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Machine Learning क्या है पूरी जानकारी हिंदी में

आज हम टेक्नोलॉजी के उस युग में जी रहे हैं जहाँ आये दिन नई-नई चीजें मनुष्य के कार्य को सरल तथा तेज बना रही हैं. इनमें से ही एक विषय है Machine Learning जिसका नाम शायद आपने सुना होगा?

जिसकी मदद से एक मशीन अपने सीखने-समझने तथा अनुभव के आधार पर कार्यों को पूरा करती है. आजकल ऑनलाइन अनेक प्रोग्राम को मशीन लर्निंग की सहायता से निर्देशित किया जा रहा है. जिससे ये मशीनें मनुष्य की तरह हमारी आदतों, पसंद ना-पसंद पहचान लेती हैं.

इसलिए आज हम मशीन लर्निंग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी लेने जा जा रहे हैं. आइए जानते हैं कि मशीन लर्निंग क्या है तथा यह कैसे कार्य करती है?

What is Machine Learning Kya Hai
मशीन लर्निंग क्या हैं?

मशीन लर्निग क्या है – What is Machine Learning in Hindi?

सबसे पहले आपका यह जानना जरूरी है की मशीन लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक भाग है. परन्तु इन दोनों के कार्य पूरी तरह भिन्न हैं. मशीन लर्निंग की बात करें तो इसमें हमारे द्वारा किसी मशीन या कंप्यूटर सिस्टम को अनुभव के आधार पर चीजों की जानकारी दी जाती है. जिससे उस मशीन के प्रदर्शन तथा सोचने की क्षमता को बेहतर बनाया जा सके.

नीचे हमने मशीन लर्निंग की परिभाषा दी है. जिससे आपको इसे समझने मे और सहायता मिलेगी.

मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म तथा आंकड़ों के मॉडल का एक वैज्ञानिक अध्ययन है जिसका इस्तेमाल किसी कंप्यूटर सिस्टम को स्पष्ट निर्देश दिए बिना किसी विशेष टास्क को करने के लिए होता है. इस प्रक्रिया में मशीन पैटर्न तथा इंटरफेस का इस्तेमाल होता है.

अब हम इस तथ्य को एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं. यदि आपको किसी स्मार्टफोन के कैमरे को समझाना है कि कैमरे में कैप्चर होने वाली वस्तु एक किताब है. आपके द्वारा अनेक विषयों की किताबें स्मार्टफोन के कैमरे के आगे पेश की जाती है. और ऐसा करने पर स्मार्टफोन का एल्गोरिद्म समझ जाएगा कि इस बनावट, डिज़ाइन तथा आकार की वस्तु एक किताब होती है.

और भविष्य में यदि स्मार्टफोन के कैमरे के आगे किसी भी किताब को रखा जाता है.  इस स्थति में स्मार्टफोन अपने अनुभव के आधार पर समझ जाएगा कि यह वस्तु एक किताब है. परन्तु इसके विपरीत यदि कैमरे के सामने किसी पेंसिल को रखा जाता है तो यहाँ स्मार्टफोन का एल्गोरिद्म  उस वस्तु का नाम या उसकी जानकारी प्राप्त करने में असमर्थ होगा. क्योंकि स्मार्टफोन ने कभी-भी पेंसिल के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं कि थी.

इसके अलावा मान लीजिये आपका कंप्यूटर सिस्टम आपके अंग्रेजी लेखन को समझता है तथा आप कंप्यूटर के एल्गोरिद्म को अनेक प्रकार के फॉण्ट्स, टेक्स्ट स्टाइलिंग, शब्दों, आकृति

आदि के बारे में जानकारी देते है. और आपका कंप्यूटर समय के साथ अब अनेक प्रकार के फॉण्ट के बारे में जानकरी प्राप्त कर सकता है. जिससे आपका कंप्यूटर किसी भी प्रकार के अंग्रेजी फॉन्ट को जानने के लिए तैयार है. परन्तु यदि आप हिंदी भाषा के शब्दों को कंप्यूटर पर टाइप करते हैं तो कंप्यूटर हिंदी भाषा को नहीं समझ पायेगा. क्योंकि उसे हिंदी भाषा के बारे में जानकरी नहीं दी गई है.

मान लीजिये आप एक क्रिकेट खिलाड़ी हैं. यदि आपको कोई हॉकी खेलने को कहें तो क्या आप खेल पाएंगे?

नहीं ना!

क्योंकि आपको हॉकी खेलने का तरीका पता नही है. ठीक इसी तरह मशीन लर्निंग को समझ सकते हैं कि मशीन लर्निंग में एक मशीन के एल्गोरिद्म के आधार पर वह मशीन केवल किसी विशेष वस्तु या विषय को समझने का कार्य करती है. तथा उस वस्तु के बार-बार अभ्यास से वह मशीन अपने प्रदर्शन (परफॉर्मेंस) में सुधार कर उस विषय में विशेषज्ञ बन जाती है.


मशीन लर्निंग तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में क्या अंतर होता है?

आर्टिफिशियल इंटेलोजेंसि मशीन लर्निंग की तुलना में शक्तिशाली होता है जिसका मतलब यह है कि AI तकनीक मनुष्य की तरह कई चीजों को एक साथ बेहतर तरीके से कर सकता है.

उदाहरण के लिए AI सिस्टम किसी किताब को उसके आकार, बनावट से ही नहीं बल्कि अनेक माध्यम से समझने का प्रयास करती हैं तथा एक बेस्ट आउटपुट यूज़र को प्रदान करती है.

मशीन लर्निंग तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी में मुख्य अंतर यह है कि मशीन लर्निंग के सोचने, कार्य करने की क्षमता डेटा में होती है.

यह हमारे द्वारा तैयार किया गया एक सेटप होता है, जो हमारी मर्जी से कार्य करता है. परन्तु दूसरी तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक अत्याधुनिक तकनीक है. यह मनुष्य की तरह सोचने निर्णय लेने में सहायक होती है. इसलिए AI सिस्टम मनुष्य के दिमाग की तरह चीजों को समझने या कार्य करने में सहायक होता है. जिससे यूजर को सर्वाधिक परिणाम प्राप्त हो सके.


मशीन लर्निंग का इतिहास – Machine Learning History in Hindi?

वर्ष 1940 में पहली बार मैन्युअली तैयार किये गए ENIAC नामक कंप्यूटर का अविष्कार किया गया. उस समय कंप्यूटर को इंसानी मशीन के रूप में जाना जाता था क्योंकि यह विभिन्न गणितीय गणनाओं को आसानी से कर सकता था.

इसलिए ENIAC कंप्यूटर को “गणितीय कंप्यूटर मशीन” भी कहा जाता था.

कंप्यूटर विशेषज्ञों को 1950 में पहली बार मनुष्य की तरह सोचने तथा सीखने वाले कंप्यूटर को तैयार करने का ख्याल आया. इसके प्रयास में 1950 मे पहला कंप्यूटर गेम विकसित किया गया जो विश्व चैंपियन व्यक्ति को हरा सकता था.

इस प्रोग्राम ने कंप्यूटर में गेम प्लेयर्स को कम समय में बेहतरीन एक्शन लेने में मदद की जिसके परिणामस्वरूप आज शक्तिशाली कंप्यूटर में शतरंज, लुडो आदि कई कम्प्युटर गेम्स हैं, जो अपनी मशीनी क्षमता से किसी भी इंसान को हराने की ताकत रखते हैं.

1990 के दशक में मशीन लर्निंग तकनीक प्रसिद्ध हो चुकी थी. अब मशीन लर्निंग को Data-Driven में तब्दील कर दिया. बड़े पैमाने पर डेटा उपलब्ध होने के कारण वैज्ञानिकों ने बुद्धिमान मशीन बनाने की ओर पहला कदम उठाया तथा. उस सिस्टम में बड़ी संख्या में डेटा उपलब्ध होने के कारण हम डेटा का विश्लेषण तथा चीजों को आसानी से सीख सकते थे. मशीन लर्निंग तकनीक का सबसे बड़ा उदाहरण Deep Blue Computer है जिसने विश्व चैंपियन “गैरी कास्पारोव” (शतरंज चैंपियन) को मात दी.

इस तरह हम कह सकते हैं कि 1990 का दशक मशीन लर्निंग के लिए सुनहरा युग था.


मशीन लर्निंग के फायदे Advantage of Machine Learning in Hindi?

  • वर्तमान समय में मशीन लर्निंग का इस्तेमाल अनेक क्षेत्रों में किया जा रहा है. जिसमें वित्तीय क्षेत्र, स्वास्थ्य, रिटेल, सोशल मीडिया, रोबोट, ऑटोमेशन तथा गेमिंग एप्लीकेशन आदि शामिल है.
  • क्या आपको पता है? दैनिक जीवन में हम सोशल मीडिया का इस्तेमाल कई बार करते हैं. जिसमें मशीन लर्निंग का उपयोग होता है. फेसबुक तथा गूगल द्वारा मशीन लर्निंग के इस्तेमाल से यूज़र्स को उनके पिछली सर्च एक्टिविटी के आधार पर Relevant Ads Show किये जाते हैं. तथा यूट्यूब पर विडियों परिणाम भी इससे प्रभावित होते हैं.
  • यह तकनीक समय की बचत तथा सीमित संसाधनों (Resources) में भी बेहतर परिणाम प्रस्तुत करती है.
  • अनेक Sources प्रोग्राम मशीन लर्निंग द्वारा विभिन्न एप्लीकेशन के एल्गोरिद्म की उपयोगिता को बढ़ाने में मदद करते हैं.
  • गतिशील तथा अनुकूल परिस्थतियाँ न होने पर भी यह बहुआयामी या बहु-विविधता डेटा को सँभालने की क्षमता रखती है.

अब हमने मशीन लर्निंग से होने वाले फायदों को तो समझ लिया है. आइए अब इससे होने वाले कुछ नुकसानों के बारे में भी जानते हैं.


मशीन लर्निंग़ के नुकसान – Disadvantages of Machine Learning in Hindi?

  • किस एक्शन को कब तथा किन परिस्थितियों में लेना है यह जाँचने के लिए विभिन्न मशीन लर्निंग तकनीकों को जानना आवश्यक है.
  • मशीन लर्निंग की प्रभावशीलता को जाँचने या निर्धारित करने के लिए इससे प्राप्त होने वाले परिणामों की व्याख्या करना चुनौतीपूर्ण कार्य है.
  • मशीन लर्निंग में अधिक समय की माँग तथा समय-समय पर अपडेट की आवश्यकता होती है. तथा प्रत्येक क्षेत्र में इसका उपयोग करना सरल नहीं होता.
  • वैज्ञानिकों द्वारा मशीन लर्निंग के उच्च स्तर की खोज की जाने लगी है.

आपने क्या सीखा?

इस लेख में आपने मशीन लर्निंग़ के बारे में पूरी जानकारी लि हैं. आपने जाना कि मशीन लर्निंग क्या होती हैं? यह कैसे काम करती है? और मशीन लर्निंग़ के फायदे-नुकसान भी आपने जाने हैं. हमे उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा.

#BeDigital

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