“Data is the New Oil.”
डिजिटल दुनिया में यह कहावत बहुत प्रचलित है जिसका हिंदी में मतलब होता है, डेटा नया ईंधन है. गूगल, फेसबुक, अमेजन जैसी दिग्गज इंटरनेट कंपनियों का सारा बिजनेस इसी डेटा पर टिका हुआ है.
डिजिटल डिवाइसों तथा यूजर्स एक्टिविटी से बहुत ज्यादा डेटा बनता है. जिसका उपयोग डेटा साइंटिस्ट कस्टमर की सोच, व्यवहार, पसंद-नापसंद आदि के बारे में पता लगाने की कोशिश करते हैं.
मगर, इस डेटा को संभालने, बनाने, संपादित करने के लिए विशेष टूल्स तथा कम्प्यूटर प्रोग्राम्स की जरुरत पड़ती है. जिन्हे Database Management System कहते हैं.
इस लेख में हम DBMS के बारे में ही चर्चा कर रहे है. अध्ययन की सुविधा के लिए इस लेख को निम्न भागों में बांट दिया गया है.
Table of Content
Database Management System DBMS क्या है?
एक DBMS कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर होता है जो प्राप्त डेटा को उपलब्ध मानकों के आधार पर परिभाषित करता है, संपादित करता है, प्राप्त करता तथा उसका प्रबंधन करता है. आमतौर पर एक DBMS डेटा फॉर्मेट, फील्ड नाम, रिकॉर्ड की संरचना तथा फाइल संरचना आदि काम संभालता है. जैसे; MySQL, Microsoft Access, Oracle आदि.
DBMS कि फुल फॉर्म Database Management System होती है. इसे ही शॉर्ट में DBMS के नाम से जानते हैं.
इस वर्तमान सूचना युग में डेटाबेस का महत्व बढ़ गया है. इसलिए, बैंकों, रेल्वे, विद्यालयों, बिजनेस तथा विभिन्न सरकारी कार्यालयों में डेटाबेस तैयार किए जाते हैं.
डेटाबेस से हम डेटा का विश्लेषण आसानी से कर सकते हैं, जिससे यूज़र तथा प्रोग्रामर दोनों बेहतर तरीके से उपलब्ध डेटा को सुव्यवस्थित कर सकते हैं. जिसका विश्लेषण करके किसी समस्या या भविष्यवाणी पर पहुँचना आसान हो जाता है.
मौसम विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान, मेडिकल फील्ड में डेटा भविष्यवाणी करने तथा किसी खास पैटर्न को पकड़ने में अहम भूमिका निभाता हैं. यह इन क्षेत्र में ईंधन का काम करता है.
Database Management System को पूरी तरह समझने के लिए हमे इसके अन्य तत्वों (Elements) की परिभाषा को जानना बहुत जरूरी है. जो निम्न है.
- Database – यह एक जैसे डेटा का सुव्यवस्थित संग्रह है. जिसके द्वारा डेटा को सहजता से प्राप्त करना, बनाना, संपादित करना हो पाता है. साथ में इसे टेबल, स्किमा, रिपोर्ट आदि फॉर्मेट में संग्रहित करना संभव हो पाता है.
- Data – किसी भी वस्तु या विचार के बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारी को डेटा कहते है. यह जानकारी अनिश्चित होती है जिसे प्रोसेस करके सूचना में बदला जाता है. इसका कोई खास अर्थ नहीं निकलता है. इसे आम भाषा में कच्ची जानकारी भी कहते हैं.
शारिरिक रूप से डेटाबेस सर्वर डेडिकेटेड कंप्यूटर कहलाते हैं, जो वास्तविक डेटाबेस के आधार पर केवल DBMS सॉफ्टवेयर को रन करते हैं. आमतौर पर डेटाबेस सर्वर मल्टीप्रोसेसर कंप्यूटर होते हैं. जिनमें स्थिर मेमोरी के साथ ही स्टोरेज के लिए Raid Disk arrays का उपयोग किया जाता है. Raid Disk का उपयोग किसी डिस्क के फेल होने पर डेटा रिकवरी के लिए किया जाता है.
Functions of a DBMS in Hindi
DBMS में विभन्न प्रकार के Functions मौजूद होते हैं, जिनकी मदद से डेटाबेस तथा इसमें मौजूद डेटा को मैनेज किया जाता है. ये प्रमुख रूप से चार कार्य होते हैं. जिनका विवरण इस प्रकार है.
- डेटा परिभाषित करना – क्रिएशन, मोडिफिकेशन आदि कार्य जिनसे डेटा को बेहतर तरीके से व्यवस्थित किया जा सकता है.
- डेटा अपडेट करना – DBMS में मौजूद फंक्शन से वास्तविक डेटा को इन्सर्ट, मॉडिफाई तथा डिलीट किया जा सकता है.
- डेटा बैकअप – DBMS एक शक्तिशाली सॉफ्टवेयर होता है जिससे हम स्टोर की गई फ़ाइल को आसानी से बैकअप कर सकते हैं.
- एडमिनिस्ट्रेशन – इस फंक्शन की सहायता से यूज़र को रजिस्टर्, उनकी निगरानी, डेटा सेक्यूरिटी आदि के साथ ही उस डेटा को भी रिकवर करता है, जो कभी अचानक System Failure की स्थिति में गुम हो जाता है.
DBMS का इतिहास – Brief History of Database Management System in Hindi?
डेटाबेस का आकार, क्षमता तथा परफॉरमेंस इसके संबंधित परिमाण के क्रम में बढ़ रहे हैं. डेटाबेस की परफोर्मेंस में वृद्धि का मुख्य कारण कंप्यूटर प्रोसेसर, मेमोरी तथा तकनीक में प्रगति था.
डेटाबेस की तकनीकि विकास के डेटा-मॉडल या संरचना के आधार पर इसे नेविगेशनल, रिलेशनल, पोस्ट-रेलशनल तीन गुणों में बाँटा जा सकता है.
शुरुवाती दौर में नेविगेशनल डेटा मॉडल में दो मुख्य Hierarchical मॉडल और CODASYL (नेटवर्कमॉडल) शामिल थे.
रेलशनल मॉडल को सबसे पहले 1970 में प्रस्तावित किया गया. रेलशनलमॉडल अलग-अलग प्रकार की इकाई के लिए उपयोग किये जाने वाले लेज़र-शैली टेबल सेट को नियोजित करता है.
1990 में बड़े पैमाने पर डेटा प्रोसेसिंग एक्सपेरिमेंट में रेलशनल सिस्टम का उपयोग किया जाने लगा. तथा साल 2018 तक IBM, DBM2, Oracle, MySQL तथा Microsoft SQL Server सबसे अधिक खोजे जाने वाले DBMS सर्वर हैं.
ऑब्जेक्ट डेटाबेस का विकास इम्पीडेंस मिसमैच की असुविधा को दूर करने के लिए किया गया था. जिस कारण पोस्ट-रेलशनल के साथ ही ऑब्जेक्ट-रेलशनल-डाटाबेस का विकास भी किया गया.
उसके बाद साल 2000 तक रेलशनल डेटाबेस की नई पीढ़ी (New Generation) को NoSQL डेटाबेस के रूप में पहचाना गया. NoSQL डेटाबेस तेजी से Value-Store के साथ ही Document-Orientation उपलब्ध करवाता है.
DBMS के विभिन्न प्रकार – Types of DBMS in Hindi
- Network Database
- Hierarchical Database
- Relational Database
- Object-Oriented Database
#1 Network Database
नेटवर्क डेटाबेस को रिकॉर्ड के रूप में दर्शाया जाता है. जिसमें एक डेटा से दूसरे डेटा के मध्य संबंध को लिंक के रूप में दिखाया जाता है.
इस मॉडल में एक रिकॉर्ड को विभिन्न श्रेणीयों के साथ दर्शाना संभव हो पाता है. यानि एक बच्चे के कई बाप होते हैं. यह मॉडल जटिल रिश्तों को दर्शाने में काम आते हैं.
#2 Hierarchical Database
इस डेटाबेस को ट्री-स्ट्रक्चर (बाप-बेटा) के रूप में मैनेज किया जाता है, जिसमें नोड्स लिंक के माध्यम से कनेक्ट होते हैं. ऊपर-नीचे या फिर टॉप-बॉटम. इस मॉडल में पैरेंट कई चाइल्ड को संभाल सकता है. लेकिन, चाइल्ड का केवल एक बाप होता है.
#3 Relational Database
रेलशनल डेटाबेस को संरचना (structure) डेटाबेस के रूप में भी जाना जाता है. जिसमें डेटा को Excel Rows & Columns की तरह टेबल फोर्मेट में दर्शाया जाता है.
यह डेटाबेस मॉडल सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है. क्योंकि यह सबसे आसान मॉडल है. यह डेटा को तय-संरचना में स्टोर करता है जिसे SQL द्वारा संपादित कर सकते हैं.
#4 Object-Oriented Database
यह मॉडल डेटा को ऑब्जेक्ट रूप में स्टोर करता है. इसकी संरचना को क्लास कहते है जो डेटा को दर्शाती है. यह डेटा को ऑब्जेक्ट के संग्रह के रूप में प्रदर्शित करता है.
DBMS के क्या फायदे हैं – Advantages of DBMS in Hindi
डेटा सुरक्षा
DBMS एक बेहतरीन मैनेजमेंट सिस्टम है जिसमें पूरा कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन के पास होता है, जिससे एडमिनिस्ट्रेटर ही यूज़र डेटा एक्सेस की मात्रा को निर्धारित करता है.
डेटाशेयरिंग
DBMS में एडमिनिस्ट्रेटर डेटा को कंट्रोल करता है, जिससे यूज़र्स को डेटा एक्सेस करने का अधिकार देता है. साथ ही डेटा को आसानी से शेयर किया जा सकता है.
डेटा का एकीकरण
DBMS में डेटा एकीकरण करना सरल होता है, क्योंकि यह डेटा टेबल्स में स्टोर किया जाता है. जिससे डेटा को कभी-भी खोज करने के साथ ही अपडेट भी किया जा सकता है.
Data Redundancy
DBMS में सभी डेटा को एक डेटाबेस फ़ाइल में स्टोर किया जाता है, अर्थात यह डेटा केवल एक स्थान पर सेव रहता है, इसे दोहराया नहीं जा सकता. इसके विपरीत अन्य फाइल सिस्टम में सभी एप्स के प्राइवेट फोल्डर होते हैं, जिससे एक स्थान पर कई फ़ाइल स्टोर हो जाती हैं, तथा डुप्लीकेट फाइल्स का निर्माण करती हैं.
डेटा रिकवरी
अचानक कंप्यूटर खराब होने की स्थिति या सिस्टम में समस्या उत्पन्न होने पर हम DBMS में आसानी से डेटा को रिकवर (पुनःप्राप्त) कर सकते हैं. जिससे डेटा गुम होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं.
समय की बचत
इस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करने से एप्लिकेशन निर्माण का समय बहुत ही कम हो जाता है. इसलिए, भी DBMS की उपयोगिता बढ़ जाती है.
DBMS के नुकसान – DisAdvantages of DBMS in Hindi
लागत में बढ़ोतरी
DBMS को लगाने तथा उसे सुचारु रूप से संचालित करने के लिए कुछ विशेष हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर की आवश्यकता पड़ती है. जिनकी कीमत संगठन के बजट को बढ़ा देती हैं.
ट्रैनिंग की जरूरत
इस तरह की टेक्नोलॉजी को संभालने के लिए पेशेवर लोगों की जरूरत पड़ती है, और समय के साथ बदलाव भी होते हैं. इसलिए, समय-समय पर DBMS Training भी जरूरी होती है. बिना उपयुक्त ट्रैनिंग के Database Management Systems पर काम करना मुश्किल होता है.
डेटा का नुकसान
विभिन्न डेटा को एक ही डेटाबेस सिस्टम के साथ जोड़कर उपयोग किया जा सकता है. लेकिन, एक पर निर्भरता हमेशा नुकसानदायक ही साबित होती है. इलेक्ट्रॉनिक फॉल्ट, डेटाबेस करप्शन, स्टोरेज फॉल्ट आदि गड़बड़िया मेहनत पर पानी फेरने के लिए काफी है.
जटिल गणना संभव नहीं
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम्स से जटिल गणनाएं करना संभव नहीं हो पाता हैं.
Top 25 Popular Database Management Software
- MySQL
- Microsoft Access
- Oracle RDBMS
- PostgreSQL
- ADABAS
- Informix
- dBASE
- FoxPro
- SQLite
- IBM DB2
- LibreOffice Base
- MariaDB
- Microsoft SQL Server
- AmazonRDS
- Redis
- OrientDB
- FileMaker
- phpMyAdmin
- Cloudera
- Robomongo
- MongoDB
- Toad
- Seqel PRO
- Hadoop HDFS
- Counchbase
DBMS का उपयोग – Uses of DBMS in Real Life
डेटाबेस एक बहुत ही जरूरी संसाधन है. जिसके बिना संगठनों का काम नहीं चल सकता है. इसलिए, विभिन्न क्षेत्रों में DBMS का उपयोग होता है. जिनकी जानकारी नीचे दी जा रही हैं.
- बैंकिंग सेक्टर में खाताधारकों की जानकारी, अकाउंट गरिविधियां, भुगतान, जमा आदि रिकॉर्ड बनाने तथा संभालने के लिए डेटाबेस बनाए जाते हैं.
- एअरलाइन क्षेत्र में रिजर्वेशन तथा फ्लाइट शेड्यूल सूचना का डेटाबेस तैयार होता है.
- एजुकेशन सेक्टर में स्टुडेंट्स की जानकारी, कोर्सेस, कॉलेज्स, ग्रेड्स, प्रोफेसर, कर्मचारी आदि रिकॉर्ड बनाएं जाते हैं.
- टेलिकोम इंडस्ट्री में कॉल रिकॉर्ड, बिल तथा कस्टमर इंफोर्मेशन तैयार की जाती है.
- फाइनेस सेक्टर में स्टॉक, सेल्स, पर्चेस आदि रिकॉर्ड बनाने के लिए इस्तेमाल होता है.
- मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री में वेयरहाउस रिकॉर्ड (जैसे; आइटम की जानकारी, स्टॉक आदि) को तैयार करने के लिए DBMS का उपयोग किया जाता है.
आपने क्या सीखा?
इस लेख में हमने आपको DBMS के बारे में पूरी जानकारी दी हैं. आपने जाना कि DBMS क्या होता है, इसका संक्षिप्त इतिहास तथा DBMS से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण शब्दावली जैसे Data क्या होता है और Database क्या होता है. इनकी जानकारी ही प्राप्त की है.
साथ ही आपने DBMS के विभिन्न प्रकार, DBMS के फायदें-नुकसान, तथा DBMS का उपयोग भी जाने हैं.
हमे उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोग साबित होगा और आपको पसंद भी आएगा. इस लेख को सोशल मीडिया पर शेयर करके अपने दोस्तों को भी Database Management System से अवगत कराएं.
#BeDigital