कम्प्यूटर क्या होता है – कम्प्यूटर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. स्कूल से लेकर ऑफिस तक में इसका इस्तेमाल रोजाना किया जाता है. और दैनिक कामकाज निपटाने के लिए घरों में भी कम्प्यूटर का उपयोग खूब किया जा रहा हैइसलिए हम सभी को अच्छी तरह से कम्प्यूटर का परिचय होना चाहिए. तभी हम इस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग ठीक ढंग से करने में कामयाब हो सकते है. साथ ही प्रतियोगि परिक्षाओं में भी कम्प्यूटर से संबंधित महत्वपूर्ण सवाल पूछे जाते है. इस कारण भी कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी होना जरुरी हो जाता हैइन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मैंने यह लेख तैयार किया है. जिसमें कम्प्यूटर की पूरी जानकारी दे रहा हूँ. अध्ययन की सुविधा के लिए इस लेख को निम्न भागों में बांटा है.
Table of Content
कम्प्यूटर क्या है – What is Computer in Hindi?
- Computer का नाम सुनते ही मन में सैंकडो विचार आने लगते है. क्योंकि Computer सैंकडो गतिविधियां अकेला कर सकता है. हाँ, सैंकडो! आपने सही पढा और वो भी एक साथ.
- Computer को शब्दो मे बांधना थोडा सा मुश्किल होता हैं. ऐसा इसलिए है कि हर इंसान Computer का उपयोग अलग-अलग कार्यों के लिए करता है.
- कम्प्यूटर के बारे में एक आम धारणा भी प्रचलित है कि Computer एक अंग्रेजी शब्द है. Computer का हिंदी में मतलब (Computer Meaning in Hindi) “गणना” होता है. इसका मतलब कम्प्यूटर एक गणकयंत्र (Calculator) है. लेकिन, कम्प्यूटर को एक जोडने वाली मशीन कहना गलत होगा. क्योंकि कम्प्यूटर जोडने के अलावा सैकडों अलग-अलग कार्य करता है.
- अगर आप एक लेखक/टाइपिस्ट से पूछोगे कि कम्प्यूटर क्या है? तो वह शायद कहे की कम्प्युटर एक टाइप मशीन हैं. इसी तरह हम एक गेम खेलने वाले बालक से पूछे तो वह शायद कहे कि कम्प्यूटर तो एक गेम मशीन है. कम्प्यूटर ऑपरेटर से पूछोगे तो वह इसे ऑफिस का काम निपटाने वाली मशीन के संदर्भ में परिभाषित करने की कोशिश करेगा.
- इसलिए हम कह सकते है कि Computer को किसी एक अर्थ में नही बांधा जा सकता है. कम्प्यूटर का मतलब उसके उपयोग के आधार पर हर व्यक्ति के लिए अलग है.
- कम्प्यूटर के इतने अर्थ होने के बावजूद हमने आपके लिए कम्प्यूटर को परिभाषित करने कि एक कोशिश की है. इस कम्प्यूटर की परीभाषा को आप कम्प्यूटर की एक प्रमाणित परिभाषा नही मान सकते है. क्योंकि कार्य के आधार पर कम्प्यूटर के अर्थ भी बदल जाते है.
कम्प्यूटर की परिभाषा – Computer Definition in Hindi
“Computer एक मशीन है जो कुछ तय निर्देशों के अनुसार कार्य को संपादित करते है. और ज्यादा कहे तो Computer एक इलेक्ट्रोनिक उपकरण है जो इनपुट उपकरणों की मदद से आँकडों को स्वीकार करता है उन्हें प्रोसेस करता है और उन आँकडों को आउटपुट उपकरणों की मदद से सूचना के रूप में प्रदान करता है.इस परिभाषा के स्पष्ट है कि कम्प्यूटर युजर द्वारा पहले कुछ निर्देश लेता है जो विभिन्न इनपुट डिवाइसों की मदद से प्रविष्ट कराए जाते है. फिर उन निर्देशों को प्रोसेस किया जाता है, और आखिर में निर्देशों के आधार पर परिणाम देता है जिसे आउटपुट डिवाइसों की मदद से प्रदर्शित करता है.निर्देशों में कई प्रकार का डेटा शामिल होता है. जैसे; संख्या, वर्णमाला, आंकड़े आदि. इस डेटा के अनुसार ही कम्प्यूटर परिणाम बनाता है. यदि कम्प्यूटर को गलत आंकड़े दिए जाते है तो कम्प्यूटर भी गलत ही परिणाम देता है. मतलब साफ है कि कम्प्यूटर GIGO – Garbage in Garbage Out के नियम पर काम करता है.
क्या आप जानते है?
कम्प्यूटर का जनक “चार्ल्स बैबेज” को माना गया है. इन्होने सन 1833 में Analytical Engine का आविष्कार किया था, जो आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना. इसी कारण उन्हे Father of Computer की उपाधी दी गई.
कम्प्यूटर का पूरा नाम क्या है – Computer Full Form in Hindi
कम्प्यूटर बहु-उपयोगी मशीन होने के कारण आज तक भी इसको एक परिभाषा में नही बाँध पाँए है. इसी कड़ी में कम्प्यूटर का पूरा नाम भी चर्चित रहता है. जिसकी अलग लोगों और संस्थाओं ने अपने अनुभव के आधार पर भिन्न-भिन्न व्याख्या की है. लेकिन, इनमे से कोई भी Standard Full Form नही है. मैंने आपके लिए एक कम्प्यूटर की फुल फॉर्म नीचे बताई है. जो काफी लोकप्रिय और अर्थपूर्ण है.
C – Commonly
O – Operating
M – Machine
P – Particularly
U – Used in
T – Technology
E – Education and
R – Research
अर्थात Commonly Operating Machine Particularly Used in Technology Education and Research.
कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार
कम्प्यूटर के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं. इनके बारे में आप अधिक जानकारी कम्प्यूटर के प्रकार Lesson से ले सकते है.
- अनुप्रयोग (Application)
- उद्देशय (Purpose)
- आकार (Size)
कम्प्यूटर का परिचय – Computer Introduction in Hindi
Computer अपना कार्य अकेला नही कर सकता है. Computer किसी कार्य को करने के लिए कई तरह के उपकरणों तथा प्रोग्राम की सहायता लेता है. Computer के ये उपकरण और प्रोग्राम क्रमश: ‘Hardware तथा Software ‘ के नाम से जाने जाते है. Computer के इन उपकरणों तथा प्रोग्राम के बारे में आप अगले Lessons में जान पाएंगे. एक आम Computer कुछ इस प्रकार दिखाई देता है.
ऊपर जो Computer आप देख रहे है इसे ‘डेस्कटॉप Computer‘ कहते है. वर्तमान समय में इसी प्रकार के Computer अधिक प्रचलित है. इस फोटो में आपको कई अलग-अलग उपकरण दिख रहे होंगे ये सभी मिलकर Computer मशीन को बनाते है. आइए इन उपकरणों के बारे में संक्षिप्त में जानते है.
1. System Unit
System Unit एक बक्सा होता है जिसमें Computer को अपना कार्य करने के लिए आवश्यक यंत्र लगे होते है. सिस्टम युनिट को CPU (Central Processing Unit) भी कहा जाता है. इसमें मदरबोर्ड, प्रोसेसर, हार्ड डिस्क आदि यंत्र होते है जो Computer को कार्य करने लायक बनाते है. इसे Computer Case भी कहते है.
2. Monitor
Monitor एक आउटपुट उपकरण है जो हमें दिए गए निर्देशों के परिणामों को दिखाता है. यह बिल्कुल टीवी के जैसा होता है. वर्तमान में मॉनिटरो की जगह एल सी डी एवं एल ई डी ने ले ली है.
3. Keyboard
Keyboard एक इनपुट उपकरण है जो हमें Computer को निर्देश देने के लिए होता है. इसकी मदद से ही Computer को वांछित आंकडे एवं निर्देश दिए जाते है. इसमे विभिन्न प्रकार की कुंजिया (keys) होती है इन्ही के द्वारा आंकडे एवं निर्देश Computer तक पहुंचाए जाते है. आप यहाँ से Keyboard का उपयोग करना सीख सकते है.
4. Mouse
Mouse भी एक इनपुट उपकरण है जो Computer को निर्देश देने के लिए होता है. हम इसके द्वारा Computer में उपलब्ध प्रोग्राम को चुनते है. आप यहाँ से Mouse का उपयोग करना सीख सकते है.
5. Speakers
Speakers आउटपुट उपकरण है जो हमें Computer से आवाज को सुनने में मदद करते है. इन्ही के द्वारा हमें गानों, फिल्मों, प्रोग्रामों तथा खेलों आदि में उपलब्ध ध्वनी सुनाई देती है.
6. Printer
Printer भी एक आउटपुट उपकरण है जो Computer द्वारा विश्लेषित सूचनाओं को कागज पर प्राप्त करने के लिए होता है. कागज पर प्राप्त होने वाली सूचनाओं को ‘हार्डकॉपी‘ भी कहते है. और इसके उलट जो सूचनाए Computer में ही रक्षित रहती है उन्हे ‘सॉफ्टकॉपी’ कहते है.
कम्प्यूटर की विशेषताएं – Characteristics of Computer in Hindi
कम्प्यूटर ने हम इंसानों द्वारा किए जाने वाले अधिकतर कामों पर कब्जा कर लिया हैं और इंसान को उसकी क्षमता से अधिक कार्य-क्षमता प्रदान की हैं. यह सब इस मशीन के खास गुणों के कारण संभव हैं. तभी हम इंसान कम्प्यूटर को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं. कम्प्यूटर की कुछ खास विशेषताएँ निम्न हैं.
1. गति – Speed
- कम्प्यूटर बहुत तेज गति से कार्य करता हैं.
- यह लाखों निर्देशों को केवल एक सैकण्ड में ही संसाधित कर सकता हैं.
- इसकी डाटा संसाधित करने की गति को माइक्रोसैकण्ड (10–6), नैनोसैकण्ड (10-9) तथा पिकोसैकण्ड (10-12) में मापा जाता हैं.
- आमतौर पर प्रोसेसर की एक युनिट की गति दसियों लाख निर्देश प्रति सैकण्ड यानि MIPS (Millions of Instructions Per Second)
- इस मशीन का निर्माण ही तीव्र गति से कार्य करने के लिए किया गया हैं.
2. शुद्धता – Accuracy
- कम्प्यूटर GIGO (Garbage in Garbage Out) सिद्धांत पर कार्य करता हैं.
- इसके द्वारा उत्पादित परिणाम त्रुटिहीन रहते हैं. अगर किसी परिणाम में कोई त्रुटि आती हैं तो वह इंसानी हस्तक्षेप तथा प्रविष्ट निर्देशों के आधार पर होती हैं.
- इसके परिणामों की शुद्धता मानव परिणामों की तुलना में बहुत ज्यादा होती हैं.
3. परिश्रमी – Diligence
- कम्प्यूटर एक थकान मुक्त और मेहनती मशीन हैं.
- यह बिना रुके, थके और बोरियत माने बगैर अपना कार्य सुचारु रूप से समान शुद्धता के साथ कर सकता हैं.
- यह पहले और आखिरी निर्देश को समान एकाग्रता, ध्यान, मेहनत और शुद्धता से पूरा करता हैं.
4. बहुप्रतिभा – Versatility
- कम्प्यूटर एक बहु-उद्देश्य मशीन हैं.
- यह गणना करने के अलावा अनेक उपयोगी कार्य करने में सक्षम होता हैं.
- इसके द्वारा हम टाइपिंग, दस्तावेज, रिपोर्ट, ग्राफिक, विडियों, ईमेल आदि सभी जरूरी काम कर सकते
5. स्वचालित – Automation
- यह एक स्वचालित मशीन भी हैं.
- यह बहुत सारे कार्यों को बिना इंसानी हस्तक्षेप के पूरा कर सकता हैं.
- स्वचालितता इसकी बहुत बडी खूबी हैं.
6. संप्रेषण – Communication
- एक कम्प्यूटर मशीन अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से भी बात-चीत कर सकता हैं.
- यह नेटवर्क के जरीए अपना डाटा का आदान-प्रदान एक-दूसरे को आसानी से कर सकते हैं.
7. भंडारण क्षमता – Storage Capacity
- कम्प्यूटर में बहुत विशाल मेमोरी होती हैं.
- कम्प्यूटर मेमोरी में उत्पादित परिणाम, प्राप्त निर्देश, डाटा, सूचना अन्य सभी प्रकार के डाटा को विभिन्न रूपों में संचित किया जा सकता हैं.
- भंडारन क्षमता के कारण कम्प्यूटर कार्य की दोहराव से बच जाता हैं.
8. विश्वसनीय – Reliability
- यह एक भरोसेमंद और विश्वसनीय मशीन हैं.
- इसका जीवन लंबा होता हैं.
- इसके सहायक उपकरणों को आसानी से पलटा और रख-रखाव किया जा सकता हैं.
9. प्रकृति का दोस्त – Nature Friendly
- कम्प्यूटर अपना कार्य करने के लिए कागज का इस्तेमाल नहीं करता हैं.
- डाटा का भंडारण करने के लिए भी कागजी दस्तावेज नहीं बनाने पडते हैं.
- इसलिए कम्प्यूटर अप्रत्यक्ष रूप से प्रकृति के रक्षक होते हैं. और इससे लागत में भी कमी आती हैं.
कम्प्यूटर की सीमाएं – Limitations of Computer in Hindi
- कम्प्यूटर एक मशीन हैं जिसे अपना कार्य करने के लिए हम इंसानों पर निर्भर रहना पडता हैं. जब तक इसमे निर्द्श प्रविष्ट नहीं होंगे यह कोई परिणाम उत्पादित नहीं कर सकता हैं.
- इसमें विवेक नहीं होता हैं. यह बुद्धिहीन मशीन हैं. इसमें सोचने-समझने की क्षमता नहीं होती हैं. मगर वर्तमान समय में कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence) के द्वारा कम्प्यूटरों को सोचने और तर्क करने योग्य क्षमता विकसित की जा रही हैं.
इसे काम करने के लिए साफ-सुथरे वातारण की जरुरत पडती हैं. क्योंकि धूल-भरी जगह पर इसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती हैं. और यह कार्य करना बंद भी कर सकता हैं.
कम्प्यूटर का इतिहास – History of Computer in Hindi
आधुनिक कम्प्यूटर इतिहास की देन हैं. जिसकी शुरुआत ईसा पूर्व ही हो चुकी थी. जब चीनियों ने अबेकस का आविष्कार किया. इसके बाद विभिन्न प्रकार के स्वचालित मशीने अस्तित्व में आई. और चार्ल्स बैबेज द्वारा बनाया गया स्वाचालित इंजन आज के कम्प्यूटर का आधार बना.
कम्प्यूटर का इतिहास कुछ इसी तरह के उतार-चढावों से भरा हुआ है. जिसके बारे में संक्षेप में नीचे बताया गया हैं.
- Abacus दुनिया का पहला गणना यंत्र था जिसके द्वारा सामान्य गणना (जोडना, घटाना) की जा सकती थी.
- अबेकस का आविष्कार लगभग 2500 वर्ष पूर्व (इसका सही-सही समय ज्ञात नहीं हैं) चीनीयों द्वारा किया गया.
- यह यंत्र 17वीं शताब्दी तक गनना करने का एक मात्र उपकरण बना रहा.
- 1017 में John Napier ने अपनी किताब “Rabdology” में अपने गणितीय उपकरण का जिक्र किया. जिसका नाम “Napier’s Bones” था. इस डिवाइस का उपयोग उत्पादों की गणना तथा भागफल ज्ञात करने के लिए किया जाता था. इस डिवाइस में गणना करने के लिए इस्तेमाल होने वाली विधि को ‘रेब्दोलॉजी’ कहा जाता था.
- इस डिवाइस द्वारा जोडना, घटाना, गुणा, भाग भी किये जा सकते थे.
- John Napier के आविष्कार के कुछ साल बाद (1620 के आसपास) ही माननीय William Oughtred ने “Slide Rule” का आविष्कार कर लिया.
- इसके द्वारा गुणा, भाग, वर्गमूल, त्रिकोणमीतिय जैसी गणनाएं की जा सकती थी. मगर जोड तथा घटाव के लिए कम इस्तेमाल किया हुआ.
- 1642 में माथ 18 वर्ष की अल्पायु में फ्रेंच वैज्ञानिक और दार्शनिक ने पहला व्यवहरिक यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया.
- इस कैलकुलेटर का नाम “पास्कालिन” था. जिसके द्वारा गणना की जा सकति थी.
- फिर 1671 में पास्कालिन में सुधार करते हुए एक एडवांस मशीन ‘Step Reckoner’ का आविष्कार हुआ. जो जोडने, घटाने के अलावा गुणा, भाग, वर्गमूल भी कर सकती थी.
- Gottfried Wilhelm Leibniz द्वारा विकसित इस मशीन में भंडारण क्षमता भी थी.
- Binary System भी इन्ही के द्वारा विकसित किया गया. जिसे एक अंग्रेज ‘George Boole’ ने आधार बनाकर 1845 में एक नई गणितीय शाखा “Boolean Algebra” का आविष्कार किया.
- आधुनिक कम्प्यूटर डाटा संसाधित करने और तार्किक कार्यों के लिए इसी बाइनरी सिस्टम और बुलीन अल्जेब्रा पर ही निर्भर रहते हैं.
- 1804 में फ्रेंच के एक बुनकर ‘Joseph-Marie-Jacquard’ ने एक हथकरघा बनाया. जिसका नाम ‘Jacquard Loom’ था.
- इसे पहला ‘सूचना-संसाधित’ डिवाइस माना जाता हैं.
- और इस डिवाइस के आविष्कार ने साबित कर दिया कि मशीनों को मशीनि कोड द्वारा संचालित किया जा सकता था.
- 1820 में फ्रांस के ‘Thomas de Colmar’ ने “Arithmometer” नामक एक नई गणना मशीन बनाई.
- जिसके द्वारा गणित के चार बुनियादी कार्य जोडना, घटाना, गुणा, भाग किये जा सकते थे.
- मगर द्वितीय विश्व युद्ध के कारण इस मशीन का विकास रुक गया.
- आधुनिक कम्प्यूटर के पितामह माननीय ‘Charles Babbage’ ने 1822 में “बहुपदीय फलन” का सारणीकरण करने के लिए एक स्वचालित यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार किया.
- इस कैलकुलेटर का नाम “Difference Engine” था.
- यह भाप द्वारा चलती थी और इसका आकार बहुत विशाल था.
- इसमे प्रोग्राम को स्टोर करने, गणना करने तथा मुद्रित करने की क्षमता थी.
- इस इंजन के लगभग एक दशक बाद 1833 में “Analytical Engine” डिजाइन किया.
- इस इंजन को ही आधुनिक कम्प्यूटर का शुरुआती प्रारुप माना जाता हैं. इसलिए ही “चार्ल्स बैबेज” को कम्प्यूटर का जनक कहा जाता हैं.
- इस मशीन मे वे सभी चीजे थी जो मॉडर्न कम्प्यूटर में होती है.
- Analytical Engine में Mill (CPU), Store (Memory), Reader and Printer (Input/Output) का काम कर रहे थे.
- अब आधुनिक कम्प्यूटर की नींव रखी जा चुकी थी.
इसके बाद कम्प्यूटर ने तेजी से विकास किया. और नई-नई तकनीकों का आविष्कार किया गया. जिसके कारण कम्प्यूटर विशाल कमरे से बाहर निकलकर हमारे हाथ में समा गया. इस विकास क्रम को पीढीयों में बांटा गया है. जिसक वर्णन इस प्रकार हैं.
कम्प्यूटर की पीढीयाँ – Computer Generations in Hindi
पीढी का नाम | समय | विशेषताएँ | लोकप्रिय कम्प्यूटर |
प्रथम पीढी | 1940 – 1956 | Vacuum Tube पर निर्भर Punch Cards, Paper Tap, Magnetic Tap का इनपुट एवं आउटपुट डिवाइस के रूप में प्रयोग निर्देश के लिए मशीनी भाषा का प्रयोग Magnetic Drums का उपयोग मेमोरी के लिए किया गया बडा आकार और वजनी महंगे और विश्वसनीय नहीं आम लोगों की पहुँच से दूर | ENIAC – Electronic Discrete Variable Automatic Computer EDVAC – Electronic Delay Storage Automatic CalculatorUNIVAC – Universal Automatic ComputerIBM-701IBM-650 |
द्वितीय पीढी | 1956 – 1963 | Transistor पर आधारित मेमोरी के लिए Magnetic Core (Primary Memory) एवं Magnetic Tap (Secondary Memory) का उपयोग निर्देशों के लिए Assembly Language पर निर्भर High-Level (FORTON, COBOL) मशीनी भाषाओं का विकास परिणाम प्रदर्शित करने के लिए अभी भी Punch Cards और Printouts पर निर्भरता कार्य-विशेष के लिए उपयोग | Honeywell 400IBM 7090CDC 1604UNIVAC 1108MARK III |
तृतीय पीढी | 1964 – 1971 | Integrated Circuit पर आधारित आकार छोटा और भरोसेमंद निर्देशों के लिए BASIC, COBOL, PASCAL जैसी है हाइ-लेवल मशीनी भाषा का प्रयोग पाँच कार्ड की जगह पर माउस और कीबोर्ड का उपयोग तथा आउटपुट के लिए मॉनिटर का इस्तेमाल मल्टि-प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम सामान्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल | PDP-8PDP-11ICL 2900Honeywell 6000 SeriesTDC-B16IBM-360IMB-370NCR-395 |
चौथी पीढी | 1971 – वर्तमान | VLSI – Very Large Scale Integrated Circuit तकनीक पर निर्भर माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल GUI – Graphical User Interface तकनीक पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास और उपयोग MS-DOS, MS-Windows, Mac जैसे GUI पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का तेजी से विकास हुआ और माइक्रोकम्प्यूटर की क्रांति हुई अधिक तेज, ज्यादा भरोसेमंद आकार में छोटे और हल्के आम आदमी की पहुँच में इंटरनेट का इस्तेमाल C, C++ प्रोग्रामिंग भाषाओं का इस्तेमाल कम खर्चीले | IBM 4341DEC 10STAR 1000PUP 11PCsMacintosh |
पांचवी पीढी | वर्तमान से भविष्य | ULSI – Ultra Large-Scale Integrated Circuit तथा AI – Artificial Intelligence तकनीक पर आधारित छोटे, हल्के, इस्तेमाल में आसान सस्ते और विश्वसनीय तथा आम इंसान तक सीधी पहुँच कृत्रिम बुद्धि तथा इंटरनेट ओर थिंग्स तकनीक का विकास टचस्क्रीन, वॉइस कंट्रोल का इस्तेमाल C, C++, Java, .net, ASP भाषाओं का उपयोग | Desktop PCsMac BooksLaptopsUltra-BooksiPhonesiWatchSmartphonesWearable Devices |
Career Opportunities in The Computer Fields – कम्प्यूटर में करियर
कम्प्यूटर फील्ड बहुत वृह्द है. यहां पर कई प्रकार के स्पेशलाइज्ड क्षेत्र विकसित हो चुके है. जिन्हे उपक्षेत्रों में भी बांट दिया गया है. इसलिए, करियर के लिहाज से कम्प्यूटर क्षेत्र हरा-भरा हैबस, सही ढ़ंग से कोई खेती करने वाला होना चाहिएआपकी सुविधा के लिए कुछ लोकप्रिय (सभी नहीं) कम्प्यूटर जॉब्स के बारे में बता रहा हूँ. जिन्हे आप कम्प्यूटर सब्जेक्ट्स तथा इससे संबंधित विषयों की पढ़ाई करके प्राप्त कर सकते है.
#1 Computer Programmer
- आप जिस कम्प्यूटर को चला रहे है उसके कोड जो व्यक्ति लिखता है उसे कम्प्यूटर प्रोग्रामर कहते है. यहीं व्यक्ति कम्प्यूटर में मौजूद सभी प्रकार के फंक्शंस के कोड लिखता है. और हमारे लिए कायों को आसान बनाता है.
- एक कम्प्यूटर प्रोग्रामर विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषाओं का जानकार होता है और इन सभी भाषाओं में कोडिंग करने की योग्यता रखता है. लेकिन, कुछ प्रोग्रामर्स केवल किसी भाषा विशेष पर ही ज्यादा जोर देते है. और उसी भाषा में कोडिंग करते है.
- प्रोग्रामर ही डिजाइनर्स तथा एम्प्लोयर के सपनों को हकिकत में बदलते है. और उन्हे वास्तविकता में बदलने का कार्य करते है. साथ में पहले से तैयार प्रोग्राम्स, सॉफ्टवेयर्स की टेस्टिंग, एरर चैंकिंग भी करते हैं.
#2 Hardware Engineer
- आप जानते हैं कि कम्प्यूटर अकेली मशीन है. इसे काम करने के लिए बहुत सारे अन्य पार्ट्स की जरूरत पड़ती है. इन अलग-अलग डिवाइसों को बनाने, टेस्ट करने तथा इनका नई जरुरतों के अनुसार विश्लेषण का काम हार्डवेयर इंजिनियर करता है.
- कम्प्यूटर सिस्टम में कौनसा पार्ट कहां लगेगा, उसका डिजाइन कैसा होना चाहिए, यूजर्स की सहुलियत का ख्याल जैसे जरूरी काम भी यहीं पेशेवर व्यक्ति करता है.
- सॉफ्टवेयर में बदलाव होने पर हार्डवेयर की अनुकूलता (Hardware Compatibility) जांचकर उसे अपडेट करने का काम भी हार्डवेयर इंजिनियर का होता है. आपके कम्प्यूटर में जो रैम लगी है, मदरबोर्ड लगा हुआ है, केबिनेट का डिजाइन ये सभी कार्य हार्डवेयर इंजिनियर ही संभालता है.
- अगर, आपका मन नई चीजों को बनाने और उनके साथ खेलना पसंद है तो आप इस करियर में हाथ आजमा सकते है.
#3 Software Developer
- इसकी तुलना आप कम्प्यूटर प्रोग्रामर से भी कर सकते है. लेकिन, इनके बीच एक महिन अंतर होता है. जिसे समझना जरूरी होता है. तभी आप इन दोनों करियर्स के बारे में ठीक ढंग से समझ पाएंगे.
- एक कम्प्यूटर प्रोग्रामर मुख्य रूप से कम्प्यूटर हार्डवेयर के ऊपर चलने वाले प्रोग्राम्स को बनाता है. जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम, यूटिलिटी प्रोग्राम्स आदि.
- और एक सॉफ्टवेयर डवलरपर आम यूजर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए कम्प्यूटर प्रोग्राम्स विकसित करता है. जैसे; एम एस ऑफिस, टेली, वाट्सएप, ब्राउजर आदि.
#4 Web Developer
- आप इस आर्टिकल को एक वेबसाइट पर पढ़ रहे है. जिसे वेब डवलपर नें विकसित किया है. इनका मुख्य काम वेबसाइट्स निर्माण करना होता है.
- साथ में एक वेबसाइट को लाइव रहने के लिए आवश्यक जरूरी तकनीकि काम जैसे होस्टिंग, सेक्युरिटी आदि भी संभालने की जिम्मेदारी वेब डवलपर की होती है.
- यह वेब डिजाइनरों के साथ मिलकर काम करता है. और छोटे बिजनेसेस में तो एक ही ऑफिस शेयर करते है.
#5 Web Designer
- एक वेब डिजाइनर का काम वेबसाइट का डिजाइन, कलर, बटन सेटिंग, थीम डिजाइन, यूजर्स के लिए आसान नेविगेशन आदि डिजाइन करना होता है.
- यह सभी डिजाइन्स ग्राफिक टूल्स के माध्यम से तैयार करता है. जिन्हे बाद में फ्रंट एण्ड प्रोग्रामिंग भाषाओं के द्वारा वास्तविक रूप दिया जाता है.
- इस डिजाइन को एक वेब डवलपर वेबसाइट में जोड़ देता है. और इस तरह एक वेबसाइट बनती है. बहुत जगहों पर यह काम अकेला व्यक्ति ही देखता है. जिसे Full Stack Developer कहा जाता है.
- एक Full Stack Developer के पास वेब डिजाइनिंग तथा वेब डवलपिंग दोनों स्किल्स होती है.
#6 Data Scientist
इन्हे डेटा खोदक भी कहा जाता है. क्योंकि, इनका काम विभिन्न प्रकार का डेटा खोदना होता है और उसे डेटा का विश्लेषण करके अर्थपूर्ण हल निकालना होता हैडेटा साइंटिस्ट्स मुख्य रूप से बड़े-बड़े बिजनेसेस के साथ काम करते है. क्योंकि, यहीं पर डेटा इकट्ठा होता है. इस डेटा को विभिन्न श्रेणीयों में बांटना, उसका विश्लेषण करके कोई खास पैटर्न ढूँढ़ना, फिर किसी समस्या का हल खोजना जैसे महत्वपूर्ण काम डेटा खोदक करता है.
#7 Network Administrator
ऑफिसों में एक साथ सैंकड़ों कम्प्यूटरों पर काम होता है. जो कंपनी, संस्थान, सरकारी विभाग, युनिवर्सिटी आदि संबंधित नेटवर्क से जुड़े रहते हैइन नेटवर्क का डिजाइन, इन्हे संभालना, टेक्निकल समस्याओं का निवारण जैसे काम एक नेटवर्क एडमिनिस्ट्रैटर करता है.
#8 Game Developer
आपके पसंदीदा गेम को बनाने वाला ही गेम डवलपर होता है. इसके नाम से ही पता चल जाता है कि इसका काम गेम से संबंधित होता है. अब यह गेम डवलपिंग कम्प्यूटर तथा मोबाइल दोनों के लिए हो सकता है.यह गेम किसी विशेष समस्या को हल करने से लेकर सामान्य मनोरंजन गेम भी हो सकते है. वेबसाइट्स पर यूजर्स को एंगेज करने के उद्देश्य से भी वेब-आधारित गेम्स भी बनाए जाते है. जो वेब सर्वर्स पर चलते है. यूजर्स को इन्हे अपने डिवाइसों में इंस्टॉल करने की जरुरत भी नही रहती है.
#9 Computer Teacher
आप सिर्फ काम करने के लिए ही कम्प्यूटर नहीं सिखते है. बल्कि दूसरों को सिखाकर भी लिविंग कमा सकते है. यानि टीचिंग में भी आप करियर बना सकते हैकम्प्यूटर सिखाने के लिए आपको कम्प्यूटर के साथ एजुकेशन डिग्री भी साथ में लेनी पड़ती है. जिसे आप डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं.
#10 Computer Operator
कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम सिर्फ कम्प्यूटर को ऑपरेट करना होता है. और इसका वास्तविक काम कार्य की जगह और पॉजिशन पर निर्भर करता हैउदाहरण के लिए एक होटल रिसेप्शन पर कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम रूम बुकिंग, रूम्स की स्थिति, बिल देना आदि काम अपडेट करना होता है. इसी तरह कॉल सेंटर में कॉल मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर को मैनेज करना तथा कस्टमरर्स के साथ बातचीत करना होता है.आप बेसिक कम्प्यूटर कोर्स के जरिए ही कम्प्यूटर ऑपरेटर का जॉब प्राप्त कर सकते है. इसके लिए किसी अतिरिक्त स्किल्स की ज्यादा मांग नहीं रहती है.
#11 Data Entry Operator
डेटा एंट्री ऑपरेटर का काम कुछ-कुछ कम्प्यूटर ऑपरेटर से मेल खाता है. इसका काम कम्प्यूटर प्रोगाम में एंट्रीज प्रविष्टि करना होता है. जिसके बदले में उसे तनख्वा मिलती हैइन्हे पर एंट्री के हिसाब से भी काम मिलता है जिसे ऑनलाइन घर बैठे-बैठे किया जा सकता है. इस काम की प्रकृति पार्ट टाइम होती है. इसलिए, आप पढ़ाई के दौरान खर्चा निकालने के लिए इस काम को ट्राई कर सकते है.
#12 Computer Typist
मैं (यानि जी पी गौतम याद दिलादूं कहीं भूल जाएं) हमेशा कहता हूँ जिस तरह पढ़ाई के साथ लिखना आना जरूरी है ठीक उसी तरह कम्प्यूटर सीखने के साथ टच टाइपिंग आना भी बहुत ही जरुरी स्किल है. इस बात का जिक्र मैंने अपने टच टाइपिंग कोर्स में भी किया हैलेकिन, इस तरफ ना तो सिखाने वाले ही ध्यान देते है और स्टुडेंट्स को तो इस बात की क्या फिक्र?लेकिन, क्या आप जानते है कम्प्यूटर ऑपरेटर से ज्यादा एक टच टाइपिस्ट की वैल्यू होती है. आपको हैरानी हो सकती है. पर यहीं सच हैआप किसी भी कोर्ट में चले जाइए वहां पर आपको एक टाइपिस्ट की वैल्यू का अंदाजा लग जाएगा. जब आपको प्रति शब्द कीमत चुकानी पड़ेगी.भारतीयो अदालतों में टाइपिस्ट का पद भी होता है. इसलिए, आप इस साधारण सी स्किल जिसे नदरअंदाज कर दिया जाता है, से सरकारी नौकरी भी लग सकते है.
#13 Blogging
- इंटरनेट से पैसा कमाने का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला और भरोसेमंद एवं विश्वसनीय तरीका है – ब्लॉगिंग.
- आपको खुद का ब्लॉग़ बनाना है और अपनी रुची, योग्यता के अनुसार कंटेट तैयार करके प्रकाशित करना है. अगर, आपका कंटेट दमदार हुआ और पाठकों को पसंद आता है तो आप ट्रैफिक बढ़ाकर इसे फुल टाइम बिजनेस में बदल सकते है.
- ब्लॉगिंग के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप हमारी ब्लॉगिंग से संबंधित गाइड को जरूर पढ़े. यहां ब्लॉगिंग से जुड़े हुए सभी सवालों के जवाब दिए गए है.
इसे पढ़े – ब्लॉग़िंग क्या है और ब्लॉग बनाकर पैसे कैसे कमाते हैं?
#14 Vlogging
- ब्लॉगिंग से जुड़ा हुआ दूसरा फिल्ड है विलॉगिंग जिसे यूट्युबिंग भी कहा जाता है. यानि आप यूट्यूब पर चैनल बनाकर अपना ज्ञान लोगों को बांटते है.
- और इस ज्ञान को मोनेटाइज करके पैसा कमाते है. जिस तरह ब्लॉग़िंग से पैसा कमाया जाता है ठीक इसी प्रकार विलॉगिंग से भी पैसा कमाया जा सकता है.
- विलॉगिंग के बारे में ज्यादा जानकारी आप विलॉगिंग गाइड से लें सकते है.
इसे पढ़े – विलॉगिंग क्या होती है और कैसे करते है?
#15 Graphic Designer
- यदि आपको पैंटिंग करने का शौक है तो आप इस करियर में हाथ आजाम सकते है. गेम, वेबसाइट, आइकन्स ना जाने कितने क्षेत्रों में ग्राफिक्स की जरूरत पड़ती है.
- एक क्रेटिव ग्राफिक डिजाइनर अपने ग्राफिक्स के द्वारा कृत्रिम दुनिया को वास्तविक जैसा बनाने का काम करता है. गेम्स में आपको जो दुनिया दिखाई जाती है वह इन ग्राफिक्स डिजाइनरों द्वारा ही निर्मित की जाती है.
- आप 12वीं करने के बाद इस फिल्ड में एडमिशन लेकर तैयार हो सकते है.
- इन सभी जॉब्स के लिए आपको बेसिक कम्प्यूटर कोर्स से लेकर एडवांस कम्प्यूटर कोर्सेस जैसे BCA, PGDCA, B.Tech, M.Tech और सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्सेस करने पड़ते है.
- कम्प्यूटर कोर्सेस के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप नीचे दी गई लिंक पर जाकर विस्तार से जानकारी लें सकते है.
इसे पढ़े – Best Computer Courses – जो दिलाएंगे हाथोहाथ जॉब
आपने क्या सीखा?
इस लेख में कम्प्यूटर के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. आपने जाना कि कम्प्यूटर क्या होता है? कम्प्यूटर की विशेषताएं, सीमाएं, कम्प्यूटर का इतिहास आदि. मुझे उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगाआप कम्प्युटर से संबंधित किसी कम्प्यूटर टैस्ट की तैयारी कर रहे है तो यह लेख आपके लिए बहुत ही मददगार है. इसलिए आपसे निवेदन है कि इस लेख अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन्हे भी इसका फायदा मिलें.संक्षेप में सिर्फ आप इसे ही ध्यान रख सकते है.
कम्प्यूटर क्या है?
“Computer एक मशीन है जो कुछ तय निर्देशों के अनुसार कार्य को संपादित करते है. और ज्यादा कहे तो Computer एक इलेक्ट्रोनिक उपकरण है जो इनपुट उपकरणों की मदद से आँकडों को स्वीकार करता है उन्हें प्रोसेस करता है और उन आँकडों को आउटपुट उपकरणों की मदद से सूचना के रूप में प्रदान करता है.”
#BeDigital
DCDA course krna chahiye ya DCA
अमन जी, पहली बात तो कम्प्यूटर में PGDCA कोर्स होता है. हम किसी DCDA के बारे में नही जानते हैं. अगर, आप PGDCA के बारे में ही जानना चाहते हैं तब हम आपको यही सलाह देंगे की आपको यहीं कोर्स करना चाहिए.
Thanks for sharing this article it’s very helpful for me you provide details about financial management
Thank you for this great information bro.
Thank sir
Nice post sir
thanks for this useful information
Bahut Achchhi jankari diye hain. Thanks
Nice Article Sir
Thanks for this Topics
Muje computer
आपने कंप्युटर के बारे मे बहुत कुछ जानकारी दी है सुक्रिया
कंप्यूटर के बारे में इतनी सारी ज्ञानपूर्वक जानकारी देने के लिए आपका शुक्रिया। ऐसे ही और भी अच्छे अच्छे लेख लिखते रहिएगा।
कंप्यूटर से सम्बंधित मेरे जितने भी प्रश्न से वह सारे इस लेख को पढ़ने के बाद समाप्त हो गए।
nice sir aapke sabhi article helpful hote hai hamare liye aise hi notes late rahiye
Computer in Hindi ( Computer ke A to Z information ab Hindi mai )
सर आपकी इस पोस्ट में हमें बहुत अच्छी जानकारी मिली है और हम चाहते हैं कि आप ऐसे ही और अच्छे-अच्छे रोजाना पोस्ट करते रहिए जिससे हमें कुछ नया सीखने को मिले और हमें अपनी लाइफ में कुछ आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले
sir apne computer ke bare me achhci jankari dia
बहुत ही बढ़िया जानकारी दी है आपने कंप्यूटर से सम्बंधित , आपके इस तरह से जानकारों कंप्यूटर से जुड़े विद्यार्थी को जरुर मदद करतें हैं , बहुत बहुत धन्यवाद आपका .
this is a very very intresting and helpful information thanks for sharing
बहुत ही अच्छी पोस्ट की हैं आपने इस पोस्ट में आपने कंप्यूटर क्या हैं ?इसके बारें में काफी अच्छी जानकारी दी हैं .धन्यवाद
article me aane ke baad laga ki thodi bahot jankari hogi lekin aapne to puri hi gyan de diya computer ke baare me.
bahot dhanyawad.
Aapne computer ke bare me bohut acche se jaankari de hai
Thanks
Aapne computer ke bare me bahut hi achchhe tarike se explain kiya hai. Iske liye thanks
हिमांशू जी, शुक्रिया.
Hello sir I follow u from 4 months and your explanation style really good.i love to read your article & u know i just created a website so I can learn more and teach others more.i Want to contribute a guest post for your website.and i hope you never dissatisfied my writing style.wish i get a chance for it.otherwise keep up your awesome work
computera ke bare me apne bahut hi achchi post likhi hai apne
Things information dene ke liye
Bahut hi behatarin tarike se aapne define kiya he or easy words bhi he
Apka Likha Huaa Post Bahut Jaldi samajh me aa jata hai Thankyu Sir
शुक्रिया sir आप जैसो से ही हमें सिखने को मिलता है
Useful and deep information with easy language.
sir bahut hi achhi jankari di hai
मुझे आपके द्वारा दी जानकारी बहुत अच्छी लगी। अगर आप जानना चाहते है की कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं तो आप मेरी वेबसाइट चेक कर सकते हैं।
Bhaut hi achey sey apney explain kiya hay computer key bare mey. Hmne bhi abhi jld hi blogging ki shruat ki hay aap article dekh kar bta do article shai hai ki nahi.
Nice post.helpful for me
GP Gautam sir aap ka samjhane ka tarika best h mujhe bahut achha lga aapka post
गुड़िया जी, आपका शुक्रिया. आपके इन्ही शब्दों से हमें काम करने की प्रेरणा मिलती है.
bahut badiya article hai . ek hi post mein computer ke bare mein itna kuch samjha diya.
क्या बात है जी बहुत अच्छा आप ने बहुत ही अच्छे से एक्सप्लेन किया है
ऐसे ही कंटेंट लाते रहिये
very nice articls sir aap ne bahut achha post likha hai sir
tutorial bahot aachi hai. is se mujhe bahot help milegi computer sikhne me.
thanks for sharing
Azad
आजाद जी, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया. इसी तरह आते रहिए और सीखते रहिए.
Wow, great information all about computer in hindi. Sir, Thank you so much.
यदि में इस आर्टिकल का pdf प्राप्त करना चाहूँ तो कैसे कर सकता हूँ।
अनास जी, आप इस ट्युटोरियल को पढिए.
वेबपेज को पीडीएफ में डाउनलोड कैसे करें?
Kuch achchhi jankari
computer software doenload karne ki website batao
Computer ki hindi me jankari ke liye click karen
Sir is very well explained about your computer thank you sir
Hii, Your Article is Nice. This is such an amazing sharable Post. sir, I am also written article about tech related i.e Computer, SEO, Digital Marketing. Please can you approve my post.
That’s good information
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aapane Bahut Hi Acha Aratical Likha he
सर आपने कम्प्यूटर के बारे में अच्छी जानकारी दी है
Very good post on computer. Thanks for sharing
Computer ke bare me aapne bahut hi achche jankari diye hai.
Hello sir
Aapka computer introduction mujhe a bahut achcha laga isliye main main aapko bahut bahut dhanyvad deta hun ……
Super knowledge sir thanks for this article.
Bahut hi upyogi jankari. thank you
Super tip diye jankari bahut acchi lagi ho mujhe aisi jankari hamen aur bhi dete rahana thank you
अमर सिंह जी, इस काम के लिए ही हम ये साईट चला रहे है.
Thanks for sharing this helpful & wonderful post. I really appreciate your hard work. This is very useful & informative for me.
Thanks for sharing with us. Thanks a lot.
Regards,
Advice Duniya
Super tip diye jankari bahut acchi lagi ho mujhe aisi jankari hamen aur bhi dete rahna Or sir hame bhi likhne ko protsahit karte rahna
Tankqq sir Mughe bhut Acha lga yah jankari Jan kar Mughe Aaj malum chala ki kya computer hai Thank you so much sir
very nice article sir
Bht eazy way m computer ka concept clear ho gya ……..very very nice sir thanku so much sir
Very nice sir thanku…
nice article sir thanks for this article
nice article thanks for this information
kya mai apne computer ko Bluetooth se kaise connect karu please sir help
ha aap kar sakte ho …iskeliye aap ya to blutooth hardware board per lagva le … ya wireless usb adapter laga le computer me
बहुत अच्छी जानकारी दी है आपके साइट पे बहुत अच्छी अच्छी जानकारी पढने को मिलता है
Sir keyboard and mouse me different
कैलाश जी, आप की-बोर्ड के बारे में यहाँ जानकारी लिजिए इसके बाद आपको की-बोर्ड के बारे में जरूरी जानकारी प्राप्त हो जाएगी. फिर आप खुद अंतर समझ जाएंग़े.
https://www.tutorialpandit.com/computer-keyboard-hindi/
thanks sir
bahut hi accha
Nice explanation sir…
Bahut hi sahi jankari h sir.
bahit badhiya post or apne bahut accha image ka upyog kiya hai
Bahut He achi Information Di hai Apne Sir
thanx to sharing these kind of information
Bahut badiya.
Nice line
Sir aapki website kafi acchi hai
sohanlal say
थैन्क यू वेरी मच सर, आपने कम्प्यूटर की शुध्द और सटिक जानकारी दी।
sir apne bahut he acchi jankari share ki hai.
Wow! sir its nice article, ise padh kar hame achhi jankari mili… thankyou
Computer ke bare me bahut hi acha bataya hai aapne`
Badhiya dhang SE Aapne computer ki explaination ki hai.
सर मैं तिरपाल सी के कोचिंग भी किया है फिर में दो बार फैल हु चुका हूं। सर प्लीज़ मेरे हेल्प कीजिये में अपने घर बहुत पैसा ले चुका हूं सीसीसी के लिए लेकिन में कोचिंग भी क्या और फैल हो जाता हूं। सर जी। यहाँ तक में सीसीसी की पूरी प्रैक्टिकल भी आता है हम को हम को शर्म आता है कि में सब चीज जानते हुए भी में फैल हो जाता हूं यहाँ तक मे आज तक किसी भी परीक्षा में फैल नही हुआ इस मे 2 बार फैल हो चुका हूं मेरे परीक्षा फिर अकटूबर में पड़ने वाला है इस बार नही निकलेगा तो सर में सुसाईड कर लूंगा कियू की मेरे मित्र सभी लोग ऐसे ऐसे वर्ड बोलते है जिस को सुनकर हम को शर्म आता है
आप सर बहुत अच्छा पोस्ट किये है थैंकयू
सर
सतीश जी,
ऐसा कदम उठाने से पहले एक बार अपनी फैमिली के बारे में सोचना जरूर। फालतू लोगो का काम ही होता की कोई फेल हो जाता है उसका मजाक उड़ाना. ऐसे लोगो से दूरी बनाओ। किस कारण से फेल हुआ वह कारण दूर करो। अच्छे से पढ़ाई करो। दुनिया में ऐसे बहुत सारे लोग जो बहुत बार फेल भी हुए है. लेकिन हार नहीं मानी आखिरकार अपनी मंजिल तक पहुंच गई इसलिए कभी ऐसा कदम मत उठाना।
रहि बात परिक्षा की तो आप पूराने प्रशन पत्र और बाजार में उपलब्ध टेस्ट सीरिज की मदद ले सकते है. आप जरुर पास हो जाओगे.
Thank you sir nice line
Sir bahut knowledge di
Aapne computer ki very nice sir ji
very nice sir
bahut hi acchi jaankari share kiya hai apne…
Very nice information sharing thanks
bahut achchhi jankari aapne di hai
Dear Sir,
apka prayas sarahniy he
lekin kuch sudhar ki jarurat he..
Computer ko define iske fullform se karna uchit nahi he. Real me computer “COMPUTE” word se bana he jiska matlab ganana karna hota he.or is tarah computer ek ganana karne wali electronic machine he.
computer ka full-form universal nahi he. or iska koi bhi full form universal nahi ho sakta. kyoki computer ka origin word “compute” he na ki full-form.
Very Informative Post Sir.
PLEASE Sir kuchh php related tutorials bhi publish kijiye|||
very nice useful
Bahut achhi jankari di aapne bahut badhiya se samjhaya aapne
Har chiz ko explain karke aapne bataya
Computer ke bare badi hi achchi jankari di hai aapne or bhi jankari yha h supportmeindian.com
Nice usefully
सर मैंं सी. पी. सी. टी. की तैयारी कर रहा हूं मैं कोंचिग भी नहीं जाता हूूं क्योंकि मेरे पास पैसे नही है सर मैं चाहता हूं कि आज कल जो सीपीसीटी के प्रश्न आ रहे है वो बहुत ही गहराई वाले आ रहे है सर में चाहता यह हूं आप प्रश्नाेें का एक प्रकटिश टेस्ट मेरी ई मेल पर भेज दे। टोपिक बेसिक कम्पुुुटर, ऑपरेटिंग सिस्टम , लीनक्स आदि जितने भी हो सके प्लीज सर , सर और ये भी बता देना की मुझे तैयारी किस तरह से करना चाहिए क्योंकि में एक बार पेपर में फेल हो चुका हु मेरी टाइपिंग दोनो निकल जाती है पर पेपर में फेल हू टाइपिंग दोनों आराम से 40 -45 की आती है.
धीरज जी, आप घबराए नही. क्योंकि जो गिरता है, वही उठना सीखता है. इसलिए आप इस बार पूरी मेहनत और मन लगाकर परिक्षा की तैयारी कीजिए. आपको सफलता जरूर मिलेगी.
परीक्षा की तैयारी के लिए आप दो काम जरूर कीजिए:
1. Syllabus पढिए.
2. पूराने प्रशन-पत्रों को हल कीजिए.
Nic yr bahut bahut subhkamnae bhai padhai achhi kro
very nice post sir ji
Thank you
nice post sir…