डिजिटल युग में डिजिटल साधनों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है इसी कारण भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम शुरु किया है. जिसके द्वारा हर परिवार से एक व्यक्ति को डिजिटल साक्षर बनाना मुख्य लक्ष्य है हर दैनिक काम का डिजिटलीकरण हो रहा है. इसलिए इंटरनेट हमारी जरूरत में शामिल हो चुका है. जिसके ऊपर हम इंसानों के बहुत सारे काम निर्भर हो गए है
एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में करीब 5 बिलियन (यानि 5 अरब) लोग 2019 तक इंटरनेट का उपयोग कर रहे थे. अकेले भारत से ही इनमें करीब 60 करोड़ से भी अधिक इंटरनेट युजर्स शामिल थे.
आज गूगल का उपयोग सिर्फ जानकारी ढूँढ़ने तक सीमित नहीं है, फेसबुक सिर्फ फोटू शेयर करने या चैटिंग करने का साधन नहीं रह गया है, यूट्यूब केवल विडियों देखने और अपलोड करने का प्लैटफॉर्म नहीं है. बल्कि अब लोग इंटरनेट का उपयोग अपने बिजनेस की मार्केटिंग करने और उत्पाद बेचने के लिए खूब कर रहे है अब आप सोच रहे होंगे कि हम अपने बिजनेस की मार्केटिंग ऑनलाइन कैसे कर सकते है? अपना सामान ऑनलाइन कैसे बेच सकते है तो यह खास लेख आज इन्ही सवालों के जवाब देने वाला है. क्योंकि आज आप जानेगे डिजिटल मार्केटिंग क्या होती है? ऑनलाइन मार्केटिंग कैसे करते है? और बिजनेस को बहुत कम लागत में मार्केटिंग कैसे कर सकते है जिससे आपको ऑफलाइन मार्केटिंग से ज्यादा लाभ मिलेगा अध्ययन की सुविधा के लिए इस लेख को हमने निम्न भागों में बांट दिया है. आप अपनी सुविधानुसार क्रमानुसार पढ़े. हम आपको विश्वास दिलाते है इस लेख को पढ़ने के बाद आप डिजिटल मार्केटिंग के बारे में पूरी जानकारी सीख जाएंगे.
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डिजिटल मार्केटिंग क्या है – What is Digital Marketing in Hindi?
अपने बिजनेस, प्रोडक्ट और सेवाओं की डिजिटल चैनलों के माध्यम से मार्केटिंग (एडवर्टाइजमेंट) करना ही डिजिटल मार्केटिंग है. यह वेबसाइट, सोशल मीडिया, मोबाइल एप, सर्च इंजन, टीवी, रेडियों, टेलिफोन आदि इलेक्ट्रॉनिक चैनल्स द्वारा की जा सकती है.
अगर ओर सरल शब्दों में कहें तो.
जब हम ऑनलाइन या कहें कि इंटरनेट के जरिए अपने किसी प्रोडक्ट या सर्विस की मार्केटिंग करते है तो इस प्रक्रिया को ही डिजिटल मार्केटिंग कहा जाता है.
लेकिन, इस परिभाषा से डिजिटल मार्केटिंग का दायरा केवल इंटरनेट तक सीमित हो जाता है. डिजिटल मार्केटिंग एक वृह्द क्षेत्र है जिसमें इंटरनेट मार्केटिंग करने का एक जरिया मात्र है.
इसलिए हम नीचे कुछ लोकप्रिय परिभाषाओं का अध्ययन करेंगे. ताकि डिजिटल मार्केटिंग का कंसेप्ट साफ हो जाए.
”अपने प्रोडक्ट और सेवाओं की मोबाइल फोन एप, डिस्प्ले एडवर्टाइजमेंट तथा अन्य डिजिटल माध्यमों द्वारा डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए इंटरनेट पर मार्केटिंग करना डिजिटल मार्केटिंग है. डिजिटल मार्केटिंग चैनल्स इंटरनेट पर आधारित सिस्टम हैं, जो डिजिटल नेटवर्क्स के माध्यम से निर्माता से उपभोक्ता टरमिनल तक उत्पादों की वैल्यू को बना सकते है, बढ़ा सकते है और संचारित कर सकते है.”
दुनिया के जाने माने डिजिटल मार्केटर माननीय नील पटेल (NeilPatel.com) ने डिजिटल मार्केटिंग को कुछ इस तरह परिभाषित किया है,
“अपने उत्पादों और सेवाओं की किसी भी रूप में मार्केटिंग करना जिसमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस शामिल है वह डिजिटल मार्केटिंग है.”
इन डिजिटल मार्केटिंग की परिभाषाओं को पढ़ने से आप डिजिटल मार्केटिंग का तात्पर्य (digital marketing meaning in Hindi) समझ चुके है.
डिजिटल मार्केटिंग को ऑनलाइन मार्केटिंग, ई-मार्केटिंग, इंटरनेट मार्केटिंग, वेब मार्केटिंग तथा इंटरनेट एडवर्टाइजमेंट भी कहते है. इस टर्म को पहली बार 20वीं शताब्दी में गढ़ा गया था. जिसके बाद से सभी इलेक्ट्रॉनिक चैनलों के माध्यम से की जाने वाली मार्केटिंग डिजिटल मार्केटिंग बन गई.
📕 क्या आप जानते हैं
Guglielmo Marconi को दुनिया का पहला डिजिटल मार्केटर माना जाता है जिन्होने सन 1896 में रेडियों पर संदेश भेजने का डेमो दिया था. इन सज्जन ने ही रेडियों का आविष्कार भी किया है.
डिजिटल मार्केटिंग को हम इस रियल लाइफ उदाहरण (संदर्भ) द्वारा ओर साफ-साफ समझ सकते है. और जान सकते है कि डिजिटल मार्केटिंग का महत्व क्या है?
हमारा कोई बिजनेस है, यानि हम कोई प्रोडक्ट जैसे; कपड़ा, बर्तन, जूते आदि बेचते हैं. या फिर हम कोई सर्विस देते हैं जैसे; ट्रांसपोर्ट. इस बिजनेस से लाभ कमाने के लिए हमे जरुरत पड़ती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग हमारे बिजनेस के बारे में जाने ताकि वे हमारे प्रोड्क्ट्स खरिदें और हमारी सर्विस लें.
इसके लिए हम करते है – मार्केटिंग.
अब मार्केटिंग आज के समय में दो तरीकों से की जा सकती है. एक तरीका है ऑफ़लाइन मार्केटिंग का जिसे पारंपरिक मार्केटिंग कहते है. मतलब अपने प्रोडक्ट्स के बड़े-बड़े बैनर बनाकर सार्वजनिक जगहों पर लगाना, नुक्कड़-नाटक, पर्चे बांटना, अखबारों और अन्य प्रिंट मीडिया द्वारा विज्ञापन करना आदि.
लेकिन, जो दूसरा तरीका है उसे हम कहते है डिजिटल मार्केटिंग. जो ज्यादा सस्ती, अधिक लाभ देने वाली और सरल एवं सटीक परिणाम देती है.
इसलिए डिजिटल मार्केटिंग का ट्रैंड है. और हर छोटा बिजनेस (MSMEs) से लेकर बड़े कॉर्पोरेट्स ने इसकी उपयोगिता को समझकर इसे हाथो-हाथ आजमाया है. यहीं कारण है हर बिजनेस नेम डॉट कॉम के रूप में इंटरनेट पर उपस्थिति दे रहा है.
खैर हम अपनी बात जारी रखते है. इस वेबसाइट को या फिर ऑनलाइन प्रोफाइल को हर उस प्लैटफॉर्म पर सबमिट करते है. जिन पर लोग आते है. लोकतंत्र की मशहूर कहावत, जिसके पास जनता उसका काम बनता, ऑनलाइन जगत में सटीक बैठती है.
इसलिए गूगल सर्च, बिंग, यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर, लिंक्डइन उत्पाद बेचने का नया क्षेत्र बनकर उभरे है. और निर्माता एवं सर्विस बेचने वाले इन प्लैटफॉर्म्स पर जमकर प्रचार करते है.
क्योंकि ये टूल मुफ्त में भी ग्राहक तक पहुँचने में मदद करते है. अकेले गूगल की बात करें तो रोज करोड़ों लोग इस सर्च इंजन बादशाह का इस्तेमाल इंटरनेट से अपनी पसंद की जानकारी ढूँढ़ने के लिए करते है. यदि आपका प्रोडक्ट या सर्विस किसी समस्या को निपटाने में युजर की मदद करता है तो आप ब्लॉग़ के माध्यम से संभावित ग्राहक (Prospects) तक उसे पहुँचा सकते है.
यहीं काम आप फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपने प्रोडक्ट या सर्विस से संबंधित पोस्ट प्रकाशित करके कर सकते है. ट्वीटर पर कम शब्दों में अपनी बात ट्वीट करके युजर्स तक पहुँच सकते है. हमारा हर प्रयास इन प्लैटफॉर्म्स के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक अपनी रीच बढ़ाने का रहता है. जिसके लिए हम उपलब्ध हर प्रयास करते है. ये प्रयास ही डिजिटल मार्केटिंग बन जाते है.
तो ये सारा कंसेप्ट डिजिटल मार्केटिंग का है. अब लोग ज्यादा से ज्यादा इंटरनेट का प्रयोग कर रहे है. बल्कि, अपना ज्यादातर समय भी ऑनलाइन बिता रहे है. इसलिए ऑफलाइन मार्केटिंग से ज्यादा डिजिटल मार्केटिंग की डिमांड दिन पे दिन बढ़ रही है और आने वाले समय में ओर भी ज्यादा बढ़ेगी.
डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग की गलतफहमी
डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में एक गलतफहमी बहुत मशहूर है. जिससे आप भी परिचित होंगे. लेकिन, कभी इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया होगा क्योंकि मार्केटिंग का एक सिद्धांत कहता है कि यदि किसी झूट को बार-बार प्रचारित किया जाए तो वह सच बन जाता है. और आप भी इस सच का शिकार है. लेकिन, आप निर्दोष है इसलिए इस झूठ से पर्दा उठाना जरूरी है और इसकी सच्चाई से रू-ब-रू कराना हमारा फर्ज है. हम बात कर रहे है ऑनलाइन मार्केटिंग की जिसे डिजिटल मार्केटिंग का पर्याय मान लिया गया है. और दोनों शब्दों को एक-दूसरे के पूरक के तौर पर इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है लेकिन, इन दोनों टर्म्स में एक गहरा और सूक्ष्म अंतर छिपा हुआ है. जिसे हर डिजिटल मार्केटिंग स्टुडेंट्स को जल्द से जल्द समझ लेना चाहिए. नहीं तो आगे चलकर ये आदत बनेगी. आदत बनने के बाद इससे छुटकारा पाना मुश्किल होगा ऑनलाइन मार्केटिंग को समझने के लिए पहले इसकी परिभाषा (Online Marketing Definition in Hindi) का अध्ययन करते है ऑनलाइन मार्केटिंग की परिभाषा,
“इंटरनेट पर डिजिटल चैनल्स के द्वारा अपने प्रोडक्ट्स तथा सर्विसेस की मार्केटिंग करना ऑनलाइन मार्केटिंग कहलाता है. जिसमें ब्लॉग, सर्च इंजन मार्केटिंग, कंटेट मार्केटिंग, एप मार्केटिंग आदि शामिल है.”
इस परिभाषा का अध्ययन करने से साफ हो जाता है कि ऑनलाइन मार्केटिंग सिर्फ इंटरनेट तक सीमित है.
वहीं, डिजिटल मार्केटिंग एक वृह्द टर्म है जिसके इलेक्ट्रॉनिक चैनल्स में ऑनलाइन मार्केटिंग एक मुख्य मार्केटिंग चैनल मात्र है.
डिजिटल मार्केटिंग के विभिन्न प्रकार – Types of Digital Marketing in Hindi?
जब बिजनेस को ऑनलाइन मार्केट करने की बात आती है तो पहला ख्याल डिजिटल मार्केटिंग का ही आता है. क्योंकि अब पारंपरिक तरीके से बिजनेस की एडवर्टाइजमेंट करने में ज्यादा समय और पैसा लगता है. इसलिए प्राथमिकता डिजिटल मार्केटिंग को दी जाने लगी है.
यहाँ ध्यान रखने की एक बात है कि हम बिजनेस की ऑनलाइन मार्केटिंग किस माध्यम और प्लैटफॉर्म पर करना चाहते है? हमारी डिजिटल मार्केटिंग स्ट्रेटेजी क्या होगी?
इसे समझने के लिए पहले हमें डिफ्रेंट टाइप ऑफ डिजिटल मार्केटिंग चैनल्स की जानकारी करनी होगी. ये विभिन्न चैनल्स ही डिजिटल मार्केटिंग के अलग-अलग प्रकार है.
Types of Digital Marketing in Hindi
- एक वेबसाइट बनाएं
- सर्च इंजन ऑप्टीमाइजेशन
- सर्च इंजन मार्केटिंग
- सोशल मीडिया मार्केटिंग
- ईमेल मार्केटिंग
- एफिलिएट मार्केटिंग
- कंटेट मार्केटिंग
- टेलीविजन मार्केटिंग
- रेडियो मार्केटिंग
- टेलिफोन मार्केटिंग
#1 एक वेबसाइट बनाए
- सबसे पहले ऑनलाइन बिजनेस को मार्केटिंग करने के लिए हमें एक वेबसाइट की जरूरत पड़ती है. इसलिए आप कोई प्रोडक्ट बेचते या फिर सर्विस देते है. तो इससे संबंधित एक वेबसाइट जरूर बनाए. तभी ऑनलाइन पैसे कमाए जा सकते है.
- वेबसाइट पर ब्लॉग सेटप करें और अपने प्रोडक्ट अथवा सर्विसे जुड़े हुए युजर्स के सबसे ज्यादा पूछे जाने सवालों को ब्लॉग़ पोस्ट के माध्यम से हल करने की कोशिश करें. जब कोई युजर इस समस्या को गूगल करेगा तो आपका कंटेट सर्च रिजल्ट में आएगा. जिसके माध्यम से युजर आपके प्रोडक्ट से परिचित होगा फिर उसे बाद रिटार्गेट करके अपना ग्राहक बनाया जा सकता है.
- ब्लॉगिंग डिजिटल मार्केटिंग का सबसे सस्ता और लोकप्रिय तरीका है. जिसका इस्तेमाल खुद गूगल से लेकर पेशेवर मार्केटर भी करते है.
- यदि आपको खुद की वेबसाइट बनाने का तरीका नहीं आता है आप हमारी खुद की मुफ्त वेबसाइट कैसे बनाते है गाइड को देख सकते है. जिसमें हमने स्टेप बाई स्टेप तरीके से वेबसाइट बनाना सिखाया है.
- अब सवाल यह आता है कि हम सर्च इंजन में टॉप रैंकिग लायें? तो इस सवाल का जवाब छिपा है हमारे अगले डिजिटल चैनल में.
#2 सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन
- यदि आप गूगल के पहले पेज पर आना चाहते है तो आपको एसईओ यानि सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन सीखना पड़ेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दूँ. सर्च इंजन रिजल्ट में टॉप पेज पर आने के जिन तकनिकों का इस्तेमाल किया जाता है उन्हे सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन कहते है.
- यह भी एक मुफ्त का डिजिटल मार्केटिंग चैनल है. जिसके द्वारा आप फ्री में लाखों संभावित ग्राहकों तक पहुँच सकते है. बस आपको एसईओ करना आना चाहिए.
- एसईओ धैर्य का खेल है और आपको तुरंत परिणाम नहीं मिलते है. इसलिए, हर कोई इस झमेले में नहीं पड़ता है. और सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के बड़े भाई सर्च इंजन मार्केटिंग का सहारा लेकर अपने बिजनेस का प्रचार करते है.
#3 सर्च इंजन मार्केटिंग
जब भी हम गूगल पर कुछ भी सर्च करते है तो पहला परिणाम हमें एक एड का मिलता है. यदि हमारा दिन सही है तभी वरना यह संख्या 3 तक भी पहुँच सकती है.
गूगल सर्च करने पर पहले 4 परिणाम एड्स के दिखाता हुआ
- गुगल हमेशा अपने युजर्स के लिए सबसे बेस्ट, रिलेटिव कंटेट पहुँचाना चाहता है. मगर, जब एड पहला परिणाम आए तो हर किसी का शक यकीन में बदल जाता है कि सब पैसे का खेल है.
- क्या आपने कभी सोचा है ये एड कहा से आती है? गूगल क्यों इन्हे पहले पेज पर जगह देता है?
- इसका जवाब है पैसा. जी हाँ. गूगल का एडवर्ड टूल इस खेल को अंजाम देता है जो गूगल सर्च का सहयोगी टूल है. जो पैसे लेकर सर्च रिजल्ट में पहला रिजल्ट विज्ञापन का देता है.
- यहीं काम बिंग, याहू जैसे अन्य सर्च इंजनों द्वारा भी किया जा सकता है. इस खेल हमारा मतलब है कार्य को करना और करवाना ही सर्च इंजन मार्केटिंग का भाग है.
- सर्च इंजन मार्केटिंग करने के लिए गूगल का Google Adwords प्लैटफॉर्म है. जिसके द्वारा गूगल सर्च, यूट्यूब, जीमेल तथा अन्य गूगल उत्पादों पर प्रोडक्ट और सर्विस का डिजिटल एड कैंपेन रन किया जा सकता है.
- बिंग और याहू के लिए बिंग एड्स टूल का प्रयोग करके बिंग सर्च इंजन और याहू सर्च इंजन पर रीच बनाई जा सकती है. यह प्लैटफॉर्म्स PPC – Pay Per Click Advertising Model पर कार्य करते है.
#4 सोशल मीडिया मार्केटिंग
- फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर, लिंक्डइन बतियाने के नए साधन बन गए है. गलियों और चौराहों पर मेल-मिलाप के दिन पूराने हो गए है. अब तो मीटिंग्स ऑनलाइन ही होती है.
- ऊपर जो भी नाम लिखे गए है उन सभी को सामुहिक रूप से सोशल मीडिया कहते है. जिसका इस्तेमाल बिजनेस अपनी ब्रैंड अवेयरनेस और लीड जनरेट करने के लिए कर रहे है.
- क्योंकि अकेले फेसबुक के युजर्स की संख्या आबादी के मामले में चीन और भारत के बाद तीसरे नंबर पर है. इसलिए इतनी बड़ी संख्या को किसी भी बिजनेस के लिए नजरअंदाज करना मुश्किल है.
- फेसबुक प्रोफाइल, फेसबुक ग्रुप तथा फेसबुक पेज वे टूल है जिनके द्वारा कोई भी बिजनेस अपने बिजनेस संभावित ग्राहकों तक पहुँचने के लिए कर सकता है.
- आप फेसबुक एड्स के माध्यम से अपनी टार्गेटेड ऑडियंस तक अपने उत्पाद को बहुत की कम दाम में पेश कर सकते है. क्योंकि फेसबुक के साथ-साथ फेसबुक मैसेंजर, इंस्टाग्राम तक आपका एड कैम्पेन रन होता है.
- यहीं काम आप ट्वीटर पर और लिंक्डइन पर भी कर सकते है. ये दोनों प्लैटफॉर्म पेशवर लोगों के द्वारा इस्तेमाल किए जाते है. इसलिए सर्विस आधारित बिजनेस के लिए इन सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर उपलब्ध ऑडियंस तक रीच बनाने का सबसे बेहतर टूल इन दोनों के अलावा कहीं नहीं मिलेगा.
- लेकिन, एक सवाल अभी भी अधुरा रह गया है कि आखिर ये सोशल मीडिया मार्केटिंग होती क्या है?
- सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स के एड टूल का उपयोग करके इन प्लैटफॉर्म्स पर बिजनेस की मार्केटिंग करना ही सोशल मीडिया मार्केटिंग है.
- दरअसल, सभी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स के अलग-अलग टूल है. जिनके द्वारा युजर्स एक-दूसरे से बातचीत करते है और अपने विचारों को शेयर करते है. इन्ही विचारों और पोस्ट्स को जल्दी और ज्यादा लोगों तक पहुँचाने के लिए इन प्लैटफॉर्म्स के एड टूल है जिनका उपयोग करके रीच बनाई जाती और लीड कैप्चर होती है.
#5 ई-मेल मार्केटिंग
- इंटरनेट पर एक कहावत है कि, “Money in the list” यानि पैसा लिस्ट में है.
- अब आप सोच रहे होंगे कि कौनसी लिस्ट?
- तो ध्यान से पढ़ना और एक बात गांठ बांध लेना कि ऑनलाइन प्रोफिट कमाने का सबसे पुराना और लोकप्रिय तरीका ई-मेल मार्केटिंग है.
- आप एसईओ के जरिए जो ट्रैफिक गूगल तथा अन्य सर्च इंजन से भेज रहे है. वह सारा ट्रैफिक बेकार है यदि उसे आप पकड़ नही रहे है.
- मतलब आपको सर्च इंजन से प्राप्त विजिटर्स से लीड जनरेट करनी है. जिसके लिए आप लीड मैग्नेट (ई-बुक, मिनि कोर्स, चैकलिस्ट आदि) ऑफर कर सकते है. जिसके बदले में आपको विजिटर्स अपना ईमेल एड्रेस देते है
- ये जो लीड आपने कैप्चर की है. इसे आप ईमेल भेजकर नर्चर कर सकते है और बाद में अपना प्रोडक्ट या सर्विस ऑफ़र करके बेच सकते है.
- यह तरीका आजमाया हुआ और सत्य साबित हुआ है. इसलिए डिजिटल मार्केटिंग में ई-मेल मार्केटिंग को कभी भी नजर अंदाज ना करें.
#6 एफिलिएट मार्केटिंग
- यदि आपके पास खुद का प्रोडक्ट नहीं है. तो आप दूसरे ब्रांड्स का प्रोडक्ट अपने ईमेल सब्सक्राइबर्स को ऑफ़र कर सकते है
- इस तरह जो सेल होती है उसका एक फिक्स कमिशन आपको मिल जाता है. शेष प्रोफिट उत्पादक अपने पास रख लेता है
- यानि आप एक दलाल के तौर पर काम करते है. जिसे बिचौलिया भी कहते है
- इस काम को आप वेबसाइट और ईमेल द्वारा अंजाम दे सकते है. यदि आपकी फैन फॉलोविंग ज्यादा है तो आप इंफ्लुएंसर मार्केटिंग करके भी प्रोफिट कमा सकते है
- अधिकतर ब्लॉगर्स की आय का मुख्ये जरिया एफिलिएट मार्केटिंग ही होती है. इसलिए आप भी इस कारगार तरीके का इस्तेमाल जरुर करें
#7 कंटेट मार्केटिंग
कंटेट मार्केटिंग आपके प्रोडक्ट को आपकी अनुपस्थिति में बेचने वाला सेल्समैन है.
जी हाँ.
आपने सही पढ़ा.
- डिजिटल मार्केटिंग में सारा खेल कंटेट का ही है. आपका एक शब्द संभावित ग्राहक को ग्राहक में बदल सकता है
- कॉपीराइटिंग, प्रोडक्ट रिव्यू, प्रोडक्ट सेल्सकॉपी, सेल्सपेज, लैंडिग पेज आदि काम कंटेट मार्केटिंग के महत्वपूर्ण हिस्सा है
- आप प्रोडक्ट पेज पर स्वयं मौजूद नहीं रहते है. बल्कि आपका कंटेट संभावित ग्राहक से बात कर रहा होता है. उसके हर प्रशन का जवाब दे रहा होता है. उसके शक को यकीन में बद्लने का सफल प्रयास कर रहा होता है
- और आखिरकार उसे विश्वास दिला देता है कि ये प्रोडक्ट सिर्फ उसी के लिए बना है. और आपको ऑर्डर मिल जाता है
- ब्लॉग़ पोस्ट, विडियो बनाकर उसे जागरुक करने का काम आप कंटेट के माध्यम से ही करते है. इसके बाद उसे सेल्सपेज पर ले जाकर छोड़ दिया जाता है. शेष काम प्रोडक्ट कॉपी कर देती है.
#8 टेलीविजन मार्केटिंग
- टेलीविजन पर अपना पसंदीदा शॉ देखते वक्त ब्रेक आते ही आपने जरूर गुस्सा किया होगा. क्योंकि कोई भी एड देखना पसंद नहीं करता
- लेकिन, यही एड टेलिवीजन चैनल की कमाई का मुख्य जरिया होता है. इसलिए वे इसे ना चाहते हुए भी दिखाते है
- टेलीविजन भी डिजिटल मार्केटिंग का चैनल है. जिसका इस्तेमाल अभी भी खूब किया जा रहा है. यहाँ पर विडियों कंटेट मार्केटिंग का मुख्य जरिया होता है
#9 रेडियो मार्केटिंग
- डिजिटल मार्केटिंग की शुरुआत ही रेडियों पर भेजे गए पहले संदेश से हुई थी. इसलिए इसका महत्व अभी भी बचा हुआ है
- लेकिन, अब इसका स्वरुप बदल रहा है. और पॉडकास्ट का नया रूप धारण कर लिया है
- पॉडकास्ट मार्केटिंग एक नया उभरता क्षेत्र बन रहा है. जिसकि ग्रोथ आने वाले समय में बढ़ने वाली है
#10 टेलीफोन मार्केटिंग
कॉल उठाने से पहले, एसएमएस तथा एमएमएस के माध्यम से टेलीफोन मार्केटिंग को करने का तरीका वर्षों से आजमाया जा रहा है.
इसके अलावा सेल्स कॉल भी इसका ही एक रूप है. इस तरह टेलीफोन भी डिजिटल मार्केटिंग से अछूता नहीं है.
डिजिटल मार्केटिंग और ऑफलाइन मार्केटिंग में अंतर – Difference Between Digital Marketing and Offline Marketing in Hindi
- डिजिटल मार्केटिंग की लागत ऑफलाइन मार्केटिंग की तुलना में कम होती है.
- इसके परिणामों को सटीम मापा जा सकता है. जो ऑफलाइन मार्केटिंग में संभव नहीं है.
- एड कैम्पेन को ट्रैक करना संभव. जो ऑफलाइन मार्केटिंग में नहीं किया सकता है.
- यदि कैम्पेन से मन मुताबिक परिणा नहीं मिल रहे है तो उसे तुरंत रोका जा सकता है. लेकिन, ऑफलाइन मार्केटिंग में ऐसा करना मुश्किल होता है.
- डिजिटल मार्केटिंग से कम समय में ज्यादा रीच संभव है. जबकि, ऑफलाइन मार्केटिंग में इतनी रीच प्राप्त करने के लिए समय और पैसा बहुत ज्यादा लगता है. इसलिए एक जैसे परिणाम प्राप्त नहीं किए जा सकते है.
- कम निवेश में ज्यादा लाभ मिलता है. जो ऑफलाइन मार्केटिंग में मुश्किल है.
- एक से अधिक कैम्पेन रन करके A/B Test से तुलना संभव. मगर, ऑफलाइन में ऐसा नहीं किया जा सकता है.
- कोई भी अकेला व्यक्ति अपने डिजिटल कैम्पेन को रन कर सकता है. लेकिन. ऑफलाइन मार्केटिंग के लिए उसे अन्य लोगों पर निर्भर रहना पड़ता है.
डिजिटल मार्केटिंग की सरलता और सुगमता इसे ऑफलाइन मार्केटिंग से अलग बनाती है. इसलिए ही आज यह हर बिजनेस की जरूरत बन चुकी है.
डिजिटल मार्केटिंग क्यों बेहतर है – Why Digital Marketing Matters?
समय के साथ चीजे बदलती रहती है. और एक वर्ष में मौसम भी तीन बार बदल जाते है.
तो बदलाव प्रकृति का नियम है.
जो समय के साथ चलेगा वो टिकेगा…
इस नियम को जितनी जल्दी बिजनेस समझ लेंगे उनके लिए बाजार में टिके रहना उतना ही आसान रहेगा. नहीं तो वे डिजिटल आंधी में गधे के सिर से सींग की तरह गायब हो जाएंगे.
आज स्मार्टफोन युजर्स की संख्या दिन पे दिन बढ़ती जा रही है. एक औसत युजर द्वारा स्क्रीन पर समय बिताने का वक्त भी बढता ही जा रहा है.
इसी कारण फेसबुक और गूगल अन्य मार्केटिंग फर्मों से ज्यादा प्रोफिट कमाती है. क्योंकि उनके पास ज्यादा जनता है.
यदि आप भी डिजिटल मार्केटिंग को आजमाना चाहते है तो पहले जान लिजिए ये आपके लिए क्या कर सकती है. और इसे अपनाना आपके लिए सही रहेगा या नहीं?
#1 टारेगेटेड लोगों तक अपने प्रोडक्ट दिखाना
आप टीवी, बैनर, अखबार के माध्यम से जो एड करते है. उसकी जरुरत हर वक्त युजर को हो? ऐसा संभव नहीं है. या सही युजर के पास आपका विज्ञापन गया है. ये भी जानना संभव नहीं है.
लेकिन, फेसबुक एड, गूगल एड आदि के द्वारा जो एड चलाई जाती है. वह शत प्रतिशत टार्गेटेड होती है. यानि सिर्फ उन्ही लोगों को दिखाई देगी जिन्हे आपके प्रोडक्ट में रुची होगा.
इसका फायदा ये हैं कि आप सिर्फ और सिर्फ लक्षित समूह पर पैसा खर्च कर रहे है. परिणामस्वरूप रिटर्न ऑन इंस्वेटमेंट ज्यादा मिलता है.
#2 –अपने प्रोडक्ट को कहीं भी कभी भी दिखा सकते हो
अपने किसी प्रोडक्ट का बैनर लगवाकर आपने चौराहे पर लगवा दिया. और संतुष्ट हो गए है कि चौराहे से आने-जाने वाला हर इंसान उसे हर वक्त देखेगा.
आप गलत है.
क्योंकि जरूरी नहीं है हर इंसान की नजर आपके बैनर पर पड़ेगी. और उसे दिख भी गया तो वह उसे रुककर पढ़ेगा.
लेकिन, यहीं काम आप डिजिटल मार्केटिंग के द्वारा करेंगे तो आपकी एड शॉ का रेट हमेशा ज्यादा मिलेगा. और देखने वाला भी उसे जरूर पढ़ता है.
इसके अलावा आप पूरी दुनिया में अपने प्रोडक्ट का विज्ञापन कर सकते है. आपको अपने एरिया में सिमटे रहने की कोई जरूरत नहीं है.
इंटरनेट और स्मार्टफोन से आप ग्लोबलाइजेशन का फायदा उठाकर दुनिया के किसी भी कोने में अपने प्रोडक्ट को दिखा सकते है.
#3 –कम इन्वेस्टमेंट और 10 गुना ज्यादा फायदा
डिजिटल मार्केटिंग की तुलना में ऑफलाइन मार्केटिंग में खर्चा बहुत ज्यादा आता है. और निवेश पर लाभ बहुत कम मिलता है.
लेकिन, डिजिटल मार्केटिंग में आपका खर्चा प्रिंट तथा अन्य पारंपरिक मार्केटिंग की तुलना में बहुत ही कम होता है. और प्राप्ती ज्यादा होती है.
#4- री-मार्केटिंग की जा सकती है
डिजिटल मार्केटिंग के द्वारा आप विजिटर्स को ग्राहक बनने तक टार्ग़ेट कर सकते है.
मान लिजिए कोई विजिटर आपकी वेबसाइट पर आया और उसने प्रोडक्ट भी देखा लेकिन, उसे बिना खरिदे चला गया. या जो प्रोडक्ट वो ढूँढ रहा था उसे मिला नहीं.
आप इस विजिटर को आपकी साइट छोड़ने के बाद भी टार्गेट कर सकते है. और दूसरी साइट्स पर जाने पर भी उसे अपने विज्ञापन दिखा सकते है.
यदि वह यूट्यूब पर है तो यूट्यूब एड, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर है तो फेसबुक एड्स के माध्यम से उसे टार्गेट करना संभव है.
#5- इन्टरनेट का विस्तार और उसका प्रयोग
इस बात को बताने की कोई जरूरत नहीं है कि इंटरनेट आज कितनी तेजी से बढ़ रहा है. और लोगों के पास कितनी सहजता से पहुँच भी रहा है.
लोग इंटरनेट पर ज्यादा समय खर्च कर रहे है. इसलिए बिजनेसेस की मजबूरी है कि वे भी अपने प्रोडक्ट वहीं पर बेचे.
जैसे ठेली वाला भीड़ वाले इलाकों पर ठेली लगाता है. इसी तरह बिजनेस भी डिजिटल भीड़ की तरफ आकर्षित हो रहे है.
इसी कारण आज टीवी और रेडियों को छोड़कर लोग स्मार्ट फोन की तरफ जा रहे है. टीवी की जगह हॉटस्टार, नेटफ्लिक्स आ गए है. और रेडियों को पॉडकास्ट बदल रही है.
इसलिए, पारंपरिक बिजनेसेस को भी खुद को अपग्रेड करने की जरूरत है. ताकि वे भी इंटरनेट का फायदा उठा पाएं.
डिजिटल मार्केटिंग कैसे सीखें – Learn Digital Marketing in Hindi?
अब सवाल ये है कि हम डिजिटल मार्केटिंग कैसे करें?
तो इसका जवाब है हमें डिजिटल मार्केटिंग सीखनी होगी. तभी हम इसका फायदा अपने बिजनेस के लिए ले पाएंगे.
अब आप फिर पूछेंगे कि डिजिटल मार्केटिंग कैसे सीखे? डिजिटल मार्केटिंग हम कहाँ से सीख सकते है? वगैरह-बगैरह…
इन सभी सवालों के जवाब ही नीचे दिए जा रहे है. यहाँ आपको बताया जाएगा. कैसे आप डिजिटल मार्केटिंग सीख सकते है? कितने तरीकों से सीख सकते है? पैड डिजिटल कोर्स सही रहेंगे या फिर फ्री डिजिटल मार्केटिंग कोर्सेस से काम चल जाएगा?
#1 ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग कोर्स करें
सबसे बढ़िया तरीका डिजिटल मार्केटिंग सीखने का ऑनलाइन कोर्सेस है. क्योंकि यह आपको डिजिटली ही डिलिवर होते है. इसलिए आपको फर्स्ट हैण्ड अनुभव मिलता है. और आप समझ पाते है कि डिजिटल संसार में काम कैसे होता है.
ऑनलाइन कोर्स आपको ऑफलाइन डिजिटल मार्केटिंग ट्रैनिंग की तुलना में बहुत सस्ते पड़ते है. और इन्हे कभी भी, कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है. क्योंकि इनकी क्लास आप मोबाइल फोन पर ही एटेंड कर लेते है.
कहाँ से करें कोर्स – ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग के कोर्स आप ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल से कर सकते है. Udemy, Coursera ये दो बड़े नाम इस क्षेत्र में लोकप्रिय है. इसके साथ आप DigitalVidya.com एवं DigitalDeepak.com पर भी डिजिटल मार्केटिंग की ट्रैनिंग लें सकते है.
फायदें – ऑनलाइन कोर्स सस्ते, 24 घण्टे उपलब्ध, लाइफ-टाइम एक्सेस फ्री, और प्रोफेशन डिजिटल मार्केटर्स द्वारा कोचिंग मिलती है.
नुकसान – हर संस्थान में मान्य नहीं, ट्रैनर से सीधा संपर्क नहीं, प्रमाणिकरण की समस्या.
हमारी राय – हम कहेंगे कि आपको ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग कोर्स में एंरॉल करना चाहिए. लेकिन, पहले अपनी जरूरत को पहचाने इसके बाद ही कोई निर्णय लें. यदि आप एक वर्किंग प्रोफेशन है तब ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग ट्रैनिंग से बेहतरीन कोई रास्ता नहीं है. आप एक स्टुडेंट है तो भी आप ऑफलाइन ट्रैनिंग के साथ इन कोर्सेस को आजमाने में पीछे ना हटे.
#2 डिजिटल मार्केटिंग बुक्स खरिदें
किताबों के बारे में एक धारणा प्रचलित है कि इनमें सैद्धांतिक बातें होती है. इनसे व्यावहारिक ज्ञान नहीं मिलता है. इसलिए, किताबें पढ़ना बेकार है.
मगर, हम कहेंगे कि आपको पहले सैद्धांतिक नॉलेज ही प्राप्त करनी चाहिए. इसके बाद व्यावहारिक नॉलेज पर ध्यान देना चाहिए.
कहाँ से खरिदें – आप बाजार में जाकर किताबें ढूँढ़ सकते है. यदि आपको आलस आता है तो आप अमेजन और फ्लिपकार्ट से बेस्ट डिजिटल मार्केटिंग बुक्स खरिद सकते है. यहाँ पर आपको दुनियाभर के बेस्ट डिजिटल मार्केटर्स की बुक्स मिल जाएगी.
काम की टिप – बुक खरिदने से पहले बुक कस्टमर रिव्यू और रैटिंग जरूर पढ़े.
#3 जॉइन इंटरनशिप प्रोग्राम्स
यदि आप सैद्धांतिक नॉलेज के साथ व्यावहारिक नॉलेज भी साथ-साथ सीखना चाहते है. तो किसी कॉलेज या डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी में इंटरनशिप प्रोग्राम को जॉइन कर लें.
यहाँ पर आपको कुछ स्टाइपैण्ड के साथ-साथ डिजिटल मार्केटिंग ट्रैनिंग भी सिखाई जाएगी. आप क्लाइंट्स के साथ खुद नेगोसीएट करेंगे. और उनके लिए बिजनेस के हिसाब से उनके लिए डिजिटल मार्केटिंग स्ट्रेटेजी प्लान करेंगे और कैम्पेन चलाएंगे.
यहाँ पर किया गया काम आपको डिजिटल मार्केटिंग जॉब्स दिलाने में अहम भूमिका निभाएगा. इसलिए, यदि आपको कहीं पर इंटरनशिप करने का मौका मिले तो चौका लगाने से पीछे ना हटे.
कहाँ जॉइन करें – इंटरनशिप प्रोग्राम्स आपको डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी में मिलेंगे. इसलिए अपने क्षेत्र के आसपास मौजूद एजेंसीयों में खुद जाकर मालूम करें या फिर उनकी वेबसाइट का करियर सेक्शन चैक करें.
इसके अलावा internshala.com पर जाकर पूरे भारत में इंटरनशिप प्रोग्राम्स की जानकारी लें सकते है. अपनी तरह का पहला डिजिटल इंटरनशिप प्रोग्राम Pixel Track Digital Marketing Agency द्वारा भी चलाया जाता है. जिसे माननीय डिजिटल मार्केटर डिजिटल दीपक (दीपक कनकराजु) द्वारा कोच किया जा रहा है.
#4 सर्टीफिकेट या डिप्लोमा कोर्स करें
यदि आपको पारंपरिक पढ़ाई करने का तरीका रास आता है और अभी भी आपका विश्वास है. तो आप किसी कॉलेज या युनिवर्सिटी द्वारा ऑफर किए जा रहे डिजिटल मार्केटिंग कोर्स में एडमिशन लें सकते है.
अभी फिलहाल इस तरह के कोर्स ज्यादा लोकप्रिय नहीं है. इसलिए युनिवर्सिटीज कोर्स ज्यादा महेंगे होते है. इसलिए, आप सोच समझकर ही किसी डिजिटल मार्केटिंग सर्टीफिकेट कोर्स या डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लें तो बेहतर रहेगा.
एडमिशन लेने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखें;-
- एडमिशन लेने से पहले यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन की वेबसाइट पर जाकर फर्जी यूनिवर्सिटीज की सूची एक बार जरूर पढ़ लें. अगर, इसमें युनिवर्सीटी का नाम मिलें तो एडमिशन ना लें.
- इसके बाद प्लैसमेंट रिकॉर्ड भी जरूर चैक करें.
- सिलेबस को डाउनलोड करके जांच करें और देखे कि वह आज की जरूरत के अनुसार अपडेटेड है या नहीं. क्योंकि डिजिटल संसार एक क्लिक में बदल जाता है.
- कॉलेज स्टाफ की नॉलेज भी चैक करने का मौका मिले तो सबसे पहले इसे ही आजमाए.
#5 यूट्यूब विडियों देखे
आजकर यूट्यूब से सीखकर सेल्फ लर्निंग स्टुडेंट्स बहुत तैयार हो रहे है. भारतीय ब्लॉगर्स इसका एक मुकम्मल उदाहरह है.
मगर, कितने ब्लॉगर्स यहाँ से प्रोफेशनल ब्लॉगर बने है. इसका जवाब हमारे पास नहीं है.
इसलिए, आप यूट्यूब लर्निंग को महत्व दें रहे है तो इसके स्रोत के बारे में पहले अच्छी तरह जानकारी कर लें. यदि स्रोत प्रमाणिक लगे तो ही बताई जा रही जानकारी का इस्तेमाल करें. अन्यथा आप बहुत बड़ा धोखा खा सकते है.
डिजिटल मार्केटिंग में करियर – Career in Digital Marketing in Hindi
डिजिटल मार्केटिंग एक उभरता हूआ सेक्टर है. इसलिए इस क्षेत्र में स्टुडेंट्स को करियर बनाने का सुनहरा अवसर है.
आज हर कोई ऑनलाइन अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना चाहता है. मगर, हर कोई इस कार्य को नहीं करेगा. इसलिए उन्हे प्रोफेशनल डिजिटल मार्केटर्स की जरूरत होगी.
अभी जरूरत के हिसाब से प्रोफेशनल मार्केटर्स की बहुत कमी है. इस गैप को भरने में समय लगेगा. तब तक आप डिजिटल मार्केटिंग स्किल को सीखकर इस काम के लिए खुद को तैयार कर सकते है.
आवश्यक स्किल – डिजिटल मार्केटिंग जॉब के लिए आपको अपनी मार्केटिंग स्किल्स को व्यावहार में लाना होगा. तभी आप एक सक्सेसफुल डिजिटल मार्केटर बन सकते है. आप अलग-अलग डिजिटल मार्केटिंग स्किल्स को सीखकर किसी एक स्किल के मास्टर बनकर इस जॉब को करने के लिए तैयार है.
जैसे; आपको लिखना पसंद है तो आप कंटेट मार्केटिंग की ट्रैनिंग लेकर इसके स्पेशलिस्ट बन सकते है और अन्य डिजिटल मार्केटिंग स्किल जैसे एसईओ, ईमेल मार्केटिंग की बेसिक जानकारी रख सकते है.
एक बात हमेशा ध्यान रखें. डिजिटल मार्केटिंग के सभी चैनल एक-दूसरे से अंतर-संबंधित है. इसलिए किसी को कम या ज्यादा ना आंके. सभी अपनी जगह बराबर महत्व रखते है.
साथ में निम्न मार्केटिंग स्किल्स की मांग इस करियर में रहती है.
- सृजनात्मकता यानि क्रेटीविटी
- विश्लेषणात्मक यानि एनालिटिक्स का ज्ञान
- डेटा को पढने की क्षमता
- अंग्रेजी हो तो बेहतर नहीं तो मातृभाषा पर पकड़ होनी चाहिए
- निर्णय लेने की क्षमता
- पब्लिक स्पीकिंग एवं ऑफ़िस मैनर्स की समझ
क्या पैकेज मिलेगा – एक डिजिटल मार्केटर को कितनी सैलेरी मिलती है? यह सवाल हर किसी के मन में आता है. और इसका जवाब जानने के लिए वे गूगल भी करते है.
यदि हम भारत के संदर्भ में बात करें तो इसका जवाब साफ-साफ नहीं दिया जा सकता है. फिर भी शुरुआत में आपको 10,000 रुपये मिल सकता है. यानि शुरुआती पैकेज 1 लाख से शुरु होते है. और अधिकतम यह तनख्वाह साल के स्थान पर हर महिने भी मिलने लगती है. इसलिए, डिजिटल मार्केटर के तौर पर अच्छा करियर बना सकते है. आपकी डिजिटल मार्केटिंग स्किल्स ही आपकी सैलेरी तय करेंगी. जितना दमदार और सटीक खुद को मार्केट कर पाएंगे, उतनी ज्यादा सैलेरी मिलने के अवसर रहेंगे.
क्या काम मिलेगा – यह बात निर्भर करती है. आपकी डिजिटल मार्केटिंग स्किल्स और नियोक्ता की जरूरत पर. एक डिजिटल मार्केटर का काम सिर्फ एड चलाना मात्र नहीं है. उसे कई अन्य काम भी निपटाने होते है. इसलिए खुद को ऑफिस जीवनशैली के लिए भी तैयार रखें.
आप एक डिजिटल मार्केटर के अलावा कई अन्य काम डिजिटल मार्केटिंग सीखकर सकते है. मसलन,
- डिजिटल मार्केटिंग मैंनेजर
- सोशल मीडिया मैनेजर
- सर्च इंजन एक्सपर्ट
- कंटेट राइटर
- ब्लॉग राइटर
- ब्लॉग़ मैनेजर
- डिजिटल कोचिंग करें
- डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी शुरू करें
- बुक पब्लिश करें
- कंसल्टेंस सेवा दें
- फ्रीलांसिंग करें
उपरोक्त कार्यों के अलावा ब्लॉगिंग शुरु करके गूगल एडसेंस तथा एफिलिएट मार्केटिंग से भी पैसा कमा सकते है. साथ में यूट्यूब चैनल बनाकर भी पैसे कमाए जा सकते है.
यदि आप भी ऑनलाइन पैसा कमाना चाहत है तो आप हमारी इस गाइड “इंटरनेट से घर बैठे पैसे कैसे कमाए” को पढ़ सकते है. यहाँ हमने 13 असल तरीके बताएं. जिनके द्वारा आप ऑनलाइन बिजनेस करके लाखों रुपया महिना कमा सकते है.
डिजिटल मार्केटिंग में करियर संबंधी सवालों के जवाब आप प्रवीण दिल्लीवाला के इस वीडियों में भी समझ सकते है. वीडियो नीचे प्रस्तुत है.
आपने क्या सीखा?
इस डिजिटल मार्केटिंग गाइड में आपने जाना कि डिजिटल मार्केटिंग क्या होती है? हमने बेसिक जानकारी से लेकर डिजिटल मार्केटिंग में करियर बनाने तक के बारे में बताया है. साथ में आपने जाना कि डिजिटल मार्केटिंग कैसे सीख सकते है?
हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा. और आपको डिजिटल मार्केटिंग की बेसिक जानकारी सीखने में मदद करेगा.
आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें. और कोई भी सवाल है तो उसे कमेंट में जरूर पूछे.
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मोनी जी, शुक्रिया.
डिजिटल मार्केटिंग के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए धन्यवाद। अच्छी पोस्ट है।