अपनी पहचान साबित करने के लिए या फिर किसी वस्तु पर हक साबित करने के लिए ना जाने कितने ही कामो के लिए हमें कई प्रकार के दस्तावेजों की समय-समय पर जरूरत पडती रहती हैं.
मगर, अपने साथ इतने सारे दस्तावेजों को रखना असुविधाजनक और सुरक्षा के लिहाज से भी सही नहीं है. और हम गूगल ड्राईव या फिर अन्य क्लाउड-आधारित ऑनलाइन स्टोरेज सर्विसों का भी इस्तेमाल नही कर सकते है. क्योंकि इनकी मान्यता नहीं होती हैं.
इसलिए इन सभी असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने अपना खुद का डिजिटल स्टोरेज प्लैटफॉर्म तैयार किया है. जिसे DigiLocker नाम दिया गया हैं.
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डिजिलॉकर क्या है – What is DigiLocker?
DigiLocker एक क्लाउड-आधारित स्टोरेज प्लैटफॉर्म है. जहाँ पर युजर अपने दस्तावेज तथा प्रमाण-पत्र स्टोर कर सकते हैं, शेयर कर सकते हैं तथा वेरिफाई कर सकते हैं.
युजर अपने विभिन्न सरकारी, गैर-सरकारी दस्तावेजों की स्कैन्ड कॉपी यहाँ अपलोड कर सुरक्षित रख सकते हैं. तथा जरूरत पडने इनका डिजिटल संस्करण इस्तेमाल कर सकते हैं.
युजर e-Signed टूल की मदद से अपने सभी द्स्तावेजो एवं प्रमाण-पत्रों को सेल्फ-एटेस्टेड भी कर सकता हैं. और वेरिफिकेशन के लिए संबंधित एंजेसियों को जारी कर सकता हैं.
ध्यान रखें
Indian IT Act, 2000 के अनुसार डिजिलॉकर पर मौजूद दस्तावेज तथा प्रमाण-पत्र कानुनन वैद्य हैं.
अब आपको आधार कार्ड, राशन कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस आदि दस्तावेजों को वॉलेट में रखने की कोई जरूरत नहीं है. इन्हे आप अपने घर पर सुरक्षित जगह पर रख सकते है और इनका डिजिटल संस्करण से ही काम चला सकते हैं.
डिजिलॉकर को भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड सूचना प्रोद्योगिकि मंत्रालय (MeitY) द्वारा विकसित किया गया हैं. इस सुविधा का फायदा वेबसाईट और एप के द्वारा लिया जा सकता हैं.
इस प्लैटफॉर्म को डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहर शुरु किया गया हैं. इसका उद्देश्य भारत को कागज-रहित अर्थव्यवस्था (Paperless Economy) बनाना है. क्योंकि यह सुविधाजनक और तेज है तथा पर्यावरण हितैशी भी हैं.
डिजिलॉकर की मुख्य विशेषताएं – Main Features of DigiLocker
सुविधाजनक – डिजिलॉकर नागरिकों के लिए बेहद सुविधाजनक सेवा हैं. क्योंकि अब इन्हे अपने जेब अथवा बटुए में दस्तावेजों को रखने की जरूरत नहीं हैं. इन्हे अब डिजिटली एक्सेस करना संभव हो गया हैं.
उपलब्धता – यहाँ एक बार दस्वावेज तथा प्रमाण-पत्र अपलोड करने के बाद इन्हे साल के 365 दिन और 24 घंटे कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं. क्योंकि यहाँ उपलब्ध दस्तावेज हमेशा आपके साथ-साथ रहते हैं. यदि आप अपना स्मार्टफोन भूल भी जाते है तब भी इन्हे Log in Details के माध्यम से अन्य स्मार्टफोन अथवा कम्प्युटर के द्वारा आसानी से एक्सेस किया जा सकता हैं.
प्रकृति हितेशी- हम सभी जानते है कि कागज को बनाने के लिए पेड़ों की जरूरत पड़ती हैं. इसलिए यह सुविधा पर्यावरण के लिए लाभदायक साबित हुई हैं. क्योंकि आपको कागजी दस्तावेज रखने की आवश्यकता नही रहती हैं. आप जितनी चाहे डिजिटल कॉपी जारी करवा सकते हैं.
प्रमाणिकता – डिजिलॉकर में दस्तावेज तथा प्रमाण-पत्र संबंधित विभाग, संस्था अथवा एंजेसी द्वारा जारी किये जाते हैं. इनमे युजर अपनी तरफ से कोई कांट-छांट या बदलाव नहीं कर पाता हैं. इसलिए ये दस्तावेज प्रमाणिकरण के लिए वैद्य साबित होते हैं. और इनकी प्रमाणिकता कागजी दस्तावेजों के समतुल्य होती हैं.
ई-हस्ताक्षर – अब सेल्फ-एटेस्टेड का काम भी ऑनलाईन डॉक्युमेंट्स के साथ किया जा सकता हैं. डिजिलॉकर के e-Sign टूल द्वारा युजर आपने हस्ताक्षर कर दस्तावेजों को स्व-प्रमाणित कर सकता हैं.
डिजिलॉकर का उपयोग कैसे करें – How to Use DigiLocker?
DigiLocker सेवा का उपयोग तीन तरीकों से किया जा सकता हैं.
- आप डिजिलॉकर कि आधिकारिक वेबसाईट के माध्यम से इस क्लाउड-आधारित सेवा को एक्सेस कर सकते हैं. इस पोर्टल का वेबपता निम्न है:
https://digilocker.gov.in - यदि आपके पास स्मार्टफोन है तो इसका मोबाईल एप डाउनलोड करके इस सेवा का लाभ लिया जा सकता हैं. डिजिलॉकर एंड्रॉइड तथा आईऑएस के लिए मुफ्त उपलब्ध हैं.
- इसके अलावा UMANG App के माध्यम से भी डिजिलॉकर को एक्सेस किया जा सकता है.
डिजिलॉकर पर पंजिकरण कैसे करें – DigiLocker Registration Process
आप चाहे वेबसाईट के माध्यम से एक्सेस करें या फिर मोबाईल एप के द्वारा उपयोग करें. मगर पहले आपको डिजिलॉकर की Aadhar-Based Registration Process पूरी करनी होगी तभी आप अपने दस्तावेज तथा प्रमाण-पत्र अपलोड एवं जारी कर सकते हैं.
डिजिलॉकर पर पंजिकरण करने से पहले निम्न जरूरी बातों का ध्यान अवश्य रखें:
- आपके पास एक एक्टिव मोबाईल नंबर होना चाहिए. ताकि ओटीपी प्रमाणिकरण पूरा हो सके.
- अपना आधार कार्ड अपने पास रखे या फिर आधार नंबर याद होने चाहिए.
- आपका आधार कार्ड मोबाईल नंबर से जुडा हुआ होना चाहिए. अन्यथा आपका प्रमाणिकरण नहीं हो पाएगा.
- और जो नंबर आधार कार्ड से जुडा हुआ है वह आपके पास एक्टिव उपलब्ध होना चाहिए.
डिजिलॉकर पर पंजिकरण करने का तरीका
Step: #1
सबसे पहले डिजिलॉकर पंजिकरण पोर्टल पर जाएं. और अपना मोबाईल नंबर दर्ज करें.
https://digilocker.gov.in/public/websignup#!
Step: #2
अब आपके मोबाईल नंबर को वेरिफाई करने के लिए एक OTP आएगा. इसे उचित जगह पर लिखे और आगे बढ़े.
Step: #3
इसके बाद डिजिलॉकर के लिए युजरनेम और पासवर्ड बना लें. आपका डिजिलॉकर खाता बन गया हैं.
Step: #4
अब आपसे आधार कार्ड प्रमाणिकरण और करवाया जाएगा. इसके लिए आप अपना 12 अंको का आधार नंबर लिखें, शर्तों पर सही का निशान लगाएं और सबमिट करें.
Step: #5
आधार कार्ड के साथ रजिस्टर मोबाईल नंबर प्राप्त OTP को लिखकर वेरिफिकेशन पूरा करें.
बधाई हो! अब आप डिजिलॉकर सेवा का उपयोग करने के लिए पूरी तैयार हो गए हैं. लॉग इन करके क्लाउड स्टोरेज का फायदा उठाईयें.
डिजिलॉकर से संबंधित शब्दावली और उनका अर्थ
Issuer – वह संस्था, एंजेसी अथवा व्यक्ति जो e-Documents जारी करता हैं.
Requester – वह संस्था, एंजेसी अथवा व्यक्ति जो e-Documents जारी करने का निवेदन करता हैं.
Resident – वह जो डिजिलॉकर सेवा का उपयोग करता हैं. यानि युजर.
Repository – e-Documents का संग्रह.
Access Gateway – e-Documents को सुरक्षित एक्सेस करने का माध्यम जो URI (Unique Resource Indicator) पर आधारित होता हैं.
डिजिलॉकर कितना सुरक्षित हैं – How Secure is DigiLocker?
यह सवाल आना स्वाभाविक है. जिस तेज गति से साईबर खतरे बढ रहे है. और सूचना की उपलब्धता डिजिटल हो रही हैं. इसलिए डिजिटल प्लैटफॉर्म की सुरक्षा जांच करना हर युजर का दायित्व बन जाता हैं. और एक सुरक्षित प्लैटफॉर्म की उपलब्धता उसका अधिकार भी हैं.
मगर, डिजिलॉकर की सुरक्षा की चिंता करने की कोई जरुरत नहीं हैं. यह एक सुरक्षित और कुशल डिजिलट प्लैटफॉर्म हैं. भारत सरकार द्वारा इसे और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए समय-समय दिशा-निर्देश जारी किये जाते रहते हैं.
इसलिए इसका हर अपडेटेड संस्करण गहन जांच और मानक कोडिंग पर खरा उतरने के बाद ही जारी किया जाता हैं.
डिजिलॉकर की सुरक्षा के लिए निम्न उपाय किये गए हैं.
256 Bit SSL Encryption – डिजिलॉकर पर सूचनाओं का आदान-प्रदान 256 बिट की सेक्योर सॉकेट लेयर (SSL) की कूत तकनीक से होता हैं. यह उपलब्ध Encryption Technology का सबसे सुरक्षित संस्करण हैं.
OTP Based-Registration – इस प्लैटफॉर्म पर केवल Genuine User ही अपना पंजिकरण करा सकता हैं. क्योकि पंजिकरण की पूरी प्रकिर्या मोबाईल-आधारित है जिसे ओटीपी द्वारा प्रमाणित किया जाता हैं.
Aadhar-Based Authentication – डिजिलॉकर पर दस्तावेज तथा प्रमाण-पत्रों को जारी करने के लिए युजर को आधार-आधारित प्रमाणिकरण प्रक्रिया से गुजरना पडता हैं.
ISO 27001 Certified Data Center – युजर का डेटा (दस्तावेज, प्रमाण-पत्र, निजि जानकारी) इंडिया में ISO 27001 के मानस से प्रमाणित डेटा सेंटरों में सुरक्षित रखा जाता हैं. और इसक पर्याप्त बैकअप भी लिया जाता हैं.
Timed Logout – यदि युजर द्वारा एक निश्चित समय तक कोई गतिविधि नहीं की जाती हैं तो डिजिलॉकर प्लैटफॉर्म से उसे स्वत: लॉग आउट कर दिया जाता हैं. अब उसे दुबारा से लॉग इन करना पडेगा तभी उपलब्ध सेवाओं को एक्सेस कर पाएगा.
इनके अलावा कुछ अन्य सुरक्षा मानकों को अपनाया जाता हैं. ताकि नागरिकों को एक सुविधाजनक, तेज और सुरक्षित प्लैटफॉर्म उपलब्ध करवाया जा सके.
आपने क्या सीखा?
इस लेख में हमने आपको डिजिलॉकर प्लैटफॉर्म के बारे में पूरी जानकारी दी हैं. आपने जाना कि डिजिलॉकर क्या है? इसका उपयोग कैसे करते है? इसके खास फीचर भी आपने जाने है. हमे उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा.
#BeDigital
बहुत अच्छा लगा आपका आर्टिकल पढ़कर काफी अपने विस्तार से बताया है धन्यवाद।
This blog is always best