Computer अपने जन्म से लेकर आज तक विकास कर रहा हैं. इस दौरान कम्प्युटर वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) से निकलकर Artificial Intelligence तक आ पहुँचा हैं. और वह कमरा को छोड़कर हाथ में आ बैठा हैं. यह उन्नति उसने पिछले 70-80 सालों में पाई हैं कम्प्यूटर की इस विकास अवधि को Computer Generations (in Hindi) कहा जाता हैं. जैसे-जैसे कम्प्युटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में बदलाव आता गया. उसी के अनुसार Computer Generations का निर्धारण कर दिया गया. अब तक कम्प्युटर की 5 पीढियाँ – 5 Generations of Computer in Hindi, निर्धारित की जा चुकी हैं.
इस लेख में हम आपको Computer Generations की पूरी जानकारी देंगे. और साथ में प्रत्येक पीढ़ी के कम्प्यूटर की विशेषताओं और कुछ कम्प्यूटरों के नाम भी बतायेंग़े.
कम्प्यूटर की प्रथम पीढ़ी – First Generations of Computer in Hindi
कम्प्यूटर कि प्रथम पीढ़ी की शुरुआत सन 1946 से मानी गई हैं. क्योंकि इस समय दो महान लोग J.P. Eckert तथा J.W. Mauchy नें वैक्यूम ट्यूब पर आधारित पहला इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाया था. Vacuum Tube का आविष्कार सन 1904 में John Ambrose Fleming ने किया था. प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटरों में इसी वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया गया था.
Punch Cards, Paper Tap तथा Magnetic Tap को इनपुट डिवाइस एवं आउटपुट डिवाइस के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. प्रथम पीढ़ि कम्प्यूटरों में मशीनी भाषा (Machine Language) का इस्तेमाल प्रोग्रामिंग भाषा (Programming Language) के रूप में होता था. और Magnetic Drums का उपयोग Memory के लिए किया जाता था.
प्रथम पीढ़ी कम्प्यूटर की विशेषताएं
- वैक्यूम ट्यूब पर आधारित
- भंडारण के लिए मैग्नेटिक ड्रम्स का इस्तेमाल
- पंच कार्डों इनपुट एवं आउटपुट के लिए प्रयोग
- आकार बहुत बडा और वजनी
- मशीनी भाषा का प्रयोग
- AC की जरूरत
- बहुत महेंगे और विश्वसनीय नहीं
- लगातार रखरखाव की जरूरत
प्रथम पीढ़ी के कुछ कम्प्यूटरों के नाम
- ENIAC – Electronic Numeric Integrated and Calculator
- EDVAC
- UNIVAC
- IBM-701
- IBM-650
कम्प्यूटर की दूसरी पीढ़ी – Second Generations of Computer in Hindi
कम्प्यूटर की द्वितीय पीढ़ी की समयावधि 1956-63 मानी गई हैं. इस पीढ़ी केकम्प्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर (Transistor) का प्रयोग हुआ. Transistor का आविष्कार सन 1947 में William Shockely ने किया था.
अब कम्प्यूटरों में Primary एवं Secondary Memory का इस्तेमाल होने लगा. और वे Assembly एवं High-Level Programming Language को सपोर्ट करने लगे. तथा उनमे Multi-Programming Operating Systems का प्रयोग होने लगा था.
दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर की विशेषताएँ
- Transistor पर आधारित
- मैमोरी के लिए Magnetic Core और Tap का इस्तेमाल
- FORTON, COBOL भाषाओं का इस्तेमाल
- आकार अभी भी बडा और वजनी
- Cooling के लिए AC की जरूरत
- कार्य-विशेष के लिए उपयोग
- Processing Speed में बढोतरी
- प्रथम पीढ़ी के मुकाबले कम ऊर्जा की जरूरत
दूसरी पीढ़ी के कुछ कम्प्यूटरों के नाम
- Honeywell 400
- IBM 7094
- CDC 1604
- CDC 3000 Series
- UNIVAC 1108
- IBM 1400 Series
- MARK III
कम्प्यूटर की तीसरी पीढ़ी – Fourth Generations of Computer in Hindi
कम्प्यूटरों की तीसरी पीढ़ी की समयावधि 1964-71 मानी गई हैं. इस पीढ़ी के कम्प्यूटर IC – Integrated Circuit पर आधारित थे. IC का आविष्कार एक इंजिनियर Jack Kilby ने किया था. एक अकेली IC में बहुत सारे Transistors, Resistors, Capacitors समाहित थे.
IC के आविष्कार ने कम्प्यूटर का आकार बहुत छोटा कर दिया. अब इन्हे एक जगह से दूसरी जगह पर आराम से पहुँचा सकते थे. और Multi-Programming OS एवं High-Level Programming Languages के इस्तेमाल में और सुधार हुआ.
तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर की विशेषताएँ
- IC पर आधारित
- आकार में छोटे और कम वजनी
- अधिक भरोसेमंद और खर्चीले
- रखरखाव में कमी
- BASIC, COBOL, FORTON, PASCAL, ALGOL का इस्तेमाल
- ऊर्जा की कम खपत पर AC की जरूरत
- Mouse और Keyboard का इस्तेमाल
- प्रोसेसिंग़ अन्य पीढ़ियों के मुकाबले तेज
- General Purpose के लिए इस्तेमाल संभव हुआ
- कार्यक्षमाता में बढोतरी
तीसरी पीढ़ी के कुछ कम्प्यूटरों के नाम
- PDP-8
- PDP-11
- ICL 2900
- IBM 360 Series
- Honeywell 6000 Series
- TDC-B16
कम्प्यूटर की चौथी पीढ़ी – Fourth Generations of Computer in Hindi
कम्प्यूटर की चौथी पीढ़ी की शुरुआत 1971 से मानी गई हैं. और 1980 तक का समय चौथी पीढ़ी के लिए माना गया हैं. इस दौरान IC को और अधिक विकसित किया गया इस समय की ICs में लगभग 5000 Transistors आ सकते थे. और इसकी कार्यक्षमता 3,00,00 ट्राजिस्ट्रों के बराबर थी.
इन ICs को VLSI – Very Large Scale Integrated Circuit कहा जाता था. इस तकनीक ने Microcomputer की नींव पढी, क्योंकि इस समय Micro Processors इस्तेमाल होने लगे थे. यह समय कम्प्यूटर क्रांति लेकर आया और कम्प्युटर आम इंसान तक पहुँचा.
चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर Microprocessor पर चलते है. और इस समय GUI- Graphical User Interface का विकास हुआ. और Windows, Mac OS का निर्माण हुआ. इसी समय में Microsoft और Apple जैसी कंपनियों की शुरुआत हुई. और आज ये वर्तमान हैं.
चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर की विशेषताएँ
- VLSI Based Microprocessors पर आधारित
- GUI Based OS का इस्तेमाल
- अधिक तेज, भरोसेमंद और शुद्ध
- आकार में बहुत छोटे और हल्के
- इंटरनेट का इस्तेमाल
- आम इंसान तक पहुँच
- AC की जरूरत नही Fan का इस्तेमाल
- C, C++, .net जैसी भाषाओं का इस्तेमाल
- कम खर्चीले
चौथी पीढ़ी के कुछ कम्प्यूटरों के नाम
- IBM 4341
- DEC 10
- STAR 1000
- PUP 11
- Macintosh
- PCs
कम्प्यूटर की पांचवी पीढ़ी – Fifth Generations of Computer
आप जिस डिवाइस पर इस लेख को पढ रहे हैं. वह पांचवी पीढ़ी का कम्प्यूटर हैं. पांचवी पीढ़ी की समयावधि 1980 से आजतक मानी गई हैं. इस कालखंड में कम्प्यूटरों में ULSI – Ultra Large Scale Integrated Circuit Based Microprocessors का इस्तेमाल होने लगा. जिससे ये बहुत तेज और छोटे हो गए है. क्योंकि एक ULSI Based Microprocessor में एक करोड इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेट आ सकते हैं.
पांचवी पीढ़ी के कम्प्यूटरों को हम इंसानों की तरह सोचने लायक बनाया जा रहा हैं. जिसके लिए Artificial Intelligence, Internet of Things, Robotics आदि तकनीकों का लगातार विकास और प्रयोग किया जा रहा हैं.
आज के कम्प्यूटर एक हाथ घडी के आकार का होता हैं और कम खर्चीला भी हैं. जिसे लगभग हर इंसान खरीद सकता हैं. आज कम्प्यूटर दुनिया के हर इंसान तक किसी ने किसी रूप में पहुँच चुका हैं.
पांचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर की विशेषताएँ
- ULSI Based Microprocessor पर आधारित
- हल्के, सस्ते, भरोसेमंद और तेज
- अधिक शुद्ध, इस्तेमाल में आसान
- GUI आधारित OS का इस्तेमाल
- Multimedia, Touchscreen, Web, Voice Control का प्रयोग
- ना के बराबर रखरखाव
- ऊर्जा का कम इस्तेमाल
- C, C++, Java, .net, ASP का इस्तेमाल
- कृत्रिम बुद्धि का विकास
- Internet of Things का विकास
पांचवी पीढ़ी के कुछ कम्प्यूटरों के नाम
- Desktop PCs
- Macbooks
- Laptops
- Notebooks
- Ultrabooks
- Chromebooks
- iPhone
- iWatch
आपने क्या सीखा?
इस लेख में हमने आपको Computer Generations की पूरी जानकारी दी हैं. आपने जाना कि कम्प्यूटर ने पहली पीढ़ी से पांचवी पीढ़ी तक कैसे विकास किया. हमे उम्मीद हैं कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा और आपको पसंद आएगा.
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Very useful notes hai thanks !
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रवि जी, यह एक डिजिटल बुक है यानि आपको PDF फॉर्मेट में मिलेगी. फिजिकल बुक नही मिलेगी. अगर, आपने ऑर्डर किया है तो अपना ईमेल चैक कीजिए उसमें बुक डाउनलोड करने की लिंक दी होगी.
Thanks sir bahut achha notes hi.
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हर्श जी, हम विडियों पर काम कर रहे है.