आपने दैनिक जीवन में कभी ना कभी बारकोड को जरूर देखा होगा यह लंबी काली लाइन पैटर्न में होता है. बारकोड का उपयोग आपने संभवतः किसी कंपनी, शॉपिंग मॉल या दुकान में देखा होगा. जहां लोग प्रोडक्ट खरीदते हैं तथा कंपनी अपने प्रोडक्ट को बारकोड के जरिए ट्रेक करने, Stock Level को जाँचने के लिए बारकोड का उपयोग करती है.
सामान्य शब्दों में कहें तो किसी इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद या अन्य किसी सामान को खरीदते समय आपने उस पैकेट के बाहर काले रंग या नीले रंग की 10 या 10 से अधिक लंबी-लंबी काली या रंगीन लाइनें देखी होंगी यह बारकोड होता है. जिसमें उस उत्पाद से संबंधित जानकारी तथा उसकी कीमत भी होती है.
बारकोड में इलेक्ट्रॉनिक कोड होता है जिसे केवल मशीन द्वारा ही पढ़ा जा सकता है. अतः बारकोड एक मशीन Readable कोड है, जिसे Optical Scanner (प्रकाशीय स्कैनर) की सहायता से पढ़ा जा सकता है. तथा आधुनिक समय में बारकोड का अधिक उपयोग बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा सफलतापूर्वक बिज़नेस करने के लिए अपने प्रोडक्ट में बारकोड का उपयोग किया जाता है.
बारकोड की महत्तत्वा के कारण हमारे लिए यह जानना जरूरी हो जाता हैं कि बारकोड क्या होता हैं (What is Barcode in Hindi)? बारकोड कैसे कार्य करता हैं? इसका उपयोग कहाँ किया जाता है? इस लेसन में हम इन्ही सवालों की पडताल करने वाले हैं.
बारकोड क्या हैं?
आपने दैनिक जीवन के उत्पादों जैसे साबुन, तेल, क्रीम, बिस्कुट, आदि खाद्य सामग्री तथा अन्य उत्पादों के पैकेट के बाहर कुछ काली-काली या रंगीन प्रिंटेड लाइन जरूर गौर की होंगी. इन लाइन को तकनीकी भाषा मे Barcode कहा जाता है. यह Barcode दिखने में काफी छोटे होते हैं. परन्तु इन्हें स्कैन कर किसी उत्पाद से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है.
बारकोड में किसी उत्पाद के मूल्य, मात्रा, कंपनी के बारे में जानकारी होती हैं. इसके अलावा कंपनी द्वारा बारकोड की मदद से उत्पादों के बचे स्टॉक की आसानी से गणना तथा प्रोडक्ट की ट्रैकिंग सरलतापूर्वक की जाती है.
यह बारकोड दुनिया भर में किसी प्रोडक्ट पर समान होता है अर्थात बिस्कुट के पैकेट में उपलब्ध बारकोड जो भारत मे दिखाई देता है वही बारकोड उस पैकेट का दुनिया-भर के अन्य देशों में मौजूद होता है. बारकोड को पढ़ने के लिए बारकोड स्कैनर का इस्तेमाल होता है जिसे “प्राइस स्कैनर”भी कहा जाता है.
शुरुवाती दौर में बारकोड में काली लाइन के पैटर्न मौजूद थे जिसे केवल ऑप्टिकल स्कैनर की मदद से पढ़ा जा सकता था. परन्तु समय के साथ टेक्नोलॉजी में हुए परिवर्तन से इनके आकार तथा आकृति में बदलाव आया तथा अब इन्हें किसी स्मार्टफोन की सहायता से भी पढ़ा जा सकता है.
बारकोड कैसे कार्य करता हैं?
किसी कंपनी में विविध प्रकार के सामानों का बिल बनाने के लिए कैश काउंटर में बैठा व्यक्ति सामान को ऑप्टिकल स्कैनिंग की प्रक्रिया से गुजारता है. यह ऑपटिकल स्कैनर उसी कंप्यूटर से कनेक्ट होता है जिस कंप्यूटर से हमें खरीदे गए उत्पाद के बिल की पर्ची प्राप्त होती है. दरअसल किसी प्रोडक्ट में प्रिंटेड बारकोड के ऊपर स्कैनर के गुजरते ही प्रोडक्ट के बारे में कंप्यूटर पूरी जानकारी देता है. तथा इस प्रक्रिया द्वारा कंप्यूटर को उस प्रोडक्ट से जुड़ी जानकारी प्राप्त होती है. कंप्यूटर हमें बिल के रूप में प्रोडक्ट की जानकारी देता है.
यहाँ हमारा यह जानना जरूरी है कि बारकोड में मुख्यतः 5 जोन (Zone) होते हैं. जिसमें क्विट जोन, स्टार्ट जोन, स्टार्ट करैक्टर, डाटा कैरेक्टर तथा स्टॉक कैरेक्टर शामिल है.
इसके साथ ही बारकोड मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं. जिनमें पेन स्कैनर, लेज़र स्कैनर, CCD (Charge Coupled Device) स्कैनर तथा 2D कैमरा स्कैनर होते हैं. प्रत्येक बार कोड की शुरुआत स्पेशल कैरक्टर के साथ होती है, जिसे स्टार्ट कोड कहा जाता हैं. स्टार्ट कोड बारकोड स्कैनर को को प्रोडक्ट के शुरवाती जानकारी के बारे में बताता है तथा स्टॉक कोड बारकोड स्कैनर को प्रोडक्ट के आखिरी चरण के बारे मे बताता है.
बारकोड को मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है.
Linear Barcode
लाइनर बारकोड/रेखाकार बारकोड. इन बारकोड को One डाइमेंशनल बारकोड के नाम से भी जाना जाता है. 1D बारकोड यूपीसी कोड की तरह होते हैं. 1D बार कोड का उपयोग सामान्यत दैनिक जीवन में साबुन, पेन इत्यादि में किया जाता है.
2D Barcode
Two डाइमेंशनल बारकोड/द्विमीय बारकोड अथवा इन्हें QR कोड स्केनर के नाम से भी जाना जाता है. यह बारकोड नई तकनीक से बने हैं जिनका आपने कई डिजिटल पेमेंट एप जैसे पेटीएम में देखा होगा. 2D बारकोड में 1D बारकोड की तुलना में अधिक जानकारी स्टोर की जा सकती है. तथा इसे आसानी से स्कैन किया जा सकता है.
2D बारकोड का चलन तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि इन बारकोड्स को हम स्मार्टफोन से भी आसानी से स्कैन कर सकते हैं.
बारकोड का इस्तेमाल क्यों किया जाता हैं?
बारकोड का उपयोग करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे खाद्य सामग्री के उत्पादों को समय रहते ट्रैक किया जा सकता है. माँग में मौसम के अनुकूल होने वाले परिवर्तन की भविष्यवाणी की जा सकती है.
किसी बिजनेस में बारकोड Up-to Date जानकारी प्राप्त करता है. जिसमें कंपनी दूर बैठे किसी प्रोडक्ट की पूरी जानकारी पता कर सकती है. उत्पाद के मूल्य में परिवर्तन होने की स्थिति में आसानी से इसे कंप्यूटर में अपडेट किया जा सकता है तथा अलग से किसी व्यक्ति को पुराने या नए मूल्य को याद करने की आवश्यकता नहीं पड़ती. तथा किसी स्टोर में बारकोड बहुत बड़ी संख्या में वस्तुओं को ट्रैक करने में मदद करता है.
वर्तमान समय में बारकोड का उपयोग अस्पतालों में मरीजों, नर्सों के मेडिकल इतिहास को ट्रैक करने के लिए भी किया जाता है.
इसके अलावा वर्तमान समय में कई अन्य क्षेत्रों में भी बारकोड का इस्तेमाल किया जा रहा है.
बारकोड का इतिहास
आधुनिक बारकोड नॉर्मन जॉसेफ वुडलैंड तथा बर्नार्ड सिल्वर नामक दो वयक्तियों द्वारा विकसित किया गया. 1959 के दशक के दौरान रेलमार्ग गाड़ियों पर नजर रखने के लिये डेविड कोलिन्स ने एक प्रणाली विकसित की जिसमें पहली बार बारकोड का इस्तेमाल किया गया. समय के साथ 1969 में बारकोड के विकास की ओर अनेक कार्य किये गए तथा साल 1974 में ओहियो के ट्रॉय मार्श के सुपरमार्केट में पहला UPC स्कैनर लगाया गया. Wrigley’s नामक उत्पाद के पैकेट में पहली बार बारकोड स्थापित किया गया.
आपने क्या सीखा?
इस लेसन में हमने आपको बारकोड के बारे में पूरी जानकारी दी हैं. आपने जाना कि बारकोड क्या होता हैं? यह कैसे काम करता हैं? तथा इसका इतिहास के बारे में भी जाना हैं. हमे उम्मीद है कि यह लेसन आपके लिए उपयोगी साबित होगा.
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