भारत में कम्प्युटर आने के बाद लोगों ने इसकी उपयोगिता का भली-भांति आंकलन किया. जिस कारण वरतमान समय में कम्प्युटर का उपयोग घर से लेकर ऑफिस और बिजनेस से लेकर शिक्षा क्षेत्रों में किया जाता हैं लेकिन, तकनीक के विकास के साथ कम्प्युटर का स्थान लैपटॉप ने ले रहा हैं. और जिन अब डेस्क पर कम्प्युटर के बजाये लैपटॉप नजर आने लगे हैं. इसलिए लैपटॉप के बारे में जानकारी होना जरूरी हो गया हैं इस लेख में हम आपको लैपटॉप की पूरी जानकारी दे रहे हैं. अध्ययन कि सुविधा के लिए हमने इस लेख को निम्न भागों में बांटा हैं.
Table of Content
- लैपटॉप क्या हैं – What is Laptop in Hindi?
- लैपटॉप का इतिहास – History of Laptop in Hindi?
- लैपटॉप के प्रकार – Types of Laptop in Hindi?
- लैपटॉप के प्रमुख भाग – Parts of Laptop in Hindi?
- लैपटॉप के फायदें – Advantages of Laptop in Hindi?
- लैपटॉप के नुकसान – Disadvantages of Laptop in Hindi?
- आपने क्या सीखा?
लैपटॉप क्या हैं – What is Laptop in Hindi?
लैपटॉप एक छोटा, पोर्टेबल निजी कम्प्युटर होता हैं. जिसके दो भाग होते हैं जो आपस में एक कब्जे के सहारे जुडे रहते हैं. ऊपर वाले भाग में स्क्रीन होती हैं तथा नीचे वाले भाग में अन्य कम्प्युटिंग उपकरण जुडे रहते हैं. इसका डिजाईन Clamshell Form Factor पर आधारित होता हैं.
लैपटॉप की बनावट तथा फ़ीचर्स के कारण इसे नोटबुक कंप्यूटर तथा नोटबुक डिवाइस आदि नामों से भी जाना जाता हैं. वर्तमान समय मे लैपटॉप की स्क्रीन एलसीडी/एलईडी डिस्पले के रूप में आती है. और इसमें Thin-Screen तकनीक का उपयोग होता हैं. कंप्यूटर की तरह एक लैपटॉप में सभी इनपुट तथा आउटपुट घटक मौजूद होते हैं.
एक सामान्य लैपटॉप में डिस्प्ले स्क्रीन,मिनी स्पीकर, हार्ड डिस्क, कीबोर्ड, ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव, प्रोसेसर, रैम, तथा टचपैड आदि जरूरी फीचर्स होते हैं तथा वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी के विकास के साथ वेबकेम (कैमरा), इनबिल्ट माइक्रोफोन (आवाज़ भेजने के लिए) तथा टच स्क्रीन जैसे फीचर भी लैपटॉप में आने लगे हैं.
लैपटॉप का इतिहास – History of Laptops in Hindi?
साल 1968 में Alan Kay द्वारा Xerox PARC में एक निजी Portable Information Manipulator की कल्पना की गई. जिसे उनहोने 1972 के अपने शोध-पत्र में Dynabook के नाम से वर्णित किया. तथा जल्द ही लैपटॉप के निर्माण का विचार शुरु किया जाने लगा.
वर्ष 1980 में पहले नोटबुक कम्प्युटर को विकसित किया गया तथा 1983 (इस साल भारत क्रिकेट विश्व जीता था) के बाद कई अन्य तकनी एवं फीचर्स लैपटॉप में जोडे गए. जिसमें टचपैड, पॉइटिंग स्टिक, हैंडराईटिंग रिकॉगनिशन आदि शामिल हैं.
इन पोर्टेबल कम्प्युटर की बैटरी लाईफ को बढाने के लिए कुछ सीपीयू जैसे Intel i386SL के डिजाईन में बदलाव किया जाने लगा जिनमें पावर मैंनेजमेंट फीचर का इस्तेमाल होता था.
वर्ष 1988 में डिस्पले साईज (640×480) VGA Resolution को बढाने कि ओर कार्य किया गया. तथा उसके बाद 1991 में लैपटॉप में कलर स्क्रीन फीचर भी जोडा गया. और समय के साथ लैपटॉप आधुनिक रूप में हमार सामने हैं.
लैपटॉप के विभिन्न प्रकार – Types of Laptop in Hindi?
- Traditional Laptop
- Notebook
- Convertible or Hybrid
- Desktop Replacement
- Rugged Laptop
- Business Laptop
लैपटॉप के विभिन्न भाग – Parts of a Laptop in Hindi?
- Display
- CPU
- GPU
- Memory
- Internal Storage
- Removable Media Drive
- Input/Output Ports
- Expansions Cards
- Battery and Power Supply
- Cooling Fan
- Accessories
लैपटॉप की बनावट और उसमें बाहर मौजूद भागों के नाम
- Camera
- Display
- Charging Port
- Ethernet Port
- HDMI Port
- USB Port
- Audio Jack
- Mousepad
- Keypad
- Other Port
- DVD/CD Writer
- USB Port
- Indicator Lights
- SD Card Port
ऊपर बताए भाग लैपटॉप मॉडल और मैन्युफैक्चरर के अनुसार कम या ज्यादा हो सकते हैं. इसलिए लैपटॉप खरिदने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी जुटा ले.
लैपटॉप के फायदें – Advantages of Laptops
लैपटॉप की शारीरिक पोर्टेबिलिटी सुविधा के कारण इसका इस्तेमाल हम ना सिर्फ घर तथा ऑफिस में बल्कि कहीं किसी दुकान पर, फ्लाइट में आसानी से कर सकते हैं. हम कहीं भी अपने घुटनो पर लैपटॉप को टिका कर इसे उपयोग में ले सकते हैं. जिन स्थानों में हम कंप्यूटर का उपयोग नहीं कर सकते उस स्थान पर लैपटॉप का उपयोग कर हम अपनी उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं.
ऐसे ही कुछ खास लैपटॉप फायदों के बारे में नीचे बता रहे हैं.
छोटा आकार – लैपटॉप का आकार बहुत छोटा होता हैं. इसलिए ये काफि कम जगह का इस्तेमाल करते हैं. आप एक छोटी सी टेबल पर भी इसे रखकर अपना कार्य शुरु कर सकते हैं.
पोर्टेबल डिवाईस – लैपटॉप का यह फायदा ही इसे डेस्कटॉप कम्प्युटार से उपयोगी बनाता हैं. आप इसे कहीं भी आसानी उठाकर ले जा सकते हैं. क्योंकि इसका वजन 3 किलो से भी कम होता हैं. इसलिए ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, होटल, बस, ट्रैन कहीं से भी आप इसे इस्तेमाल कर सकते हैं.
बिजली की जरूरत नहीं – लैपटॉप पावर के लिए चार्जेबल बैटरी का उपयोग करता हैं. इसलिए इसे एक बार चार्ज करने के बाद बिना बिजली के इस्तेमाल किया जा सकता हैं. इससे आपका बिजली और पैसे दोनों की बचत होति हैं.
अलग इनपुट-आउटपुट डिवाईसों की कम जरूरत – लैपटॉप में Built-in की-बोर्ड (कीपैड) तथा माउस (माउसपैड) होता हैं. और कुछ अन्य जरूरी उपकरण जैसे स्पीकर डिस्पले ब्लुटूथ वाई-फाई होटस्पोट हार्ड डिस्क डीवीडी राईटर आदि होते हैं. इसलिए कोई भी अतिरिक्त उपकरण लगाने की आवश्यकता नहीं पडती हैं.
आवाज नहीं – लैपटॉप शांति से अपना कार्य करता रहता हैं. यह डेस्कटॉप कम्प्युटर की तुलना बहुत कम आवाज निकालता हैं. आप शायद सुन भी नहीं सकते हैं. यदि आप ज्यादा गौर करेंग़े तभी लैपटॉप पंखे की आवाज सुनाई देगी.
बिजली के बिल की बचत – इससे बिजली बचत की जा सकती है. क्योंकि लैपटॉप कंप्यूटर की तुलना में काफी बिजली की खपत कम करते हैं. आमतौर पर लैपटॉप 10 से 20W पर कार्य करते हैं. वहीं दूसरी तरफ कंप्यूटर 100 से 800W बिजली का उपभोग करते हैं. एक कंपनी जहां दिन में सैकड़ों कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है, वहां लैपटॉप का इस्तेमाल कर बिजली की खपत कम को कम किया जा सकता है. जिसका सीधा असर बिजली बिल पर पडता हैं. यही हाल हमारे घरों का भी होता हैं.
आल इन वन – लैपटॉप को हम ऑल इन वन डिवाइस कह सकते हैं. क्योंकि इसमें हमें सभी अंग (कॉम्पोनेन्ट) एक डिवाइस में प्राप्त हो जाते हैं. हालांकि पुराने डिवाइस में इंटरनल ड्राइव (सीडी, डीवीडी, इंटरनेल ड्राइव) नही होती तथा इनमें एक्सटर्नल ड्राइव को कनेक्ट किया जा सकता है.
लैपटॉप के नुकसान – Disadvantage of Laptops in Hindi?
महंग़ा दाम – कंप्यूटर की तुलना में लैपटॉप की कीमत काफी अधिक होती है. अतः हर व्यक्ति के लिए बेहतरीन फ़ीचर्स लैपटॉप खरीद पाना आसान नहीं रहता हैं.
मरम्मत भी महंगी – लैपटॉप के भीतर ही सभी कॉम्पोनेन्ट इनस्टॉल होते हैं. इसलिए लैपटॉप खराब होने की स्थिति में इसकी मरम्मत का खर्चा अधिक होता है, क्योंकि कंप्यूटर की तुलना में लैपटॉप के पार्ट्स काफी महंगे होते हैं. यह एक नाजुक मशीन हैं. इसलिए काफि ध्यानपूर्वक इसकी मरम्मत करनी पडती हैं. जिसके लिए पेशेवर लोगों की जरूरत पडती हैं.
जल्दी खराब होने के अवसर – लैपटॉप के डैमेज होने की संभावना अधिक रहती है. क्योंकि यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है तथा गलती से किसी तरल पदार्थ का लैपटॉप के ऊपर गिर जाने से इनके डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए लैपटॉप के लिए अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है. आप चाय पी रहे है और लैपटॉप चला रहे है तो इस बात पर जरुर गौर करें.
शारीरिक नुकसान – लैपटॉप का अधिक समय तक उपयोग करने से इससे आंखों, हाथों तथा हड्डियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. वैज्ञानिक भी मानते हैं कि लैपटॉप से निकलने वाली हानिकारक किरणें स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं. अतः लैपटॉप का अधिक समय तक उपयोग करने के दौरान शरीर से दूर रखना चाहिए.
कस्टमाईज करना आसान नही – डेस्कटॉप की तुलना में लैपटॉप को आसानी से अपने अनुसार कस्टमाईज करना आसान नहीं होता हैं. और यह सौदा जेब पर भी महंगा पडता हैं.
आपने क्या सीखा?
इस लेख में हमने आपको लैपटॉप के बारे में पूरी जानकारी दी हैं. आपने जाना कि लैपटॉप क्या होता हैं, इसके फायदें-नुकसान आदि. हमे उम्मीद हैं कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा.
#BeDigital
thanks
सर आपका बहुत ही अच्छा आर्टिकल लिखा है सर मेरा एक ब्लॉग है जिसमें मैं सरकारी योजनाओ से रिलेटेड जानकारी प्राप्त करवाता हु।
सही और अच्छी जानकारी बताने के लिये शुक्रिया।
में आशा करता हूँ कि आप आगे भी ऐसी जानकारी हमे देते रहे।
धन्यवाद।
राजेश जी, हम बिल्कुल आगे भी आपको इसी तरह की जानकारी मुहैया कराते रहेंगे.
Nice