते है? कम्प्यूटर पर प्रस्तावना सहित एक छोटा यानि संक्षिप्त निबंध लिखें.

इस तरह के सवाल गूगल बाबा से अक्सर पूछे जाते है. क्योंकि आज कल गूगल को ही ज्ञानकोश मान लिया गया है. खासकर आज के बच्चे तो गूगल से ही अपने सवाल पूछ रहे है.

यदि आप भी कम्प्यूटर पर निबंध (Computer Essay in Hindi) लिखना चाहते है. लेकिन, आपको कुछ नहीं सूझ रहा है. तो यह लेख आपके लिए ही है.

क्योंकि इस लेख में हम आपको कम्प्यूटर पर निबंध कैसे लिखते है? इस सवाल का जवाब तो देंगे ही साथ ही कम्प्यूटर विषय पर छोटा एवं बड़ा निबंध भी लिखकर देंगे. जिन्हे आप स्कुल/कॉलेज प्रोजेक्ट में आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे.

Computer Essay in Hindi

कम्प्यूटर पर निबंध कैसे लिखते है प्रस्तावना सहित?

निबंध लेखन एक बहुत ही जरूरी और काम आने वाला कौशल है. जिसके बिना आपका स्कुली ज्ञान अधूरा समझा जाएगा. इसलिए आपको निबंध लिखने की जानकारी होना जरूरी है.

नीचे हम कम्प्यूटर पर निबंध लिखने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की चर्चा कर रहे है. जो आपके निबंध लेखन कौशल में वृद्धि करेंगे. और आप एक बेहतर निबंधकार बनने की ओर अग्रसर होंगे.

  • निबंध लिखने से पहले कम्प्यूटर टॉपिक का चुनाव करें. यानि आप कम्प्यूटर से जुड़े हुए किस विषय पर लिखना चाहते है. टॉपिक का चुनाव करते समय अपनी रुची को प्राथमिकता दी जा सकती है.
  • टॉपिक चुनने के बाद पर्याप्त शोध करें तथा सहायक सामग्री इकट्ठा करने की तैयारी करें. ताकि आप अपनी बात मजबूती के साथ रख सके.
  • इसके बाद निबंध की रूपरेखा (Essay Outline) बनाए. इस काम में ज्यादा कांट-छांट ना करें और जो बिंदु दिमाग में आए उन्हे लिखते जाए.
  • फिर इन बिंदुओं को उचित क्रम तथा टॉपिक के अनुसार क्रमानुसार सजाएं. यानि एक मुख्य टॉपिक फिर उसके उप-बिन्दु ओर उप-बिंदु के उप-उप-बिंदु. आप जितनी अंदर जा सकते है उतने बिंदुओं तक जाएं.
  • इसके बाद अपनी रुपरेखा के अनुसार पहला ड्राफ्ट लिखें.
  • पहला ड्राफ्ट लिखने के बाद कुछ देर बाद इसे संपादित करें और भाषा संबंधी त्रुटियों के साथ तथ्यों को सुधारें.
  • इस तरह आपका अंतिम लेख तैयार हो जाएगा.

अब आपने निबंध लिखना तो सीख लिया है. आइए, अब कम्प्यूटर पर कुछ सेंपल निबंध पढ़ लेते है.

ध्यान दें:- नीचे हमने शब्द सीमा को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग टॉपिक्स पर निबंध लिखें हैं. आप अपनी जरुरत और टॉपिक के अनुसार निबंध को चुनकर पढ़ सकते है और अपने प्रोजेक्ट के लिए इसका उपयोग कर सकते है.

कम्प्यूटर पर निबंध – Essay on Computer in Hindi

कम्प्युटर पर लघु निबंध (Short Essay on Computer in Hindi) [शब्द सीमा 100]

कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है. जिसका आविष्कार माननीय चार्ल्स बैबेज  ने किया था. इन्हे ही कम्प्यूटर का जनक (Father of Computer) माना गया है.

कम्प्यूटर विभिन्न उपकरणों से मिलकर बना होता है. की-बोर्ड, माउस, स्कैनर को इनपुट डिवाइस कहते है. इनके द्वारा कम्प्यूटर को निर्द्श देते है. मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर को आउटपुट डिवाइस कहा जाता है. इन डिवाइसों के द्वारा कम्प्युटर परिणाम प्रदर्शित करता है.

कम्प्यूटर का उपयोग हम बहुत सारे कामों के लिए करते है. जैसे; कम्प्यूटर के द्वारा हम गेम खेल सकते है. पढ़ाई कर सकते है. विडियों देख सकते है और गाने भी सुन सकते है. इसलिए कम्प्यूटर मुझे बहुत पसंद है.

कम्प्यूटर का महत्व पर निबंध (Essay on Computer Importance in Hindi) [शब्द सीमा 300]

कम्प्यूटर का आविष्कार माननीय चार्ल्स बैबेज ने किया था. यह एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है. जिसका उपयोग आज विभिन्न कामों के लिए किया जा रहा है.

दफ्तर से लेकर किराना की दुकान वाले भी कम्प्यूटर के द्वारा अपना काम कर रहे है. स्कुलों में भी कम्प्यूटर का उपयोग कार्यालय तथा कक्षाओं में होता है. बहुत सारे उद्योग धंधों में रोबोट्स के रूप में इसने हम इंसानों की जगह ले रखी है.

कम्प्यूटरीकृत मशीने दिन पे दिन बनाई जा रही है. और इनका उपयोग अस्पतालों, विश्वविद्यालयों, इंडस्ट्रीज तथा सैनिकों के लिए खूब किया जा रहा है. जिसके कारण नए-नए कौशलों की आवश्यकता हो रही है. और नए तरह के रोजगार भी निर्मित हो रहे है.

इसलिए, कम्प्यूटर शिक्षा का महत्व भी बढ़ गया है. और स्कुल से ही कम्प्यूटर का ज्ञान दिया जा रहा है. कॉलेज तथा विश्वविद्यालयों में पेशेवर कोर्स कराए जा रहे है. साथ ही डिग्री कोर्स भी विकसित किए गए है. जिनमे कोई भी स्टुडेंट्स एडमिशन लेकर पढ़ाई कर सकता है.

इस कम्प्यूटर युग में हम सभी लोगों को कम्प्यूटर पर काम करना सीखना चाहिए. ताकि नए जमाने के साथ चला जा सके. यदि हम खुद को बदलते जमाने तथा नई तकनीक के साथ नही बदलेंगे तो हम पिछड जाएंगे. जिसके कारण हमारी नौकरी भी जा सकती है और कोई नया काम भी नही मिलेगा.

कम्प्यूटर आज की जरूरत बन चुका है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता. और इसके बिना हमारा काम करना मुश्किल ही नही नामुमकिन दिखाई देने लगा है. इस इल्केट्रॉनिक मशीन पर इंसानों की निर्भरता बढ़ती ही जा रही है.

यदि कम्प्यूटर पर हमारी निर्भरता का ग्राफ इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो मशीनों की गुलामी का दिन दूर नहीं. हम सिर्फ हुकुम बजाने के लिए जीवित रहे! जो हमारे भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है.

कम्प्यूटर की उपयोगिता पर निबंध [शब्द सीमा 500]

हम कहीं भी चले जाए. हमें कम्प्यूटर रखा हुआ मिल जाएगा. स्कुल, कॉलेज, दफ्तर, सरकारी कार्यालय, फैक्ट्रीयाँ, घर इन सभी जगहों पर इस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की उपस्थिति नजर आती है. कम्प्यूटर ने हमारा जीवन बहुत ही आसान और तेज कर दिया है. जिसके कारण इसका महत्व बढ़ता ही जा रहा है.

कम्प्यूटर की लोकप्रियता का अंदाजा हम कम्प्यूटर की विशेषताओं से भी लगा सकते है.

  • कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रोनिक एवं स्वचालित मशीन है.
  • इसके द्वारा हम इंसानों से तेज और शुद्ध काम किए जा सकते है. आपने सुना होगा कि, “इंसान तो गलतियों का पुतला है.” यह कहावत इंसानों के लिए तो सही है, मगर कम्प्यूटर पर इसे लागु नही किया जा सकता है. क्योंकि यह हर काम को इनपुट के आधार पर सही ही करता है.  
  • कम्प्यूटर बिना थके हुए लगातार 24 घंटे काम कर सकता है. क्योंकि कम्प्यूटर को लगातार सही काम करने के लिए ही विकसित किया गया है.
  • यह एक ही काम को बार-बार समान परिणाम में निपटा देता है. हम, इंसान तो एक काम को करके ऊब जाते है. मगर, कम्प्यूटर एक ही काम को लगातार बिना ऊबे करता रहता है.  
  • यह एक बहुक्रियात्मक मशीन है. जिसके द्वारा विभिन्न प्रकार के काम पूरे किए जा सकते है.  

कम्प्यूटर की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है. हम इसे शब्दों में नहीं बांध सकते है. क्योंकि कम्प्यूटर का उपयोग करने वाले इंसान के लिए यह उस इंसान के लायक हर सम्भव सुविधाएं तथा टूल्स मुहैया कराता है. इसलिए, यह एक टाइपिस्ट के लिए टाइपराइटर बन जाता है और गेम खेलने वाले बच्चों के लिए विडियों गेम मशीन बन जाता है. यानि जितने काम उतने नाम वाली बात हो जाती है.

कम्प्यूटर के गुणों को जानने के बाद इसके उपयोगों की चर्चा करने पर हमें कम्प्यूटर का महत्व पता चल जाएगा.

  • कम्प्यूटर का घरों में उपयोग आम बात हो गई है. आजकल टेलिविजन के स्थान पर कम्प्यूटर आ गए है. क्योंकि, टीवी का काम भी कम्प्यूटर आसानी से निपटा देता है. आप विडियों, गाने, मूवीज आदि सुन व देख सकते है. साथ ही विडियों गेम खेल सकते है. होमवर्क में मदद प्राप्त कर सकते हैं. इंटरनेट से जुड़कर दुनिया के किसी भी कोने की खबर घर बैठे-बैठे ही प्राप्त कर सकते है. और बिजली का बिल, पानी का बिल, रेल टिकट, बस टिकट, गैस बुकिंग आदि घरेलु काम भी अपनी मेज से निपटा सकते है.
  • कम्प्यूटर का बिजनेस में उपयोग इसके जन्म से ही हो रहा है. क्योंकि इसे काम करने के लिए ही बनाया गया था. शुरुआत में इसकी कीमत अधिक होने के कारण भी पहले इसे बड़े-बड़े बिजनेस संस्थानों ने खरिदा था. आज एक छोटा सा दफ्तर भी कम्प्यूटर के बिना अधूरा है. कार्यालय का अधिकतर काम डिजिटल हो गया है. इसलिए कम्प्यूटर के बिना बिजनेस का काम नहीं चलता है.

आखिर में साबित हो ही जाता है कि कम्प्यूटर आज की जरूरत है और इसके ऊपर हम इंसानों का जीवन निर्भर हो गया है. इसलिए, कम्प्यूटर युग में सभी को कम्प्युटर चलाना आना अनिवार्य है. नहीं तो पिछड़ने में देर नहीं लगेगी.

कम्प्यूटर के इतिहास पर निबंध [शब्द सीमा 1000]

कम्प्यूटर की दुनिया ज्यादा पुरानी नहीं है. क्योंकि आधुनिक कम्प्यूटर जिसे आप और हम इस्तेमाल करते है. उसका आविष्कार 19वीं शताब्दी में ही हुआ है. इससे पहले तो बहुत सारे उपयोगी यंत्रों की खोजे हो चुकी थी. मगर, कम्प्यूटर के आविष्कार ने इन सभी उपकरणों को बोना साबित कर दिया है. और इनका नियंत्रण करने की शक्ति भी विकसित कर ली है.

इस दौरान कम्प्यूटर ने करीब 200 साल का सफर तय किया है. यह विकास यात्रा बहुत ही रोमांचित और कठिनाईयों से भरी रही है. जिसका अध्ययन करना हमारे लिए किसी बॉलिवुड फिल्म देखने के बराबर होगा.

चलिए तो कम्प्यूटर की विकास यात्रा का सफर शुरु करते है.

कम्प्यूटर की ऐतिहासिक यात्रा

कोई भी चीज एक दिन में नही बनती है. और ना ही इसका विचार यकायक आता है. इतिहास से साबित किया है कि नई चीजे बनाने की प्रेरणा हमेशा पहले से मौजूद चीजों से ही आती है. और यह बात कम्प्यूटर पर भी शत प्रतिशत लागु होती है.

कम्प्यूटर की शुरुआत ईसा पूर्व ही हो गई थी. जब चीनियों ने अबेकस का आविष्कार किया. इसके बाद विभिन्न प्रकार के स्वचालित उपकरण अस्तितव में आए. और माननीय चार्ल्स बैबेज द्वारा बनाया गया स्वचालित इंजन आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना. इसके बाद से लेकर और वर्तमान तक की संक्षिप्त विकास यात्रा इस प्रकार रही है.

  • अबेकस दुनिया का पहला गणना यंत्र था, जिसका आविष्कार चीनियों द्वारा लगभग 2500 वर्ष पूर्व किया गया. 17वीं शताब्दी तक यह एक मात्र गणना यंत्र था.
  • जॉन नेपियर ने अपनी किताब “Rabdology” में एक नए गणितीय उपकरण के बारे में वर्णन किया. जिसे “Napier’s Bones” के नाम से जाना जाता है. इसके द्वारा सामान्य गणितीय क्रियाएँ जैसे जोड़ना, घटाना, गुना एवं भाग की जा सकती थी.
  • इसके बाद “Slide Rule” का आविष्कार हुआ.
  • 1642 में एक फ्रेंच वैज्ञानिक और दार्शनिक नें पहला व्यवहारिक यांत्रिक कैलकुलेटर बना डाला. जिसका नाम “पास्कालिन” था. इसका एक उन्नत यंत्र “Step Reckoner” भी तैयार किया गया.
  • 1804 में फ्रेंच के एक बुनकर ‘Joseph-Marie-Jacquard’ ने एक हथकरघा बनाया. जिसका नाम ‘Jacquard Loom’ था. इसे पहला ‘सूचना-संसाधित’ डिवाइस माना जाता है.
  • मगर असली काम आधुनिक कम्प्यूटर के पितामह माननीय “चार्ल्स बैबेज” ने 1822 में “बहुपदीय फलन” का सारणीकरण करने के लिए एक स्वचालित यांत्रिक कैलकुलेटर बनाकर किया. जिसका नाम “Difference Engine” था.
  • इस इंजन के लगभग एक दशक बाद 1833 में एक नए और उन्नत इंजन “Analytical Engine” बनाया गया. जो आधुनिक कम्प्युटर का आधार बना. इसलिए ही “चार्ल्स बैबेज” को कम्प्युटर का पितामह (Father of Computer) कहा जाता है.
  • इसके बाद कम्प्यूटर ने तेजी से विकास किया और इंसान की मुट्ठी में समा गया. वर्तमान आपके सामने है.

इस वर्तमान समय को कम्प्यूटर की पीढ़ीयाँ कहा जाता है. जिनका वर्णन किए बगैर कम्प्यूटर की ऐतिहासिक यात्रा अधुरी होगी. इसलिए नीचे कम्प्यूटर की पीढ़ीयों के बारे में बताया जा रहा है.

कम्प्यूटर की पीढ़ीयाँ

पीढी का नाम समय विशेषताएँ लोकप्रिय कम्प्यूटर
प्रथम पीढी 1940 – 1956 Vacuum Tube पर निर्भर Punch Cards, Paper Tap, Magnetic Tap का इनपुट एवं आउटपुट डिवाईस के रूप में प्रयोग निर्देश के लिए मशीनी भाषा का प्रयोग Magnetic Drums का उपयोग मेमोरी के लिए किया गया बडा आकार और वजनी महंगे और विश्वसनीय नहीं आम लोगों की पहुँच से दूर ENIAC – Electronic Discrete Variable Automatic Computer EDVAC – Electronic Delay Storage Automatic CalculatorUNIVAC – Universal Automatic ComputerIBM-701IBM-650
द्वितीय पीढी 1956 – 1963 Transistor पर आधारित मेमोरी के लिए Magnetic Core (Primary Memory) एवं Magnetic Tap (Secondary Memory) का उपयोग निर्देशों के लिए Assembly Language पर निर्भर High-Level (FORTON, COBOL) मशीनी भाषाओं का विकास परिणाम प्रदर्शित करने के लिए अभी भी Punch Cards और Printouts पर निर्भरता कार्य-विशेष के लिए उपयोग Honeywell 400IBM 7090CDC 1604UNIVAC 1108MARK III
तृतीय पीढी 1964 – 1971  Integrated Circuit पर आधारित आकार छोटा और भरोसेमंद निर्देशों के लिए BASIC, COBOL, PASCAL जैसी है हाइ-लेवल मशीनी भाषा का प्रयोग पाँच कार्ड की जगह पर माउस और कीबोर्ड का उपयोग तथा आउटपुट के लिए मॉनिटर का इस्तेमाल मल्टि-प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम सामान्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल PDP-8PDP-11ICL 2900Honeywell 6000 SeriesTDC-B16IBM-360IMB-370NCR-395  
चौथी पीढी 1971 – वर्तमान VLSI – Very Large Scale Integrated Circuit तकनीक पर निर्भर माईक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल GUI – Graphical User Interface तकनीक पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास और उपयोग MS-DOS, MS-Windows, Mac जैसे GUI पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का तेजी से विकास हुआ और माइक्रोकम्प्युटर की क्रांति हुई अधिक तेज, ज्यादा भरोसेमंद आकार में छोटे और हल्के आम आदमी की पहुँच में इंटरनेट का इस्तेमाल C, C++ प्रोग्रामिंग भाषाओं का इस्तेमाल कम खर्चीले IBM 4341DEC 10STAR 1000PUP 11PCsMacintosh
पांचवी पीढी वर्तमान से भविष्य ULSI – Ultra Large-Scale Integrated Circuit तथा AI – Artificial Intelligence तकनीक पर आधारित छोटे, हल्के, इस्तेमाल में आसान सस्ते और विश्वसनीय तथा आम इंसान तक सीधी पहुँच कृत्रिम बुद्धि तथा इंटरनेट ओर थिंग्स तकनीक का विकास टचस्क्रीन, वॉइस कंट्रोल का इस्तेमाल C, C++, Java, .net, ASP भाषाओं का उपयोग Desktop PCsMac BooksLaptopsUltra-BooksiPhonesiWatchSmartphonesWearable Devices

इस टेबल में आप आधुनिक कम्प्यूटर के विकास-क्रम का संक्षिप्त वर्णन देख सकते है. और खुद अंदाजा लगा सकते है कि कम्प्यूटर को यहाँ तक पहुँचने के लिए कितने रुपों और हाथों से होकर गुजरना पड़ा है.

किसी एक व्यक्ति को श्रेय देना अन्य वैज्ञानिकों, दार्शनिकों के साथ नाइंसाफी होगी. लेकिन, इंसानों की फितरत ही कुछ ऐसी ही है कि ना चाहते हुए भी इन्हे भूल जाना पड़ता है. अगर, चार्ल्स बैबेज को अपने डिफरेंट इंजन बनाने से पहले अबेकस, पास्कालिन, जैकवार्ड लूम जैसे यंत्र नहीं बने मिलते तो शायद इतिहास कुछ अलग होता.

फिर भी, चार्ल्स बैबेज ने जो किया उसका श्रेय उन्हे कम्प्यूटर का पितामह बनाकर दे दिया गया है और दिया जाता रहेगा. कब तक यह समय बताएगा. तब तक आप अपनी यात्रा जारी रखिए…

कम्प्यूटर के लाभ-हानि पर निबंध [शब्द सीमा 1500]

आज कम्प्यूटर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. घरों से लेकर दफ्तर तक, रेल्वे स्टेशन से लेकर पुलिस स्टेशन तक, किराना की दुकान से लेकर थोक विक्रेता तक, सरकार से लेकर निजी संस्थानों तक कम्प्युटर पहुँच चुका है.

सरकार द्वारा ई-गवर्नेस कार्यक्रम पेश करना और उसके क्रियान्वयन हेतु तत्परता दिखाना. कम्प्यूटर का महत्व बताता है. बहुत सारी योजनाओं और कार्यक्रमों को डिजिटल कर दिया गया है. तथा उनकी पहुँच ऑनलाइन सुनिश्चित की जा रही हैं.

यहीं हाल प्राइवेट सेक्टर का हो रहा है. स्वचालित मशीनों की संख्या दिन पे दिन बढ़ाई जा रही है. रोबोट्स द्वारा इंसानों को बदलने की प्रक्रिया धड़ल्ले से जारी है. विभिन्न बिल भुगतान, टिकट बुकिंग, एडमिशन प्रक्रिया सब कार्य डिजिटल हो गए है. 

इस तारिफ को पढ़ने के बाद तो आपका मन कम्प्यूटर की तरफ आकर्षित हो गया होगा. एवं इसके ओर ज्यादा फायदों को जानने की इच्छा हो रही होगी.

चलिए, आपकी ये इच्छा भी पूरी कर देते है और जानते है कम्प्यूटर के क्या-क्या लाभ होते है.

कम्प्यूटर के लाभ

 तेज गति से कार्य करता है

कम्प्यूटर की कार्य करने की गति हम इंसानों से बहुत ही तेज है. यह पलक झपकते ही अपना कार्य निपटा देता है. डेटा प्रोसेस करने की गति और क्षमता का मुकाबला इंसानों द्वारा नहीं किया जा सकता है. कम्प्यूटर की कार्य करने की गति को माइक्रोसैकण्ड्स, नैनोसैकण्ड्स तथा पिकोसैकण्ड्स में मापा जाता है. अब आप खुद अंदाजा लगा सकते है कि कम्प्यूटर की कितनी तेज गति से कार्य करता है और डेटा प्रोसेसिंग करता है?

आपकी सुविधा के लिए बतादूँ. एक सैकण्ड का दस लाखवाँ भाग एक माइक्रोसैकण्ड होता है.

भंडारण क्षमता अधिक

इंसान एक बात को वर्षों तक याद नहीं रख सकता है. क्योंकि मेमोरी बहुत ही कम होती है और उसे बढ़ाया भी नहीं जा सकता है. मगर, कम्प्यूटर इस मामले में भी इंसान को हरा देता है. क्योंकि इसकी भंडारण क्षमता बहुत ही ज्यादा होती है. और यह कई वर्षों तक डेटा को समान अवस्था में सुरक्षित रख सकता है. साथ ही मेमोरी को किसी दूसरे कम्प्यूटर में भी इस्तेमाल करना संभव है.  

परिश्रमी और भरोसेमंद

कम्प्यूटर बहुत ही मेहनती और थकान मुक्त डिवाइस है. यह घंटों, कई दिनों तक लगातार बिना थके काम कर सकता है. हम इंसानों की तरह थकावट, ऊबाऊपन, ध्यान केंद्रण जैसी समस्याएँ कम्प्युटर को नहीं होती है.

चुंकि यह एक मशीन है इसलिए इसकी जीवन अवधी के बारे में इंसान को पता रहता है. जो भरोसा उत्पन करता है. यहीं कारण है आज इंसान इस मशीन पर खुद से ज्यादा भरोसा करने लगा है.

स्वचालितता यानि आटॉमेशन

कम्प्यूटर को आवश्यक निर्देश देन के बाद यह अपना कार्य स्वयं करता है. फिर इसे इंसान की जरूरत नहीं पड़ती है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में रोबोट्स ने सारा काम संभाल रखा है. पैकेजिंग तथा माल गोदामों में भी इनका इस्तेमाल बखूबी किया जा रहा है. स्वचालितता से इसकी निर्भरता इंसानों पर नहीं रहती है.

बातचीत यानि कम्युनिकेशन करने की क्षमता

कम्प्यूटर एक-दूसरे से हम इंसानों की भांती आपस में बातचीत कर सकते है. और उपलब्ध जानकारी, डेटा का आदान-प्रदान भी कर सकते है. आधुनिक तकनीक ने हम इंसानों को भी कम्प्यूटर से बातचीत करने लायक बना दिया. अब हम वॉइस कमांड्स द्वारा कम्प्युटर से आसानी से अपनी बात साझा कर सकते है. कम्प्यूटर इस काम के लिए विभिन्न उपकरणों तथा तकनीक का इस्तेमाल करता है. जिसमें कम्प्युनिकेशन डिवाइस, लैन, वैन, मॉडम, वाई-फाई, ब्लुटूथ आदि शामिल है.

कार्य विविधता

कम्प्यूटर एक बहुमुखी डिवाइस है. यानि यह बहुत प्रकार के काम अकेला कर सकता है. और सभी अलग-अलग कार्य समान गति, शुद्धता और ऊबाऊपन बिना पूरे किए जा सकते है.

उदाहरण के लिए आप गाने सुनते समय चित्रकारी कर सकते है. डॉक्युमेंट पढ़ते समय चैटिंग का जवाब दे सकते है. यदि आप एक साथ दो सॉफ्टवेयर पर काम करना चाहते है तो उसकी सहुलियत भी आसानी से मिल जाती है. इसकी यहीं खासियत इसे अन्य उपकरणों से अलग बनाती है.

लागत में कमी

बिजनेस में कागज, स्टेशनरी, फाइलें, कर्मचारी तथा अन्य स्रोतों की जरूरत हमेशा रहती है. लेकिन, कम्प्यूटर अकेला इन सभी जरुरतों को पूरा देता है. जिसके कारण बहुत सारा पैसा मालिक बचाकर उसे कहीं ओर निवेश कर सकता है. क्योंकि अब फाईल पहुँचाने के लिए पियोन की जरूरत खत्म है. आप ईमेल भेजकर या फिर नेटवर्क पर भेजकर काम कर सकते है.

साथ ही आपको हस्ताक्षर करने के लिए पेन की आवश्यकता नही पड़ेगी. क्योंकि डिजिटल सिग्नेचर से आपका काम चल जाएगा. जिसका सीधा असर काम की लागत पर पड़ता है.

प्रकृति का दोस्त

कम्प्यूटर के कारण कार्य कागजरहित हो गया है. और न्यूज पढ़ने के लिए भी आप न्यूज वेबसाईट पर जाकर ऑनलाईन ही दुनियाभर की खबरें मिनटों में पढ़ सकते है. जिसके कारण कागज की खप्त कम हो रही है. जो सीधा-सीधा पेड़ों को बचाने का कार्य है. इसलिए कम्प्यूटर प्रकृति का रक्षक बन रहा है.

ऊपर बताए गए लाभों के अतिरिक्त आप अनगिनत लाभ कम्प्यूटर से ले रहे है. आप घर बैठे-बैठे पढ़ाई करने की सुविधा का लाभ लें सकते है. ऑनलाइन रिचार्ज, घर का नक्शा, एक शहर से दूसरे शहर की दूरी तथा आने-जाने का सुगम रास्ता ढूँढ़ने में इसकी मदद लेकर अंजान राही होने के डर को खत्म कर सकते है.

आप गिनते जाइए, यह सूची बढ़ती ही जाएगी. कभी खत्म नहीं होगी. लेकिन, शब्द सीमा होने के कारण कम्प्यूटर के लाभों का गुनगान यहीं बदं करते है और कम्प्यूटर की हानियाँ जानते है.

कम्प्यूटरकी हानियाँ

जिस तरह एक सिक्का के दो पहलू होते है. ठीक उसी तरह कम्प्यूटर के लाभ ही नहीं है. वरन कुछ हानियाँ यानि नुकसान भी सामने आ रहे है. जिनकी चर्चा नीचे की जा रही है.

मानव पर निर्भरता

आप ऊपर पढ़ चुके है कि कम्प्यूटर स्वचालित मशीन है. तो इसके लिए इंसानों की क्या जरूरत?

बात सच है मगर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. बिन इंसान कम्प्युटर विभिन्न यंत्रों से युक्त डब्बा मात्र है.

स्वचालितता इसकी एक विशेषता है. मगर, ये तभी कारगर है जब इसे इंसान ने कुछ निर्देश दे रखे हों. यदि निर्देश नहीं दिए जाएंगे तो कम्प्यूटर अपने आप कुछ भी नहीं कर पाएगा. इसलिए यह हमेशा निर्देश लेने के लिए इसकी निर्भरता इंसान पर बनी हुई है.

बुद्धि तथा भावनाओं का अभाव

कम्प्यूटर में अपनी कोई बुद्धि नहीं होती. इसलिए यह सोच नहीं सकता है. यह सिर्फ पहले से दिए गए निर्देशों तथा फंक्शन के आधार पर डेटा प्रोसेस कर सकता है.  

रोबोट्स तथा अन्य स्वचालित मशीने इसका उदाहरण है. आप उन्हे निर्देश दीजिए. और वे उसी काम को करती रहेगी. चाहे उनके आगे कोई भी बाधा आ रही हो. यह खिलौने में चाबी भरकर छोड़ देने जैसा अहसास कराता है. मगर, कम्प्युटर कुछ एडवांस खिलौने है. जो कुछ कमी होने पर सुचित कर देने की क्षमता रखते है.

ना ही कम्प्यूटर में सुख-दुख को समझने और बयां करने की क्षमता होती है. क्योंकि, कम्प्यूटर्सआर इमोशनलेस यानि कम्प्यूटर में भावनाएं नही होती.

वातावरण  

कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए साफ-सुथरे और धूल रहित वातावरण की जरुरत पड़ती है. तभी यह सुचारू रूप से अपना कार्य अनवरत जारी रखता है. यदि इसे धूल और गंदगी भरी जगह पर काम करने के लिए लगाया जाएगा. को इसकी कार्य क्षमता बूरी तरह प्रभावित होगी और लम्बे समय तक कार्य करने अक्षम रहेगा.

साइबर खतरों का डर

कम्प्यूटर ने अपनी अलग ही दुनिया की रचना कर लि है. जिसे साइबर दुनिया के नाम से जाना जाता है. इस अंजान दुनिया में विभिन्न खतरों ने जन्म ले रखा है. जिनसे बचकर ही कम्प्यूटर अपना कार्य हमारी मर्जी के अनुसार कर सकता है. यदि उसे हैक कर लिया जाए तो कम्प्यूटर को निर्देश देन पर वह अपना काम नहीं करेगा. वरन हैकर जो कहेगा सिर्फ वही काम करेगा.

यह तो सिर्फ एक बानगी है. इसके जैसे सैकड़ों साइबर खतरे है. जिनसे समय रहते बचाव नहीं किया जाए तो कम्प्यूटर हमें बर्बाद भी कर सकता है.

  • पासवर्ड की चोरी
  • निजी डेटा की चोरी और सुरक्षित डेटा को क्षति पहुँचाना
  • ऑनलाइन डिटैल्स को चुराकर उसे बेचना
  • बैंक तथा डेबिट/क्रेडिट कार्ड की डिटैल्स चुराकर सैकण्ड़ों में बैंक अकाउट का सफाया करना
  • फेसबुक, ट्वीटर, वाट्सएप, इंस्टाग्राम अकाउंट को हैक करके ऊल-जलूल पोस्ट्स करना जो आपको जेल की रोटी खिलाने के लिए पर्याप्त है.

कम्प्यूटर की लाभ-हानि का अध्ययन करने के बाद एक बात तो साबित हो गई है कि कम्प्यूटर के बिना हमारा काम चलने वाला नहीं है. साइबर खतरों की बढ़ती संख्या से इसके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. बल्कि दिन पे दिन निर्भरता का ग्राफ ऊपर की तरफ ही जा रहा है.

जिस तरह से डिजिटल सेवाओं का विस्तार हो रहा है. एजुकेशन, फ़िफेंस, ऑटोमोबाइल्स, टेलिकॉम, मेडिकल, इंजिनियरिंग आदि सैक्टर्स में कम्प्यूटर पर निर्भरता बढ़ ही रही है. साथ ही मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे उन्नत तकनीक इसे भविष्य के लिए तैयार करने में लगी हुई है. इसलिए कम्प्यूटर का भविष्य भी सुनहरा है.

कम्प्यूटर की बहुरूपी दुनिया [शब्द सीमा 2000]

कम्प्यूटर से रोजाना वास्ता पड़ता है. क्योंकि रोजमर्रा के कार्यों का निपटान तथा दफ्तर के कार्य का निपटारा इसी बहुरूपीय इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से होता है. यह हमारी जिंदगी का साझेदार बन चुका है. यानि अब इसके साथ-साथ ही जीवन बिताना है.

इसकी आदत हो गई है. इसलिए सभी लोगों ने इसे नॉर्मल समझ लिया है. और इसके बारे में ज्यादा विचार नहीं करते है. अगर किसी से ये पूछ लिया जाए कि कम्प्यूटर क्या होता है?

तो मूँह पर ताला लग जाएगा. कोई जवाब नहीं निकलेगा. और उल्टे आपको ही डांट लगाकर कह दिया जाए कि ये भी कोई सवाल है? कम्प्यूटर तो कम्प्यूटर होता है. इसमें पूछने वाली बात ही क्या है?

लेकिन, कम्प्यूटर सिर्फ कम्प्यूटर नहीं रह गया है. यह तो अचूक बाण बन चुका है. जो हर किसी के लिए मददगार साबित हो रहा है. इसने अपने आप को जरूरत के अनुसार विभिन्न रुपों में विकसित कर लिया है. यहीं कारण है कि इसे बहुरुपीया नाम दिया गया है. नीचे इसके विभिन्न रूपों की चर्चा की जा रही है.

कम्प्यूटर एक टाइपराइटर

कम्प्यूटर को एक टाइपिस्ट की नजर से देखने पर पता चलता है कि उसके लिए यह सिर्फ एक टाइप करने की मशीन से ज्यादा कुछ नहीं है. वह तो उसे आधुनिक टाइपराइटर मानता है.

एक कम्प्यूटर की-बोर्ड की बनावट बिल्कुल टाइपराइटर के जैसी ही होती है. बस कुछ कुंजियों की संख्या तथा फंक्शन का अंतर होता है. इसलिए टाइपिस्ट के लिए तो इसके ऊपर काम करना आसान हो गया है और पुरानी तथा धीमी टाइपराइटर मशीनों को तेज और आसान कम्प्यूटर से बदल लिया है.

ऐसा करने पर उनका काम कम समय तथा अधिक शुद्धता के साथ पूरा होने लगा है. और उन्हे ज्यादा मुनाफा मिलने लगा है. जिसके कारण वे इसका उपयोग बढ़ाने लगे है. और उनके लिए तो यह सिर्फ एक नई तरह की टाइपराइटर मशीन बनकर रह गई है. इसके अतिरिक्त वे इसका इस्तेमाल करने से परहेज ही करते है.

कम्प्यूटर एक मनोरंजन मशीन

शुरुआत में कम्प्यूटर का इस्तेमाल केवल बड़े-बड़े बिजनेसेस में किया जाता है. या सिर्फ सरकार इन्हे खरीदने में सक्षम थी. लेकिन, समय के साथ टेक्नोलॉजी के विकास ने इसे आम आदमी की पहुँच में ला दिया. जिसके कारण घर-घर में कम्प्यूटर पहुँच गया.

घरो में कम्प्यूटर का उपयोग परिवार के सभी लोगों द्वारा अलग-अलग उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है. खासकर मनोरंजन के लिए तो इसे टीवी के बाद दूसरे नम्बर पर रखा जाए तो कोई गलती नही होगी.

कम्प्यूटर में मनोरंजन की पूरी व्यवस्था की गई है और एक इंसान को सभी आवश्यक मनोरंजन के प्रकार उपलब्ध करवाएं गए है. जिनमें फिल्म, गाने, फोटों, एनिमेशन के अलावा विडियो गेम भी शामिल है.

यदि आपको फिल्में देखने का शौक है तो आप अपनी पसंद की कोई भी मूवी ऑनलाईन देख सकते है या फिर सीडी/डीवीडी लगाकर भी बडे‌ इतमिनान के साथ आनंद ले सकते है.

मम्मी और बहिन के लिए सीरियल्स तथा रेसिपी की क्लास भी उपलब्ध है. और छोटे भाई/बहिन के लिए कार्टून का बंदोबश्त भी रहता है. कम्प्यूटर एक टीवी और रेडियों  के जैसी सुविधा मुहैया कराने में सक्षम है. इसलिए इसे मनोरंजन मशीन कहा जाता है.

कम्प्यूटर एक शिक्षक

इस बात से आप शायद ही सहमत हो. क्योंकि आप जानते है कि कम्प्यूटर को चलाने के लिए खुद प्रशिक्षण की जरूरत पड़ती है तो फिर यह कैसे हमें कुछ सिखा सकता है?

आपकी बात बिल्कुल जायज है और हम भी इसमें अपनी सहमती देते है. मगर, कम्प्यूटर की दुनिया इतनी उन्नत हो गई है कि कम्प्यूटर शिक्षक की भूमिका निभाने लगे है.

इसका एक उदाहरण ये निबंध है जिसे आप मोबाइल फोन (जो आधुनिक कम्प्यूटर का एक प्रकार है) के जरिए पढ़ रहे है. और इसे आप तक पहुँचाने के लिए कम्प्यूटर का ही इस्तेमाल हो रहा है.

इसके अलावा खान एकेडमी, कोर्सेरा, उडेमी, स्वयं पोर्टल जैसी ऑनलाइन लर्निंग सेवाएं इस कार्य को बखूबी निभा रही है. आपने भी इन सेवाओं का इस्तेमाल किया होगा. अगर नहीं किया है तो जल्द ही करेंगे. क्योंकि भविष्य ई-शिक्षा का सुनहरा है.

कम्प्यूटर के जरिए पढ़ाई करने के लिए आपके पास एक कम्प्यूटर या फिर स्मार्टफोन होना चाहिए. जिसमें एक्टिव इंटरनेट कनेक्शन जरूरी है. बिना इंटरनेट के आप कम्प्यूटर के द्वारा पढ़ाई नहीं कर पाएंगे. इंटरनेट के द्वारा ही ये सभी एजुकेशन पोर्टल आप और हम तक अपनी सेवाएं पहुँचाने में कामयाब हो रहे है.

ऑनलाइन पढ़ाई करने पर आपका कीमती समय बचता है जिसे आप अभ्यास करने तथा अन्य जरूरी कार्य करने में लगा सकते है. साथ ही आपको रेगुलर खर्चों की बचत भी होती है और फीस में भी काफी छूट का लाभ सीधा मिलता है.

आप जब चाहे तब पढ़ाई शुरु सकते है, खत्म कर सकते है, बीच में छोड़ सकते है और बंद करके आराम से नींद लें सकते है. आपको कोई परेशान नहीं करेगा.

आप पाठयक्रम (सिलेबस), कोर्स फीस, कीताबें, निर्देशक (अध्यापक), विद्यार्थी, पूर्व विद्यार्थीयों की राय आदि जानकारी किसी ऑनलाइन कोर्स में एंरॉल करने से पहले ही लें जान सकते है. इतनी जानकारी होने के बाद आपको सही फैंसला करने में मदद मिलती है.

बहुत सारे कॉलेज, विश्वविध्यालय तथा स्मार्टस्कुल्स में टीचर प्रेजेंदेशन द्वारा ही अध्यापन करा रहे है. और प्ले स्कुल्स में तो छोटे बच्चों को सिखाने के लिए विडियो लेसंस ही इस्तेमाल होते है. जो कम्प्यूटर को शिक्षक साबित करता है. और हम भी बड़े ही गर्व के साथ कह सकते है कि कम्प्यूटर एक शिक्षक भी है. 

कम्प्यूटर एक डाकिया

कबुतर जा जा जा… कबुतर जा जा जा…

आपने सलमान खान की “मैने प्यार किया” फिल्म का ये गाना तो जरूर सुना होगा. क्या आप बता सकते है इस गाने में कबुतर को कहाँ जाने के लिए बोला गया था?

संदेश भेजने के लिए.

आपने सही पकड़ा. और ये बात सच है. आधुनिक डाक प्रणाली से पहले कुछ इस तरह ही एक-दूसरे के पास संदेशों का आदान-प्रदान होता था. जिसमें कबुतर का योगदान अतुल्नीय है.

डाकियों के जमाने में चिट्ठी ने इंसानों के सुख-दुख को ढोया है. इसके बाद टेलिफोन के तारों ने इंसानों को अपनी बात साझा करने के सरल और तेज माध्यम उपलब्ध करवाया.

मगर, आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के इस जमाने में कम्प्यूटर ने इन सभी माध्यमों को मात दे रखी है. क्योंकि, कम्प्यूटर के द्वारा बहुत ही तेजी से संदेश भेज तथा प्राप्त किए जा सकते है. और संदेश के साथ विडियों, आवाज, फोटू भी भेज सकते है.

ये सभी कार्य मुफ्त तथा आसान है. जिनका इस्तेमाल एक मिडिल स्कुल का विद्यार्थी भी आसानी से कर लेता है. चुंकि यह सेवा इंटरनेट आधारित है इसलिए आपको इंटरनेट कि जरुरत पड़ती है. इसके बिना अधुरे है.

इस आधुनिक डाक सेवा का नाम है ई-मेल यानी इलेक्ट्रॉनिक मेल. जिसके द्वारा आप बिना कागज और कलम की चिट्ठी लिख सकते है. आपको शब्द सीम का भी ध्यान नहीं रखना है. साथ में अपनी फोटू या आवाज भी रिकॉर्ड करके भेज सकते है.

आपकी चिट्ठी पलक झपकते ही पते पर पहुँच जाती है. और प्राप्तकर्ता उसे पढ़कर आपको वापस जवाब भी लिखकर भेज सकता है. यह चिट्ठी रास्ते में खोने या फटने के खतरे से मुक्त होती है. और किसी तीसरे व्यक्ति के हाथ लगने का डर भी नहीं रहता है.

ई-मेल के अलावा इंस्टैंट मैसेजिंग सेवा भी खूब प्रचलित है. जिसके द्वारा आप रियल टाइम में बातचीत कर सकते है. चाहे तो फेस टू फेस भी बात की जा सकती है. आपको एक-दूसरे का चेहरा दिखता रहेगा. इस सेवा का फायदा आज दुनियाभर में प्रचलित है. और अरबों लोग रोज इसका इस्तेमाल अपने सगे-संबंधियों से वार्तालाप करने के लिए कर रहे है.

फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, वाट्सएप, वी चैट, टेलिग्राम जैसी सैंकड़ों सेवाएं इस सुविधा को मुफ्त उपलब्ध करवा रही है. सोशल मीडिया के जरिए वर्षों से बिछड़े लोग भी वापस मिल रहे है.

कम्युनिकेशन के क्षेत्र में कम्प्यूटर ने बहुत सारी सुविधाओं को मुफ्त उपलब्ध करवा दिया है. जिसके जरिए आज पूरी दुनिया हर पल एक-दूसरे से सिर्फ एक क्लिक की दूरी पर रह गई है. इसी कारण कम्प्यूटर को एक डाकिया की संज्ञा दी गई है.

कम्प्यूटर एक पत्रकार

रोज सुबह अखबार नहीं पढ़ा तो दिमाग में हमेशा इस काम का पछतावा रहता है. अरे! यार आज तो अखबार भी पढ़ा. इसलिए चाय की चुस्कियों के साथ दिन भर की खबरें पढ‌ने का आनंद हर कोई लेना चाहता है.

लेकिन, इस काम के दिन भी लद गए है. और धीरे-धीरे बासी खबर पढ़ने की आदत छूटती जा रही है. अब तो ताजा पकाना और तुरंत खाना वाली नई आदत विकसित हो रही है.

ई-पेपर के चलन के साथ अब अखबार पढ़ने में आलस आने लगा है. और खबरें ऊबाऊपन लगने लगी है. क्योंकि, सूचना तकनीक ने दुनिया को हथेली में सिमटा दिया है. आप ब्रिटेन में इस समय किस मुद्दे पर लोग आंदोलन कर रहे है. तुरंत लाइव खबर के साथ जानकारी जुटाई जा सकती है. और विडियों और फोटू भी प्राप्त किये जा सकते है.

अखबार, पत्रिकाएं ऑनलाईन हो रही है. साथ में सोशल मीडिया कम्प्यूटर को पत्रकार बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभा रही है. क्योंकि इसके जरिए लाइव और तथ्यात्मक खबरें बड़ी ही आसानी से मिल पा रही है. जिन खबरों को पाने के लिए सूरज निकलेन का इंतजार करना पड़ता था. आज वहीं खबरें सिर्फ कुछ ही क्लिक्स की दूरी पर उपलब्ध है.

लोग खुद मौके पर पहुँचकर खबरें रिकॉर्ड कर रहे है. और सोशल मीडिया के जरिए उन्हे लोगों तक पहुँचाने का काम कर रहे है. यूट्यूब पत्रकारिता (YouTube Journalism) का चलन दिन पे दिन एक फैशन के तौर पर बढ़ रहा है. लोग अखबारों, पत्रिकाओं, टीवी चैनलों पर भरोसा ना करते हुए. इस नई पत्रकारिता की तरफ आकर्षित हो रहे है.

आपका स्मार्टफोन ही न्युज स्टुडियों बन रहा है. और एक न्युज रिकॉर्ड करने के लिए जरूरी सुविधाएँ उपलब्ध करवा रहा है. शेष काम इंसान अपनी सूझबूझ से निपटा रहा है. इस प्रकार कम्प्यूटर के दौर में एक नई पत्रकारिता की शुरुआत कम्प्युटर ने पत्रकार बनकर शुरु कर दी हैं.

कम्प्यूटर एक मार्गदर्शक

आपने कम्प्यूटर ऑन किया और “कम्प्यूटर पर निबंध कैसे लिखते है” लिखकर सर्च कर दिया. आपके सामने लाखों परिणाम इससे संबंधित आ जाएंगे. आप किसी एक को चुनकर खुद कम्प्यूटर पर निबंध लिखना सीख लेंगे.

ऐसा ही काम आप लगभग हर विषय, टॉपिक, वस्तु के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कर सकते है. क्योंकि कम्प्यूटर आपको हर चीज का जवाब देगा. यह ज्ञान का भंडार है. एक असीमित सागर है. जो ज्ञान के मोतियों से अटा पड़ा है.

आप बस टॉपिक चुनिए उसे इंटरनेट पर लिखिए आपको उत्तर मिल जाएगा. फैशन से लेकर, मेडिकल तक, एजुकेशन से लेकर नौकरी ढूँढ़ने तक, देश से लेकर विदेश तक, फाइनेंस से लेकर एग्रीकल्चर तक सभी विषयों पर पेशेवर सलाह प्राप्त करने की सहुलियत देता है.

यदि आप नया कम्प्युटर खरिदना चाहते है, या फिर कम्प्यूटर से संबंधित कोई उपकरण खरिदने के बारे में सोच रहे है तो कम्प्युटर इस काम में आपकी मदद कर देगा. आप बस “नया कम्प्यूटर कैसे खरिदे” या फिर “बेस्ट कम्प्यूटर फॉर स्टुडेंट्स” लिखकर सर्च कीजिए. आपके सामने सैंकड़ों कम्प्यूटर बाइंग गाइड खुलकर सामने आ जाएगी.

साथ में बाजार में उपलब्ध लैटेस्ट वर्जन, डिस्काउंट, कीमत, उसके फीचर आदि की जानकारी भी दुकान पर जाए बगैर मिल जाएगी. और यूट्यूब रिव्यु तथा पेशेवर की रेटिंग के आधार आप अपने लिए सही कम्प्युटर कैसे खरिदें की उलझन को सुलझा पाएंगे.

कम्प्यूटर द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही इन सेवाओं का निष्कर्ष हमें इसे मार्गदर्शक कहने पर मजबूर करता है. और इसे सलहाकार कहने में भी कोई बुराई नहीं है.                                                        

निष्कर्ष

कम्प्यूटर का बहुरुपीयापन का यह तो बस एक बानगीभर है. यहाँ इसके अनगिनत रूपों की चर्चा कर पाना पर्याप्त नहीं है. और ना ही की जा सकती है. क्योंकि, कम्प्यूटर में युजर की जरूरत और कार्य के अनुसार खुद को ढालने का गुण उसके कुछ रुपों को छिपा देता है.

 फिर भी उपरोक्त रुपों का अध्ययन करने पर हम विश्वास के साथ कह सकते है कि कम्प्यूटर एक बहुगुणी, बहुरूपी मशीन है. जो जरूरत के अनुसार किसी भी काम को करने में सक्षम है.

आपने क्या सीखा?

इस लेख में हमने आपको कम्प्यूटर पर निबंध लिखने के बारे में पूरी जानकारी दी है. आपने कम्प्यूटर से संबंधित विभिन्न टॉपिक्स पर कम्प्यूटर पर छोटा एवं बड़ा निबंध लिखना सीखा है.

उदाहरण के लिए, कम्प्यूटर आज की आवश्यकता, कम्प्यूटर का महत्व, कम्प्यूटर की आत्मकथा पर निबंध, कम्प्यूटर एक वरदान या अभिशाप आदि विषयों पर निबंध उपलब्ध करवाया है.

साथ ही कम्प्यूटर पर निबंध कैसे लिखें? इस सवाल का जवाब भी इस लेख में दिया गया है. हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा.

यदि आपका निबंध लिखने से संबंधित कोई भी सवाल है. आप कुछ पूछना चाहते है या फिर हमें कुछ बताना चाहते है. तो कमेंट के माध्यम से अपने कीमती विचारों से जरूर अवगत कराएं. हमें आपसे बात करके बहुत खुशी होगी.

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