साक्षरता शब्द व्यक्ति का पढ़ा-लिखा होने की योग्यता को दर्शाता है. यानि जो व्यक्ति साक्षर है वह अपनी मातृभाषा में पढ़ना और लिखना जानता है. साक्षरता का मतलब यहीं होता है.
लेकिन, आज आहिस्ता-आहिस्ता कम्प्यूटर हम इंसानों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है. इसकी काम करने की तेजी, परिणाम शुद्धात और डेटा स्टोर करने की क्षमता हमारे लिए उपयोगी डिवाइस बना देती है.
इसलिए, कम्प्यूटर को सही तरह चलाना और अपना काम उससे करवाना आना आज की प्राथमिक जरूरत है. यहीं कारण है कि आज Computer Literacy शब्द आम होता जा रहा है.
तीसरी दुनिया के देशों के लिए कम्प्यूटर लिटरेसी शब्द नया है. लेकिन, 21वीं सदी में कम्प्यूटर मशीन का उपयोग विभिन्न देशों में तेजी से बढ़ रहा है. जिनमे भारत भी शामिल है.
और एक शिक्षित इंटरनेट यूजर होने के नाते आपको कम्प्यूटर साक्षरता विषय का ज्ञान होना भी अत्यंत आवश्यक है. इस विषय पर जानकारी में वृद्धि आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित होने वाली है.
तो आइए जानते है कम्प्यूटर साक्षरता क्या होती है एवं कम्प्यूटर साक्षरता क्यों जरूरी है और हम कम्प्यूटर साक्षर कैसे बन सकते हैं? आपकी सुविधा के लिए मैंने इस लेख को निम्न छोटे-छोटे बिंदुओं में बांट दिया है.
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कम्प्यूटर साक्षरता क्या है?
कम्प्यूटर, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की सामान्य जानकारी कम्प्यूटर साक्षरता कहलाती है. यह कौशल जरूरी है लेकिन, यह कौशल किसी विशिष्ट सॉफ़्टवेयर पर काम करने की योग्यता नही है. इसमें कम्प्यूटर को ऑपरेट करना और प्रोग्राम्स को नेविगेट करना (ना की प्रोग्राम बनाना) की क्षमता भी शामिल है.
अर्थात व्यक्ति के पास कम्प्यूटर उपयोग करना का मूलभूत ज्ञान ही कम्प्यूटर साक्षरता है.
इसे और सरल करें तो कम्प्यूटर पर काम करना आना ही आपको कम्प्यूटर साक्षर बनाता है. लेकिन, यहां एक बारीक अंतर समझना जरूरी है.
जब आप खुद को कम्प्यूटर साक्षर कहते हैं तो इसका मतलब है कि आप कम्प्यूटर पर काम करना जानते हैं और भलिभांति इसका उपयोग करते हुए अपना काम कर सकते हैं. जरूरी नहीं है आप यह भी जानते है कि कम्प्यूटर कैसे काम करता है.
अब आपको कम्प्यूटर साक्षरता का मतलब समझ आ गया होगा और जान गए होंगे कि कम्प्यूटर साक्षरता किसे कहते हैं.
विभिन्न देशों में कम्प्यूटर साक्षरता की दर अलग-अलग है. विश्व के अनेक विकसित देशों में लोगों के पास कम्प्यूटर की आसान पहुँच के कारण उनकी कम्प्यूटर लिट्रेसी दर भारत की तुलना में बहुत ऊँची है.
World Computer Literacy Day कब मनाया जाता है?
हर साल 2 दिसंबर को कम्प्यूटर साक्षरता दिवस (World Computer Literacy Day) मनाया जाता है. जिसका उद्देश्य कम्प्यूटर के प्रति जागरुकता बढ़ाना है.
भारत में कम्प्यूटर साक्षरता दर कितनी है?
NSSO (National Sample Survey Office) के अनुसार वर्तमान समय में भारत में कुल 16.5% लोग कम्प्यूटर साक्षर है. अर्थात भारत में मात्र 100 में से लगभग 17 लोग ही कम्प्यूटर चलाना जानते हैं. वहीं महिलाओं में य दर मात्र 10% ही रह जाती है.
यह साक्षरता दर भारत सरकार द्वारा देश में चलाई जा रही डिजिटल क्रांति की लचर हालत बताने के लिए काफी है.
जब सभी सरकारी कार्यालयों, बैंकों, स्कूलों, अस्पतालों आदि जगहों पर कम्प्यूटर का उपयोग बढ़ रहा है तब भी कम्प्यूटर साक्षरता दर इतनी कम क्यों है?
कम्प्यूटर साक्षरता दर कम होने के मुख्य कारण?
#1 साक्षरता में कमी
कम्प्यूटर साक्षरता दर के कम होने का मुख्य कारण देश में साक्षरता दर कम होना है. कम्प्यूटर छोड़िए देश में करोड़ों लोग ऐसे है जो अभी निरक्षर है. जिन्हे पढ़ना-लिखना ही नही आता है.
अब खुद सोचिए जिस व्यक्ति को पढ़ना-लिखना ही नही आएगा वह कम्प्यूटर कैसे चला सकता है? ऐसे व्यक्तियों के लिए कम्प्यूटर किसी अजूबे से कम थोड़ी होगा?
#2 अपर्याप्त संसाधन
देशभर में ऐसे भी छात्र हैं जो साक्षर बन चुके हैं और इस आधुनिक दौर में कम्प्यूटर की भी अहमियत भलि-भांति समझते हैं. परन्तु अवसरों के अभाव में उन्हे कम्प्यूटर सीखने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
कई सारे कम्प्यूट शिक्षण संस्थानों में कम्प्यूटर सीखने के लिए भुगतान करना पड़ता है. परंतु पर्याप्त धन ना होने के कारण करोड़ों लोग कम्प्यूटर नही सीख पाते हैं.
दूसरा सरकारी स्कूलों में भी पर्याप्त मात्रा में कम्प्यूटर सिस्टम उपलब्ध नही होने के कारण ग्रामीण छात्रों तक आज की बुनियादी कौशल पहुँच ही नही पाता है. कुछ निजी स्कूल संचालकों द्वारा अधिक लाभ की चाहत में कम्प्यूटर सिस्टम पर खर्चा भी नही किया जाता है.
#3 जागरुकता में कमी
खासकर ग्रामीण इलाकों में कम्प्यूटर साक्षरता को महत्व नही दिए जाने का एक बड़ा कारण है कम्प्यूटर की उपयोगिता के प्रति लोगों में जागरुकता नही होना.
#4 कुशल शिक्षकों की कमी
अनेक स्थानों पर कम्प्यूटर लोगों तक पहुँच गया है. लेकिन, कुशल शिक्षकों के अभाव में युवा वह प्रशिक्षण हासिल नही कर पाते जिसके माध्यम से वे अपने लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सके.
#5 गंभीरता से नही लेना
एक कारण यह भी है कि आज भी किताबी पढ़ाई की तुलना में कम्प्यूटर शिक्षा को उतना महत्व नहीं मिल पाता है. ज्ञान की कमी की वजह से आज भी कई लोगों को लगता है कि कम्प्यूटर मोबाइल जैसे डिवाइस सिर्फ गेम खेलने मनोरंजन के लिए ही बने है.
#6 सरकार की उपेक्षा
सबसे बड़ा कारण है सरकार की उपेक्षा. जी हां.
भारत देश में सरकार द्वारा उपेक्षा करना बहुत बड़ा कारण साबित हुआ है. हमारे देश की सामाजिक, आर्थिक व्यवस्था को राजनीति बहुत प्रभावित करती है. सरकार का रवैया हमेशा से ढीलाढाला और लचर ही रहा है. जिसका परिणाम देश 100% साक्षरता भी प्राप्त नही कर पाया है कम्प्यूटर साक्षरता की तो बात ही दूर की कौड़ी है.
कम्प्यूटर साक्षरता दर कैसे बढ़ाई जा सकती हैं?
#1 ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता लाई जाएं
भारत की अधिकतर आबादी आज भी गांवों में ही निवास करती हैं. लेकिन, शहरों की तुलना में आज भी ग्रामीण इलाकों में कम्प्यूटर साक्षरता दर काफी कम है. इसलिए, इन सूदूर इलाकों में चाहिए कि कम्प्यूटर शिक्षण संस्थानों को खोलकर लोगों को कम्प्यूटर सीखने का अवसर दिया जाए.
इससे अधिक से अधिक लोग कम्प्यूटर साक्षरता दर को बढ़ाने में भागीदार बनेंगे. परिणाम स्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए रोजगार के भी नए एवं बेहतर विकल्प सामने आएंगे.
#2 रोजगार निर्माण करें
अगर, सरकार कम्प्यूटर के क्षेत्र में नए रोजगार, भर्तियां कराएं तो इससे वे समय रहते ही कम्प्यूटर सीखने के लिए भी प्रेरित होंगे. और अपना समय कम्प्यूटर में कुछ ऐसा कौशल सीखने में इस्तेमाल करेंगे जिससे उन्हे आगे करियर में फायदा मिल सके.
#3 माता-पिता अभिभावकों की जिम्मेदारी
आज इंटरनेट लोगों तक तीव्रता से पहुँच रहा है. इसलिए, लोग कम्प्यूटर की महत्वत्ता को आज भली-भांति समझते हैं. अगर, वह अपना ध्यान कम्प्यूटर में गेम्स खेलने, मनोरंजन के लिए करने के बजाए उपयोगी जानकारी हाँसिल करने में करें तो एक डिजिटल साक्षर बनेंगे. साथ ही इस क्षेत्र में सुनहरा भविष्य देख सकते हैं. इस कार्य में बच्चों के माता-पिता, अभिभावक कम्प्यूटर सीखने के लिए बच्चों को प्रेरित कर सकते हैं.
#4 सरकारी उपेक्षा नही चाहिए
हमारी अधिकतर समस्याए सरकार ही लापरवाही और उपेक्षा के कारण बरकरार है. कम्प्यूटर साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार डिजिटल इंडिया कैंपन लेकर आई है.
यदि इस कार्यक्रम को योजना अनुसार क्रियांवित किया जाए तो अपेक्षित कम्प्यूटर साक्षरता दर को प्राप्त किया जा सकता है.
कम्प्यूटर सीखना क्यों जरूरी है?
जैसा मैंने आपको पहले ही बताया है कि आज कम्प्यूटर सीखना महज एक अतिरिक्त कौशल नही रह गया है बल्कि यह एक प्राथमिक और बुनियादी कौशल बना चुका है.
क्योंकि, दैनिक कार्यों को करने से लेकर रोजगार पाने तथा जीवन-यापन करने तक में हम इंसानों की सहायता कर रहा है. कम्प्यूटर साक्षरता का महत्व समझने के लिए आप नीचे दिए बिंदुओं को देख सकते हैं.
- अपने आसपास नजर घुमाएंगे तो देखेंगे की विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग हो रहा है. खासकर शिक्षा के क्षेत्र में जहां स्कूल, कॉलेज तथा अन्य शिक्षण संस्थानों में आज कम्प्यूटर का उपयोग खूब किया जा रहा है. ई-शिक्षा आज पारंपरिक शिक्षा का स्थान लेने की होड़ में चल पड़ी है.
- हॉस्पिटल्स तथा हेल्थ सेक्टर में कम्प्यूटर तथा इससे जुड़ी मशिनों का कोई सानी नहीं है. मरीजों का डेटाबेस रखने, इलाज का इतिहास रखना, बीमारियों का अनुसंधान आदि कार्यों में इस तेज तर्रार मशीन का उपयोग हो रहा है.
- बात की जाए व्यापार में तो यह क्षेत्र भी कम्प्यूटर से अछूता नही है. क्योंकि, आज छोटे एवं बड़े बिजनेस में व्यापार-वृद्धि करने के लिए उन्हे ऑनलाइन लाया जा रहा है. जिसे कार्य में कम्प्यूटर्स का उपयोग होता है.
- इसके साथ ही कस्टरमर्स के डेटा का रिकॉर्ड रखना, प्रोडक्ट्स एवं सेवाओं की नई-नई जानकारी पहुँचाने हेतु बिजनेस के अनेक कार्यों को कम्प्यूटर कुछ ही समय में करने में दक्ष हो चुके हैं.
कम्प्यूटर सीखने की शुरुआत कहां से की जाए?
अगर, आप कम्प्यूट निरक्षर है और कम्प्यूटर सीखना चाहते हैं. लेकिन, पता नही कसिए तो नीचे कुछ जानकारी दी जा रही है जो आपको कम्प्यूटर साक्षर बनाने के साथ डिजिटल साक्षर बनने की ओर अग्रसर करेगी.
- सबसे पहले कम्प्यूटर सिस्टम के बारे में जाने और समझे कि यह कैसे काम करता है.
- कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम तथा सॉफ़्टवेयर की थ्योरी पढ़े और इनका कम्प्यूटर में क्या काम होता है इसे समझे.
- कम्प्यूटर की सामान्य सेटिंग तथा विभिन्न उपकरणों की जानकारी करें.
- फाइल, फोल्डर बनाए और मिटाए. साथ में डॉक्युमेंट बनाना सीखें.
- ऑफिस श्यूट पर काम करने की अतिरिक्त जानकारी लेकर खुद को जॉब के लिए तैयार करें
- और इंटरनेट, सोशल मीडिया, ईमेल आदि का दैनिक जीवन में उपयोग करके खुद को डिजिटल साक्षर साबित करें.
अगर, आप ऊपर दिए गए बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए कम्प्यूटर सीखते हैं तो आप ना केवल कम्प्यूटर साक्षर बल्कि डिजिटल साक्षर भी बन पाएंगे.
Computer Literacy Skills को कैसे बढ़ाया जा सकता है?
#1 ऑनलाइन जवाब ढूंढे
आप जितना जानते है जरूरी नही है आपको कोई दिक्कत नही आएगी. जब भी आपको कुछ समझ नही आए या कहीं अटक जाएं तो बस कम्प्यूटर या मोबाइल फोन के जरिए गूगल कर लें आपको सॉल्युशन मिल जाएगा.
आज इंटरनेट पर लगभग हर चीजे के स्टेप-बाई-स्टेप फुल ट्युटोरियल मौजूद है. वीडियो के साथ-साथ मुफ्त ई-बुक्स भी आपकी मदद के लिए मिल जाती हैं.
#2 जो जानते है उसका अभ्यास करें
करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान,
रसरि आवत जात ते सिल पर परत निसान.
यह बात कम्प्यूटर शिक्षा पर भी शत-प्रतिशत लागु होती है. आप जो कुछ जानते हैं उसका निरंतर अभ्यास करते रहिए. क्योंकि, अभ्यास से कौशल में निखार आता है.
#3 ऑनलाइन कोर्सेस में एडमिशन लें
इंटरनेट का सबसे बड़ा लाभ अगर हम इंसानों के लिए हुआ है तो वह है फ्री एक्सेस ऑफ इंफॉर्मेशन. यानि सूचना की मुफ्त पहुँच.
इसलिए, आप भी नई स्किल सीखने के लिए ऑनलाइन कोर्सेस का जरूर इस्तेमाल करें और कम्प्यूटर शिक्षा देने वाले ऑनलाइन कोर्सेस में जरूर एडमिशन लें.
यह कोर्सेस कम खर्चीलें और आपके शेड्यूल के अनुसार उपलब्ध होते हैं. इसलिए, आप जब चाहे, जहां चाहे वहां से कम्प्यूटर सीख पाते हैं.
#4 स्कूल, कॉलेज टीचर्स से संपर्क करें
आप जहां पढ़ाई कर रहे हैं. वहां पर उपलब्ध शिक्षकों से जानकारी करें कि मुझे कम्प्यूटर सीखने के लिए कौन-कौन से कोर्स करने चाहिए और कहां से करने चाहिए.
आपको बेहतर और प्रमाणिक जानकारी मुफ्त में मिल जाएगी. क्योंकि, शिक्षक से बड़ा कोई सहायक नहीं होता है. ऐसा मेरा मानना है. इसलिए, शिक्षकों का आदर जरूर करें और विनम्रता पूर्वक अपने सवाल करें.
क्योंकि, पूछने में क्या जाता है!
आपने क्या सीखा?
इस लेख में मैंने आपको कम्प्यूटर साक्षरता के बारे में आवश्यक और बुनियादी जानकारी आपके साथ शेयर की है. आपने जाना कि कम्प्यूटर साक्षरता क्या होती है यह हमारे लिए क्यों जरूरी है.
साथ ही आपने कम्प्यूटर साक्षरता की दर में कमी के कारण और उसका निवारणा भी जाने हैं.
मुझे उम्मीद है कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी और आपको पसंद आएगी.
इस लेख को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें ताकि उन्हे भी कम्प्यूटर साक्षरता का महत्व समझ आ सके.